Uttrakhand : मॉनसून का कहर, यमुनोत्री हाईवे ठप, यात्रियों की राह मुश्किल
(Tehelka Desk) Uttrakhand :
मॉनसून की मार
उत्तराखंड में बचे हुए चारधाम (यमुनोत्री–गंगोत्री) की यात्रा अभी भी गंभीर संकट में है। Yamunotri हाईवे पर तीन दिनों से लगातार उपद्रव जारी है भारी बारिश के कारण भू-धंसाव और पत्थर-बिखराव से सड़क अवरुद्ध है। इसके परिणामस्वरूप सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं, जिन्हें अभी भी निकालने की योजनाएँ अटक रही हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन सतर्क मोड़ पर खड़ा है।
यमुनोत्री हाईवे क्यों बंद है?
- 26 जून की रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण पाली गाड़ क्षेत्र में भू-धंसाव हुआ, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है।
- पर्वतीय भूनाजुक इलाकों में बड़े-बड़े चट्टान टूटकर गिर रही हैं, जिससे हाईवे पर जा रहे वाहनों का जोखिम लगातार बढ़ रहा है।
- एनएच विभाग और BRO की टीमों ने मलबा हटाने का काम शुरू किया, लेकिन तीव्र बारिश के बीच लंबे समय तक अटका रहेगा। प्रशासन के अनुसार, तीन दिन तक काम जारी रह सकता है, यानी मार्ग तीन जुलाई तक भी बंद रह सकता है।
फंसे श्रद्धालुओं की दास्तान
- हाईवे बंद होने से दोनों ओर लगभग सैकड़ों वाहन बसें, निजी कारें और ऑटोरिक्शा जाम में पड़े हैं, जिनमें बड़े पैमाने पर श्रद्धालु प्रभावित हैं।
- कुछ यात्रियों को फिलहाल साधारण राहत सुविधाएँ जैसे पानी, भोजन और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की जा रही है।
- प्रशासन ने छोटे वाहनों से ट्रांसशिपमेंट के जरिए जाम से निकासी शुरू करने की कवायद की है, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके।
गंगोत्री यात्रा पर क्या असर पड़ा?
- गंगोत्री हाईवे पर भी भूस्खलन और नदी किनारे सुरक्षा दीवार को नुकसान पहुंचा है भगीरथी नदी ने बाँध तोड़ा, जिससे रोड किनारे कटाव हुआ और ट्रैफिक धीमा हो गया।
- BRO की ओर से आरसीसी दीवार बनाने की योजना तैयार की गई है, लेकिन उसे क्रियान्वित करने तक स्थिति अस्थिर बनी रहेगी।
- फिलहाल के लिए गंगोत्री की यात्रा आंशिक रूप से जारी है, लेकिन ज़िला प्रशासन अलर्ट मोड में है।
यात्रा फिर कब शुरू होगी?
- Char Dham यात्रा में 24 घंटे के लिए पिछले कुछ क्षेत्रों में रोका गया था, लेकिन अब अधिकांश मार्ग केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री 18 घंटे में फिर से चालू हो चुके हैं।
- हालांकि, यमुनोत्री मार्ग तीन दिन के लिए बंद रखा गया और जब इसका पुनः मार्ग खुलता है, तभी यात्रियों को जाम से निकाला जाएगा।
- मौसम विभाग (IMD) ने 3 जुलाई तक पीले और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें तेज बारिश, बिजली, वायु-भारी हवाओं की चेतावनी है इसलिए रोड बहाली उसी के बाद सुनिश्चित होगी।
प्रशासनिक कार्रवाई और सुरक्षा उपाय
- नाइटली कैंप और राहत शिविरों की व्यवस्था
स्थानीय प्रशासन ने फंसे श्रद्धालुओं के लिए खेत-खलिहान में राहत शिविर बनाए हैं जहाँ उन्हें भोजन और प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है। - रुखावट हटाने के लिए मशीनरी तैनाती
NH, BRO और PWD विभागों ने जेसीबी, ट्रैक्टर और श्रमिकों को साइट पर तैनात किया हुआ है। - मॉनसून निगरानी टीमों की सुनिश्चित उपस्थिति
प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि सभी विभागीय कर्मचारी यंत्रों के साथ मोर्चे पर मौजूद रहें, ताकि नए भू-धंसाव पर तत्काल कार्यवाही हो सके। - सतर्कता बढ़ाने के लिए अलर्ट जारी
सभी DM, SDM को निर्देश दिया गया है कि वे लाइव मॉनिटरिंग करें और मौसम बिगड़ने पर यत्रियों को तुरंत वापस भेजने के निर्देश जारी करें।
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क्यों बार-बार बाधा आ रही?
- भूस्खलन-प्रवण इलाकों की आनुवंशिक संवेदनशीलता, बारिश तीव्र होने पर ऊपरी हिमालयी इलाके स्वाभाविक रूप से संवेदनशील होते हैं।
- पुरानी निर्माण समस्याएँ:Loharinag-Pala जैसे अधूरे प्रोजेक्ट द्वारा तेज नदी रुखों को मोड़ना सड़क की सेफ़्टी को प्रभावित करता है।
- मॉनसून की अनियंत्रित प्रकृति: लगातार बारिश से मिट्टी ढहती है, दीवारें धंसती हैं इससे सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं।
यात्रा करने वालों के लिए परिचर्या
- रूट बदलें: फिलहाल गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा पर विचार करें और वे ज्यादातर खुल चुके हैं।
- रखी रखें ताजा जानकारी: यातायात और मौसम पर DM/SDM के निर्देशों को गंभीरता से पालन करें।
- राहत शिविरों का सहयोग करें: अगर फंस गए हैं, तो निकटतम ज़िला केंद्र या 1070/112 नंबरों पर संपर्क करें।
यमुनोत्री हाईवे तीन दिनों से बंद है, तीर्थयात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन राहत एवं बहाली के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। मौसम में सुधार और मलबा हटने के बाद ही मार्ग खुलेगा। गंगोत्री मार्ग आंशिक रूप से सक्रिय है, जबकि चारधाम यात्रा लगभग सामान्य रफ्तार पकड़ चुकी है। यात्रियों से संयम और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखने की अपील प्रशासन द्वारा की गई है।