Ujjain Engineering Students Innovation : दिल का दौरा पड़ने से पहले करेगा यह डिवाइस अलर्ट,100 नंबर को भेजेगा मैसेज
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- 1 Ujjain Engineering Students Innovation : उज्जैन के छात्रों ने बनाया जिंदगी बचाने वाला डिवाइस
- 2 Ujjain Engineering Students Innovation : सिर्फ 5 हज़ार में तैयार हुआ ये डिवाइस, जो इमरजेंसी में बन सकता है आपका सबसे बड़ा सहारा
- 3 Ujjain Engineering Students Innovation : सिर्फ तीन महीनों की मेहनत, और तैयार हो गई ज़िंदगी बचाने वाली डिवाइस
Ujjain Engineering Students Innovation : (Tehelka Desk) उज्जैन की गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के पाँच होनहार छात्रों ने एक ऐसी अनोखी डिवाइस तैयार की है, जो ज़रूरतमंदों की जिंदगी बचाने में क्रांतिकारी साबित हो सकती है। देशभर में अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौतों को देखते हुए इन छात्रों ने अपने प्रोफेसर वाय.एस. ठाकुर के मार्गदर्शन में महज़ तीन महीनों में यह स्मार्ट डिवाइस तैयार की है। यह डिवाइस सिर्फ हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के लिए ही नहीं, बल्कि महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिहाज़ से भी बेहद कारगर है।
चाहे बात हो सड़क पर किसी महिला से छेड़छाड़ की, चोरी या स्नैचिंग की, या फिर किसी सड़क दुर्घटना की—यह डिवाइस तुरंत मदद भेजने में सक्षम है। छात्रों का मानना है कि यह टेक्नोलॉजी आम लोगों की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है, खासकर उन हालात में जब कुछ सेकंड में ही कोई ज़िंदगी बचाई जा सकती है। यह इन युवाओं की सोच, संवेदनशीलता और टेक्नोलॉजी के ज़रिए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की जिजीविषा को दर्शाता है। यह डिवाइस उज्जैन के इस कॉलेज को ही नहीं, पूरे देश को गर्व महसूस करा रही है।
Ujjain Engineering Students Innovation : उज्जैन के छात्रों ने बनाया जिंदगी बचाने वाला डिवाइस
कई बार ज़िंदगी और मौत के बीच का फासला महज़ कुछ मिनटों का होता है—खासतौर पर तब, जब बात हार्ट अटैक या किसी सड़क हादसे की हो। देश में हार्ट अटैक से होने वाली अधिकतर मौतों की बड़ी वजह है समय पर इलाज न मिल पाना। वहीं, कई बार महिलाएं या बुज़ुर्ग लोग सड़क पर मदद की आस लगाए खड़े रहते हैं, लेकिन कोई समय रहते उनके पास नहीं पहुंच पाता। ऐसे ही हालात को बदलने का बीड़ा उठाया है उज्जैन के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के पाँच होनहार छात्रों ने।
उन्होंने अपने प्रोफेसर वाय.एस. ठाकुर के मार्गदर्शन में एक बेहद खास और हाईटेक डिवाइस तैयार की है—एक ऐसी स्मार्ट डिवाइस जो इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत मदद भेज सकती है। चाहे हार्ट अटैक की स्थिति हो, किसी महिला के साथ छेड़छाड़, कोई सीनियर सिटीजन सड़क पर मुसीबत में हो, या फिर कोई हादसा—यह डिवाइस तुरंत अलर्ट भेजती है और मदद की प्रक्रिया शुरू कर देती है। यह न सिर्फ तकनीकी रूप से एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि मानवता की सेवा के लिए युवाओं की संवेदनशील सोच का बेहतरीन उदाहरण भी है। इन छात्रों की मेहनत और सोच यह दिखाती है कि टेक्नोलॉजी अगर सही दिशा में इस्तेमाल हो, तो वह सचमुच ज़िंदगियाँ बदल सकती है।
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Ujjain Engineering Students Innovation : सिर्फ 5 हज़ार में तैयार हुआ ये डिवाइस, जो इमरजेंसी में बन सकता है आपका सबसे बड़ा सहारा
जब भी किसी व्यक्ति की हार्ट रेट अचानक बहुत ज़्यादा या बहुत कम हो जाती है, या ब्लड प्रेशर असामान्य होता है, तो यह डिवाइस तुरंत एक्टिव हो जाती है। इसमें लगा सेंसर, प्रोसेसर, सिम कार्ड, बैटरी और कैमरा मिलकर एक तेज़ और स्मार्ट सिस्टम बनाते हैं। जैसे ही कोई इमरजेंसी सिचुएशन आती है, यह डिवाइस पहले से सेव किए गए 100 मोबाइल नंबरों पर अलर्ट मैसेज भेजता है। लेकिन अगर उस मैसेज का जवाब नहीं मिलता, तो यह पीछे नहीं हटता—यह एक-एक करके सभी 100 लोगों को कॉल करता है।
और यही नहीं, अगर कॉल का भी जवाब नहीं मिलता, तो यह वीडियो कॉल करना शुरू कर देता है—ताकि सामने वाला स्थिति को लाइव देख सके और तुरंत मदद कर सके। इसमें ऑडियो और वीडियो दोनों की सुविधा है, जिससे ज़रूरी जानकारी बिना किसी देरी के सामने पहुंचती है। सबसे हैरानी की बात यह है कि इतनी हाईटेक और जान बचाने वाली डिवाइस महज 5 हज़ार रुपये की लागत में तैयार की गई है।
यह सिर्फ एक तकनीकी इनोवेशन नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए एक सस्ती, सुलभ और बेहद ज़रूरी मददगार साथी है। इन छात्रों ने दिखा दिया कि जब इरादे नेक हों और सोच समाज के लिए हो, तो कम संसाधनों में भी बड़ा चमत्कार किया जा सकता है।
Ujjain Engineering Students Innovation : सिर्फ तीन महीनों की मेहनत, और तैयार हो गई ज़िंदगी बचाने वाली डिवाइस
उज्जैन के गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के पांच होनहार छात्रों ने यह साबित कर दिया है कि अगर इरादे मज़बूत हों तो कम समय में भी बड़ा काम किया जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ब्रांच के अंतिम वर्ष के छात्र—मोहित कुमार, हर्ष श्रीवास्तव, राहुल सिंह रावत, ओम कृष्ण कुमार जायसवाल और विशाल रघुवंशी—ने अपने प्रोफेसर वाय.एस. ठाकुर के मार्गदर्शन में यह स्मार्ट डिवाइस तैयार की है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इस हाईटेक डिवाइस को तैयार करने में इन्हें सिर्फ तीन महीने लगे। इस दौरान इन्होंने दिन-रात मेहनत की, रिसर्च की, सर्किट डिजाइन किए, कोडिंग की, टेस्टिंग की—और नतीजा सामने है। इन युवाओं की यह पहल न सिर्फ टेक्नोलॉजी में उनकी पकड़ दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि अगर शिक्षा को सही दिशा मिले तो छात्र समाज के असली हीरो बन सकते हैं।