World Milk Day: दूध बना विश्वास का प्रतीक, श्वेत क्रांति के जनक को दी श्रद्धांजलि
Headings
- 1 World Milk Day: दीप प्रज्वलन से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
- 2 World Milk Day: दूध बना विश्वास का प्रतीक – मेयर गजराज सिंह बिष्ट
- 3 World Milk Day: डॉ. वर्गीस कुरियन को दी श्रद्धांजलि
- 4 World Milk Day: ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ – मुकेश बोरा
- 5 World Milk Day: गुणवत्ता और स्वच्छता पर विशेष ज़ोर
- 6 World Milk Day: उत्साह और भागीदारी से भरा रहा आयोजन
- 7 World Milk Day: प्रबंधक संजय भाकुनी ने जताया आभार
नैनीताल, लालकुआं : विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ, लालकुआं द्वारा एक भव्य उपभोक्ता गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य दुग्ध उत्पादों के महत्व को रेखांकित करना और दुग्ध उत्पादकों के योगदान को सम्मानित करना था। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दुग्ध उत्पादक, कर्मचारी व आमजन उपस्थित रहे।
World Milk Day: दीप प्रज्वलन से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
गोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसे मेयर गजराज सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक नवीन दुम्का, उपनिदेशक संजय उपाध्याय और दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा ने संयुक्त रूप से किया। दीप प्रज्वलन के साथ ही कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ हुआ और मंच से वक्ताओं ने दुग्ध उद्योग से जुड़ी विभिन्न बातों पर अपने विचार साझा किए।
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World Milk Day: दूध बना विश्वास का प्रतीक – मेयर गजराज सिंह बिष्ट
अपने संबोधन में मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने कहा कि आंचल डेरी ने उत्तराखंड में श्वेत क्रांति को सफलतापूर्वक लागू किया है। उन्होंने कहा कि यहां का दूध और दुग्ध उत्पाद न केवल गुणवत्तापूर्ण हैं, बल्कि राज्यवासियों के विश्वास का प्रतीक भी बन चुके हैं। मेयर ने कहा कि आज आंचल डेरी एक ऐसा नाम बन चुका है जिस पर जनता आंख बंद कर भरोसा करती है।
World Milk Day: डॉ. वर्गीस कुरियन को दी श्रद्धांजलि
पूर्व विधायक नवीन दुम्का ने भारत में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीस कुरियन को याद करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से देश ने दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे डॉ. कुरियन के आदर्शों का अनुसरण करें और दुग्ध उत्पादन को एक सशक्त आर्थिक साधन के रूप में अपनाएं। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. कुरियन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
World Milk Day: ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ – मुकेश बोरा
दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा ने कहा कि दूध न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी है। उन्होंने कहा, दूध संपूर्ण आहार है, जो शरीर को पोषण देता है और हज़ारों ग्रामीण परिवारों के लिए आजीविका का साधन भी है। उन्होंने बताया कि दुग्ध उत्पादन से जुड़ी महिलाओं और छोटे किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
World Milk Day: गुणवत्ता और स्वच्छता पर विशेष ज़ोर
उपनिदेशक संजय उपाध्याय और यूसीडीएफ (उत्तराखंड सहकारी डेयरी फेडरेशन) के महाप्रबंधक आर. एम. तिवारी ने किसानों की मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने स्वच्छ और गुणवत्तायुक्त दूध उत्पादन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादकों को आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक तरीकों से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे बाजार की मांगों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद दे सकें।
World Milk Day: उत्साह और भागीदारी से भरा रहा आयोजन
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दुग्ध उत्पादकों, महिला स्वयं सहायता समूहों, डेयरी कर्मचारियों और आम नागरिकों की भागीदारी देखने को मिली। सभी उपस्थितजनों ने दुग्ध उद्योग के भविष्य, इसमें मौजूद संभावनाओं और चुनौतियों पर गंभीर चर्चा की। इस अवसर पर कई प्रकार की सूचनात्मक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिनमें दुग्ध उत्पादन की प्रक्रिया, गुणवत्ता परीक्षण और डेयरी उपकरणों की जानकारी दी गई।
World Milk Day: प्रबंधक संजय भाकुनी ने जताया आभार
गोष्ठी के अंत में नैनीताल दुग्ध संघ के प्रबंधक प्रशासन संजय भाकुनी ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और उपस्थितजनों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन दुग्ध उत्पादकों का मनोबल बढ़ाने और समाज में दूध की भूमिका को रेखांकित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा है।