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 Sitapur Power Crisis: कांग्रेस सांसद राकेश राठौर ने गांव में किया निरीक्षण, ग्रामीणों को दिलाया भरोसा

(Tehelka Desk) Sitapur Power Crisis: 

Uttar Pradesh  के सीतापुर जिले में बिजली संकट को लेकर राजनीति लगातार गरमाती जा रही है। पिछले दो दिनों में जहां मौजूदा बीजेपी विधायक और पूर्व सपा विधायक के बीच नोकझोंक हुई, वहीं अब कांग्रेस सांसद राकेश राठौर ने खुद गांव-गांव जाकर हालात का जायजा लिया। सांसद ने ग्रामीणों से मुलाकात कर बिजली संकट का निस्तारण कराने का भरोसा दिया है। पूरा मामला पिसावां थाना क्षेत्र के गड़ासा गांव से जुड़ा है, जहां लंबे समय से बिजली आपूर्ति की लचर व्यवस्था ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।

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 पिछले दो दिन से क्यों गरम है सीतापुर की राजनीति?

सीतापुर जिले में इन दिनों बिजली कटौती, जर्जर तार और फॉल्ट की समस्या को लेकर जनता में भारी नाराजगी है। ग्रामीण इलाकों में बिजली अक्सर कई-कई घंटों तक गुल रहती है। इससे किसानों से लेकर छोटे दुकानदारों तक सबकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है।

दो दिन पहले इसी मुद्दे को लेकर मौजूदा बीजेपी विधायक और पूर्व सपा विधायक के बीच तीखी बहस हो गई थी। बताया जाता है कि एक पंचायत में बिजली आपूर्ति पर सवाल पूछे जाने पर दोनों नेताओं के समर्थक भी आपस में उलझ गए। इसके बाद से यह मुद्दा और भी ज्यादा गर्म हो गया।

 सांसद राकेश राठौर क्यों उतरे मैदान में?

सीतापुर से कांग्रेस सांसद राकेश राठौर ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लिया। उन्होंने रविवार को पिसावां थाना क्षेत्र के गड़ासा गांव में खुद पहुंचकर लोगों से बातचीत की। गांव में पहुंचते ही सांसद ने बिजली आपूर्ति की स्थिति का मुआयना किया। उन्होंने देखा कि कई जगह बिजली के तार लटक रहे हैं, ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं और फॉल्ट की वजह से लाइन बार-बार ट्रिप हो रही है।

ग्रामीणों ने सांसद के सामने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं। उनका कहना था कि दिन में मुश्किल से 4-5 घंटे बिजली मिल रही है। कई बार पूरी रात बिजली नहीं रहती, जिससे गर्मी और मच्छरों से लोग परेशान हैं। खेती-किसानी के लिए जरूरी सिंचाई भी रुक रही है।

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 ग्रामीणों ने क्या कहा?

गड़ासा गांव के किसान राजू सिंह ने कहा, “हमने कई बार बिजली विभाग में शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ट्रांसफार्मर आए दिन खराब रहता है। बिजली के खंभे गिरने की कगार पर हैं। बार-बार फॉल्ट होने से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।”

एक अन्य ग्रामीण महिला सुनीता देवी ने कहा कि “गांव में रात के वक्त बिजली ना होने से चोरी-डकैती का डर भी बना रहता है। महिला और बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं।”

 सांसद ने क्या आश्वासन दिया?

सांसद राकेश राठौर ने मौके पर बिजली विभाग के अफसरों को फोन कर तुरंत समस्या का हल निकालने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वो जिले के डीएम और ऊर्जा मंत्री से भी बात करेंगे।

सांसद ने कहा, “बिजली गांव की बुनियादी जरूरत है। मैं खुद गांव में आकर देख रहा हूं कि समस्या कितनी गंभीर है। मैंने अफसरों को निर्देश दिया है कि ट्रांसफार्मर तुरंत बदले जाएं, पुराने तारों को दुरुस्त किया जाए और जहां-जहां खंभे टूटे हैं, उन्हें बदला जाए। मैं वादा करता हूं कि गड़ासा गांव ही नहीं बल्कि पूरे पिसावां क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को लेकर कोई कमी नहीं रहने दूंगा।”

 राजनीति में बढ़ा आरोप-प्रत्यारोप का दौर

सांसद के निरीक्षण के बाद बीजेपी और सपा के स्थानीय नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप और तेज हो गए हैं। बीजेपी विधायक के समर्थकों का कहना है कि विपक्ष बिजली मुद्दे को बेवजह बड़ा बना रहा है। वहीं सपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि मौजूदा सरकार सिर्फ वादे करती है, जमीनी हालात ज्यों के त्यों हैं।

कांग्रेस ने इसे अपना मुद्दा बना लिया है। सांसद राकेश राठौर ने साफ कहा कि अगर बिजली विभाग ने जल्द काम नहीं किया तो वे विधानसभा तक आवाज उठाएंगे।

 बिजली विभाग ने क्या कहा?

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ जगह ट्रांसफार्मर पुराने हैं जिन्हें बदलने की प्रक्रिया चल रही है। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि मानसून से पहले मरम्मत का काम तेजी से होगा ताकि बारिश के वक्त और ज्यादा परेशानी ना हो।

 किसानों की सबसे बड़ी चिंता – फसल

गड़ासा गांव और आसपास के इलाकों में धान की बुआई का सीजन चल रहा है। ऐसे में किसानों के लिए लगातार बिजली रहना बेहद जरूरी है। बिजली की कमी से सिंचाई बाधित हो रही है। किसान डीजल पंप से पानी खींचने को मजबूर हैं, जिससे उनकी लागत भी बढ़ रही है।

 क्या असर पड़ेगा 2027 के विधानसभा चुनाव पर?

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसे मुद्दे सीधे तौर पर वोट बैंक को प्रभावित करते हैं। ग्रामीण इलाकों में बिजली, पानी और सड़क जैसे मुद्दे चुनावी नतीजों को बदलने की ताकत रखते हैं। सीतापुर में पहले ही बीजेपी, सपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला रहा है। ऐसे में बिजली संकट पर गरमाई सियासत अगले चुनावी समीकरण पर असर डाल सकती है।

गड़ासा गांव की बिजली समस्या ने सीतापुर जिले में सियासत को नई धार दी है। सांसद राकेश राठौर का गांव पहुंचना विपक्ष के लिए नया हथियार बन सकता है। अब देखना होगा कि प्रशासन और बिजली विभाग कितनी तेजी से इस पर काम करता है और ग्रामीणों को कब तक राहत मिलती है।

 

Muskan Kanojia

Asst. News Producer (T)

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