(Tehelka Desk)Shubhanshu Shukla:
भारतीय अंतरिक्ष मिशन को एक और ऐतिहासिक क्षण मिला जब अंतरिक्ष यात्री Shubhanshu Shukla ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती पर
पहला वीडियो संदेश भेजा। शुभांशु ने देशवासियों को ‘नमस्कार’ कहते हुए जो शब्द कहे, उन्होंने देश के करोड़ों दिलों को छू लिया
“ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैं एक बच्चा चलना सीख रहा हूं… जीरो ग्रेविटी में शरीर को संभालना और दिशा तय करना बेहद रोमांचक है।” उनके इस मासूम और सच्चे अनुभव ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है।
Shubhanshu Shukla : जीरो ग्रेविटी का अनुभव, ‘संतुलन जैसी कोई चीज़ नहीं’
शुक्ला ने बताया कि जब कोई पहली बार जीरो ग्रेविटी में जाता है, तो सबसे पहले उसका शरीर आदतों के खिलाफ काम करता है। जहां धरती पर हमें उठने-बैठने और चलने की आदत होती है, वहीं अंतरिक्ष में कोई सतह नहीं, कोई गुरुत्वाकर्षण नहीं। हर कदम सोच-समझकर उठाना होता है, वरना आप हवा में तैरते रह जाएंगे, शुभांशु ने मुस्कराते हुए कहा। उन्होंने इसे शरीर और दिमाग के तालमेल का नया स्तर बताया।
Shubhanshu Shukla : शुभांशु शुक्ला कौन हैं , जानिए भारत के इस गौरव की कहानी
- शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के निवासी हैं।
- वे भारतीय वायुसेना में पायलट रह चुके हैं।
- उन्हें ISRO और NASA की संयुक्त ट्रेनिंग मिली है।
- वह भारत की ओर से पहले Gaganyaan सहयोगी मिशन के तहत ISS भेजे गए हैं।
उनकी सादगी और समर्पण ने उन्हें देश का हीरो बना दिया है।
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Shubhanshu Shukla : धरती से अंतरिक्ष तक, भारत का बढ़ता कदम
भारत पिछले कुछ सालों में अंतरिक्ष अनुसंधान में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। ISRO की अगुआई में भारत ने चंद्रयान, आदित्य-एल1 और अब मानव मिशन की ओर कदम बढ़ाया है।
शुभांशु की यह यात्रा भारत के पहले पूर्ण मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए एक बड़ी तैयारी और परीक्षण मानी जा रही है।
Shubhanshu Shukla : वीडियो संदेश का भावनात्मक पहलू, परिवार को किया याद
अपने संदेश में शुभांशु ने अपने माता-पिता, परिवार और भारत के नागरिकों को धन्यवाद देते हुए कहा की जब मैं भारत को नीचे देखता हूं, तो गर्व होता है कि मैं उस मिट्टी से आया हूं जिसने मुझे उड़ना सिखाया। मैं अपनी मां, पिता और शिक्षकों को याद कर रहा हूं। उनकी आवाज़ में भावना और आंखों में चमक देख हर भारतीय भावुक हो गया।
Shubhanshu Shukla : सोशल मीडिया पर वायरल , हमारा हीरो’ बना ट्रेंड
शुभांशु का यह वीडियो कुछ ही घंटों में ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर ट्रेंड करने लगा।
लोगों ने लिखा:
- #ProudOfShubhanshu
- #IndianInSpace
- #NamasteFromSpace
वीडियो को सरकारी संस्थाओं और बॉलीवुड सेलेब्स ने भी साझा किया।
Shubhanshu Shukla : अंतरिक्ष की चुनौतियां, विज्ञान की नई दुनिया
शुभांशु ने अपने संदेश में बताया कि अंतरिक्ष में
- नींद लेने के लिए शरीर को बेल्ट से बांधना होता है
- भोजन तैरते पाउच में आता है
- हर काम को सोच-समझकर करना पड़ता है, क्योंकि चीजें उड़ सकती हैं
यह अनुभव केवल तकनीकी नहीं, बल्कि मानव जिज्ञासा की पराकाष्ठा है।
Shubhanshu Shukla : अंतरिक्ष से मिला संदेश, भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
शुभांशु का यह ‘नमस्कार’ सिर्फ एक शब्द नहीं था। वह था एक संदेश कि सपनों की कोई सीमा नहीं होती।
भारत का हर बच्चा अब कह सकता है की अगर शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जा सकते हैं, तो हम भी किसी भी ऊंचाई को छू सकते हैं।