Weather News Update: उत्तर भारत में गर्मी का कहर, IMD ने जारी किया रेड अलर्ट
Headings
- 1 Weather News Update:
- 2 Weather News Update: अभूतपूर्व तापमान और लू की लहरें
- 3 Weather News Update: स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव और बचाव के उपाय
- 4 Delhi Fire News : द्वारका के अपार्टमेंट में लगी आग, पिता और दो बच्चों की दर्दनाक मौत
- 5 Weather News Update: IMD का अलर्ट और बारिश की उम्मीद
- 6 Weather News Update: कब और कहाँ हो सकती है बारिश?
- 7 Weather News Update: दीर्घकालिक दृष्टिकोण और आगे की चुनौतियां
Weather News Update:
उत्तर भारत के विशाल मैदान इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में हैं, जहां पारा लगातार नए रिकॉर्ड तोड़ रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से तक, सूरज की तपिश लोगों को झुलसा रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई राज्यों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है, जो आम जनता को अत्यधिक सावधानी बरतने का संकेत है।
Weather News Update: अभूतपूर्व तापमान और लू की लहरें
पिछले कुछ दिनों से उत्तरी राज्यों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है, और कई स्थानों पर तो यह 47-48 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े को भी पार कर गया है। दिल्ली के पालम और सफदरजंग वेधशालाओं में लगातार उच्च तापमान दर्ज किया जा रहा है, जिससे दिन का तापमान सामान्य से 5 से 7 डिग्री अधिक है। राजस्थान के चूरू, गंगानगर और बीकानेर जैसे इलाके हर साल की तरह इस साल भी भीषण गर्मी के केंद्र बने हुए हैं, जहां रेत की तपिश और लू के थपेड़े जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा के भी कई शहर, जैसे अमृतसर, लुधिया पटियाला, और हिसार, भी गर्मी की चपेट में हैं, जहां सुबह 10 बजे के बाद से ही घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
लू की लहरें, जिन्हें ‘हीटवेव’ कहा जाता है, सामान्य से अधिक तापमान के साथ-साथ तेज और गर्म हवाओं का एक संयोजन हैं जो शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। IMD के अनुसार, जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है, तो लू की स्थिति मानी जाती है। यदि यह वृद्धि 6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक होती है, तो यह ‘गंभीर लू’ की श्रेणी में आती है। वर्तमान में, उत्तर भारत के अधिकांश हिस्से गंभीर लू की स्थिति का सामना कर रहे हैं।
Weather News Update: स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव और बचाव के उपाय
इस प्रचंड गर्मी का सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। अस्पतालों में हीटस्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, चक्कर आना और उल्टी के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों से ग्रसित लोगों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचने, ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनने, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करने की सलाह दी है। नींबू पानी, छाछ, लस्सी और नारियल पानी जैसे तरल पदार्थों का सेवन शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद कर सकता है।
पशुधन और वन्यजीव भी इस गर्मी से प्रभावित हो रहे हैं। कई राज्यों में जानवरों के लिए पानी के विशेष इंतजाम किए गए हैं, जबकि वन विभाग वन्यजीवों को गर्मी से बचाने के लिए विभिन्न उपाय कर रहा है।
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Weather News Update: IMD का अलर्ट और बारिश की उम्मीद
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में बताया है कि उत्तर भारत में गर्मी का यह प्रकोप अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा। विभाग ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है, जिसका अर्थ है कि लोगों को बहुत अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
हालांकि, राहत की खबर यह है कि IMD ने भविष्यवाणी की है कि जून के दूसरे पखवाड़े (लगभग 15-20 जून के बाद) से स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होने की संभावना है। मानसून, जो इस समय देश के दक्षिणी हिस्सों में सक्रिय है, धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रहा है। IMD के मॉडल बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ का कुछ प्रभाव उत्तरी राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश ला सकता है।
Weather News Update: कब और कहाँ हो सकती है बारिश?
IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, 20 जून के आसपास या उसके बाद दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में प्री-मानसून वर्षा की गतिविधियां शुरू हो सकती हैं। यह बारिश छिटपुट और हल्की हो सकती है, लेकिन यह निश्चित रूप से तापमान में कुछ गिरावट लाएगी और लू से राहत दिलाएगी। राजस्थान के पूर्वी हिस्सों और मध्य प्रदेश में भी इसी अवधि के दौरान गरज-चमक के साथ बारिश की उम्मीद है। हालांकि, पश्चिमी राजस्थान के कुछ इलाकों में राहत मिलने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है।
यह शुरुआती मानसूनी वर्षा, जो आमतौर पर जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में होती है, इस बार थोड़ी पहले दस्तक दे सकती है, जिससे किसानों को भी कुछ राहत मिलेगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां खरीफ फसलों की बुवाई शुरू होने वाली है।
Weather News Update: दीर्घकालिक दृष्टिकोण और आगे की चुनौतियां
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी की ऐसी लहरें और अधिक सामान्य होती जा रही हैं। शहरीकरण और वनों की कटाई भी शहरों में ‘हीट आइलैंड’ प्रभाव को बढ़ा रही है, जिससे शहरी क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक गर्म हो रहे हैं। सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर ऐसी चरम मौसम घटनाओं का सामना करने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों पर काम करने की आवश्यकता है, जिसमें अधिक पेड़ लगाना, जल संरक्षण को बढ़ावा देना और ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना शामिल है।
फिलहाल, उत्तर भारत के लोगों को IMD द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इस भीषण गर्मी से खुद को बचाना होगा। उम्मीद है कि जल्द ही मानसून की बूंदें इस तपती धरती को ठंडक प्रदान करेंगी और जनजीवन को फिर से सामान्य करेंगी।