Uttarakhand Road Accident : खाई में गिरा ट्रक, एक की मौत, दो घायल
(रिपोर्ट-Anjali Kanhaiya)Uttarakhand Road Accident :
हादसे की जानकारी
हरिद्वार–देहरादून मुख्य मार्ग से desviated होकर हरिपुर–कोटी–मीनस मार्ग पर मंगलवार की शाम को खौफनाक सड़क हादसा हुआ। दिल्ली से ताज़ा टमाटर बेचकर हिमाचल प्रदेश के Kosi Riverकिनारे बसे नेरवा गांव लौट रहे आयशर ट्रक ने अचानक स्टेयरिंग फेल हो जाने के कारण गहरे मोड़ पर नियंत्रण खो दिया और लगभग 600 फ़ीट गहरी खाई में जा गिरा।
ट्रक पर तीन लोग सवार थे , ड्राइवर इसराइल तथा सह-चालक असलम और गुलाम। हादसे में इसराइल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि असलम व गुलाम गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों की टीमों ने अंधेरे में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
Uttarakhand Road Accident : रेस्क्यू ऑपरेशन, अंधेरे में जंग
जब स्थानीय पुलिस को जानकारी मिली तो महज़ 15 मिनट के भीतर एसडीआरएफ की टीम, पुलिस बल तथा मासूम ग्रामीण मौके पर पहुँच गए। सघन जंगल, फिसलन और घने अँधेरे के बीच ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था। बचाव दल ने पहाड़ी ट्रैक्टर-ट्रॉली, रस्सियां और हाइट लाइटर लाइटिंग का उपयोग किया।
करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद संघर्ष के साथ दोनों घायल—असलम व गुलाम—को खाई से निकालकर नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, जिसकी पहचान स्थानीय प्रशासन ने पुष्ट की है।
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Uttarakhand Road Accident :प्राथमिक सूचना, बचाव के बाद रिपोर्ट
- मृतक: इसराइल (45 वर्षीय, नेरवा गांव निवासी)
- गंभीर रूप से घायल: असलम (37 वर्षीय) व गुलाम (40 वर्षीय)
- स्थान: हरिपुर–मीनस मार्ग
- हादसे का मुख्य कारण: ट्रक की स्टेयरिंग सिस्टम की तकनीकी खराबी
दोनो घायल टखने व छाती में मामूली चोटों के साथ, फिलहाल विकासनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाजरत हैं। हालत स्थिर बताई जा रही है।
Uttarakhand Road Accident : वाहन जांच, तकनीकी खराबी या देखरेख की कमी?
स्थानीय पुलिस ने प्रारंभिक जानकारी में बताया कि ट्रक की स्टेयरिंग मशीनरी पर मरम्मत न होने या निरीक्षण न करने का असर रहा होगा।
ड्राइवर के साथी का कहना है कि गाड़ी से अचानक धक्का-धक्का हुआ और कोई कंट्रोल ही नहीं रहा।
पुलिस अब ट्रक की सटीक स्थिति तथा माइनटिनेंस रिकॉर्ड की जांच कर रही है ताकि यह साफ़ हो सके कि यह दुर्घटना टेक्निकल खराबी की वजह से हुई या उच्च गति/लोड की वजह से।
Uttarakhand Road Accident : सड़क सुरक्षा की फिर से जांच
यह हादसा उत्तराखंड के पहाड़ी मार्गों पर बढ़ती सड़कीय दुर्घटनाओं की चिंताजनक चेतावनी है।
हरिपुर–मीनस रोड़ ऐसे कई मोड़ों से गुजरता है जहाँ ब्रेकर, गार्डर और चेतावनी साइनबोर्ड की कमी साफ नज़र आती रही है।
स्थानीय रेल अभियंता तथा पार्षद रवीन्द्र सिंह का कहना है, “पहाड़ी रास्तों पर गश्त बढ़ाने और पहले से ही ब्रैकर व रोड मार्किंग बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है।”
एसडीआरएफ कमांडर राजेश भाटी ने कहा, “हमें माइनटिनेंस के साथ-साथ ड्राइवरों को नियमित तकनीकी जांच, गाड़ी की लाइसेंसिंग और सेफ्टी ट्रेनिंग अनिवार्य करने की सिफारिश करनी चाहिए।”
Uttarakhand Road Accident : स्थानीय प्रतिक्रिया और दर्द
नेरवा गांव में मृतक परिवार को सूचना मिलते-पल में सदमे की लहर दौड़ गई। परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और टमाटर की बिक्री से ही गुजर बसर होती है।
Uttarakhand Road Accident :परिजनों की गुहार
“उसके पास घर का एक छोटा टुकड़ा है… उसकी मौत के बाद पूरा परिवार आजीविका के संकट में है।”
स्थानीय ग्रामीणों ने एसडीआरएफ और पुलिस की प्रशंसा की, क्योंकि तेज कार्रवाई से दो लोगों की जान बची।
Uttarakhand Road Accident : सड़कीय सुरक्षा, क्या किया जाए आगे?
- टेक्निकल इंस्पेक्शन: नियमित समय पर वाहन की पूरी जाँच, विशेष रूप से स्टेयरिंग, ब्रेक, घ’ड़ी बॉडी आदि का निरीक्षण
- सड़क सुधार: उच्च जोखिम वाले मोड़ों पर स्ट्रॉन्ग गार्डर, ब्रेकर, चेतावनी लाईन्, हाई-टेक स्लाइडर
- ड्राइवर ट्रेनिंग: सेफ ड्राइविंग ट्रेनिंग और पहाड़ी ड्राइविंग परीक्षण अनिवार्य
- राउंड-द-क्लॉक गश्त: पुलिस और परिवहन विभाग मिलकर निगरानी संवेदनशील रोड्स पर मजबूत करें
- रीयल-टाइम अलर्ट सिस्टम: सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी साझा करने हेतु मोबाइल व्हाट्सऐप/एलर्ट सिस्टम
- हादसा चेतावनी नहीं दुर्भाग्य था
- हरिपुर–मीनस मार्ग पर हुए आयशर ट्रक हादसे में एक जनहानि और दो सामान्य घायल लोग बचा, जिसमें तकनीकी खराबी की प्राथमिक पुष्ट सूचना है। बड़ी बात यह है कि एसडीआरएफ-स्थानीय पुलिस-सामुदायिक साझेदारी ने मुसीबत में छाँव दी।
- लेकिन यह केवल एक एकल दुर्घटना नहीं—यह सड़कीय सुरक्षा में लंबे समय से चली आ रही लापरवाही की तस्वीर है। यदि मौजूदा सिस्टम में सुधार न हुआ, तो हर पल एक नया कहर आसमान की तरह हमारे ऊपर टूट सकता है।
- इस सौभाग्य के साथ कि राहत दल तैनात थे, हमें स्थिति सुधार और भविष्य की रक्षा की दिशा में तत्काल कदम उठाना चाहिए।