Headings
- 1 Russia-Ukraine Conflict : लंदन में होगी शांति समझौते की महाबैठक
- 2 Russia-Ukraine Conflict : अमेरिका की दोहरी चाल
- 3 Russia-Ukraine Conflict : रूस की रणनीति और यूक्रेन की चेतावनी
- 4 Russia-Ukraine Conflict : जमीनी हकीकत: रूस को नहीं है जल्दबाज़ी
- 5 Russia-Ukraine Conflict : हालिया वार्ताएं और रूस का एकतरफा ऐलान
- 6 Russia-Ukraine Conflict : शांति की ओर कदम या भ्रम की रणनीति?
Russia-Ukraine Conflict : (Tehelka Desk) रूस और यूक्रेन के बीच तीन वर्षों से जारी भीषण युद्ध को थामने के लिए वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस सप्ताह लंदन में एक अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोपीय देशों और यूक्रेन के वरिष्ठ राजनयिक और रक्षा अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक को संभावित युद्धविराम और दीर्घकालिक शांति के लिए एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
Russia-Ukraine Conflict : लंदन में होगी शांति समझौते की महाबैठक
Russia-Ukraine Conflict : ब्रिटेन के रक्षा सचिव जॉन हीली ने जानकारी दी है कि इस बैठक में विभिन्न देशों के विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और ट्रंप के विशेष दूत हिस्सा लेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि संभावित युद्धविराम कैसा हो सकता है, और साथ ही यह भी कि स्थायी शांति की नींव कैसे रखी जाए। विशेष ध्यान देने वाली बात यह है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नियुक्त विशेष दूत सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल कीथ केलॉग भी इस बैठक में भाग लेंगे, जो इंगित करता है कि ट्रंप खेमा इस मसले को लेकर गंभीर भूमिका निभाना चाहता है।
Russia-Ukraine Conflict : अमेरिका की दोहरी चाल
हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया है कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे क्योंकि उनका शेड्यूल टकरा रहा है। इसके बावजूद, ट्रंप द्वारा भेजे गए अन्य दूत इस बातचीत में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। ट्रंप ने बीते सप्ताह कहा था कि यदि वार्ता में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई, तो अमेरिका खुद को इससे अलग कर सकता है।
Russia-Ukraine Conflict : रूस की रणनीति और यूक्रेन की चेतावनी
Russia-Ukraine Conflict : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा है कि अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ इस सप्ताह फिर से मॉस्को पहुंच सकते हैं। हालांकि, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी शांति समझौता एक जटिल प्रक्रिया है, और उस पर समय सीमा थोपना व्यावहारिक नहीं होगा। दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि ब्रिटेन जा रहे यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल को सिर्फ बिना शर्त या आंशिक युद्धविराम पर चर्चा करने का अधिकार है। उन्होंने दो टूक कहा कि युद्धविराम के बाद ही कोई भी विस्तृत बातचीत संभव हो सकेगी।
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Russia-Ukraine Conflict : जमीनी हकीकत: रूस को नहीं है जल्दबाज़ी
पश्चिमी देशों के विश्लेषकों का मानना है कि रूस फिलहाल युद्धविराम को लेकर जल्दबाज़ी में नहीं है। वजह साफ है—युद्धभूमि पर इस समय बढ़त रूस के पास है और वह इसे बरकरार रखते हुए अधिक यूक्रेनी क्षेत्रों पर कब्ज़ा करना चाहता है। इस रणनीति के तहत वह किसी भी तत्काल युद्धविराम में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा।
Russia-Ukraine Conflict : हालिया वार्ताएं और रूस का एकतरफा ऐलान
Russia-Ukraine Conflict : कुछ दिन पहले सऊदी अरब में अमेरिका, रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच अलग-अलग दौर की वार्ताएं हुईं थीं। अमेरिका ने जहां 30 दिन के पूर्ण युद्धविराम का प्रस्ताव रखा, वहीं रूस ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए अपनी शर्तें रखीं। इस बीच, पुतिन ने शनिवार को 30 घंटे के एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की, लेकिन यूक्रेन और ब्रिटेन का कहना है कि इस दौरान भी रूसी हमले जारी रहे।
Russia-Ukraine Conflict : शांति की ओर कदम या भ्रम की रणनीति?
Russia-Ukraine Conflict : लंदन में प्रस्तावित यह बैठक इस युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है—या फिर यह भी एक ऐसा प्रयास बन सकती है जो कूटनीति के नाम पर समय खींचने की कवायद भर बन जाए। फिलहाल, सारी नज़रें लंदन की टेबल पर होने वाली वार्ता पर टिकी हैं, जहाँ यह तय होना है कि क्या विश्व शांति की दिशा में कोई ठोस पहल होगी या यह संघर्ष अभी और लंबा खिंचने वाला है।