Rudraprayag Bus Accident: पाँच की मौत, लापता युवती का शव मिलने से संख्या हुई पाँच
(Tehelka Desk)Rudraprayag Bus Accident:
उत्तराखंड के Rudraprayag जिले में 26 जून 2025 को एक दर्दनाक बस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं से भरी एक बस बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर घोलतीर नामक स्थान के पास फिसलकर गहरी खाई में जा गिरी और सीधे अलकनंदा नदी में समा गई। इस हादसे में अब तक पांच लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अब भी लापता हैं। हादसे के बाद से स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।
इस दुर्घटना ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में यातायात सुरक्षा, वाहन चालन मानकों और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की गंभीरता को उजागर कर दिया है। तीर्थयात्रियों की यह यात्रा जहां आध्यात्मिक उद्देश्य से शुरू हुई थी, वह एक दर्दनाक त्रासदी में तब्दील हो गई। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यह हादसा कैसे हुआ, अब तक क्या कार्रवाई हुई है, मृतकों और घायलों की स्थिति क्या है, और भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
हादसा कैसा था? – बस खाई में गिरी, बचाव जारी
- यह दर्दनाक हादसा 26 जून, गुरुवार सुबह, ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर घोलतीर, रुद्रप्रयाग जिले में हुआ, जब तीर्थयात्रियों से भरी 31-सीटर बस तेज रफ्तार ट्रक से टकराकर अलकनंदा नदी में समा गई ।
- बस में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुल 19 यात्री चालक सवार थे ।
- स्थानीय निवासियों तथा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और अग्निशमन दल ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया—जिसमें ड्रोन, राफ्ट और रस्सियों के सहारे बचाव किया जा रहा है ।
Rudraprayag Bus Accident : मृतकों और लापता लोगों की स्थिति
- इन स्थानीय निवासियों और रेस्क्यू दलों द्वारा दस लोगों को बचाया गया ।
- अब तक पाँच शव बरामद हो चुके हैं:
- पहले चार शव दुर्घटना स्थल के आसपास मिले ।
- पाँचवां शव मिला—19 वर्षीय मौली सोनी (गुजरात), जो दुर्घटना के लगभग 40 किमी दूर पौड़ी इलाके के पास अलकनंदा नदी से बरामद हुई ।
- दस लोग अभी भी लापता, जिनकी तलाश तेज़ी से जारी है ।
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Rudraprayag Bus Accident : रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या चुनौतियाँ?
- तेज़ नदी प्रवाह, भारी जलस्तर और मटमैली जलगति ने बचाव कार्य को बेहद मुश्किल बना दिया है ।
- घोलतीर जैसी दूर-दराज की पहाड़ी स्थिति में डाइविंग कठिन, इसलिए SDRF टीम राफ्ट और लोकल गाइड्स की मदद ले रही है ।
- अधिकारियों की मौजूदगी: पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कौंडे एवं जिला प्रशासन मैदान में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए लगातार काम कर रहे हैं ।
प्रभावित परिवार और उनकी पीड़ा
- प्रभावित यात्री ज्यादातर एक ही विस्तारित परिवार के सदस्य थे, जो चारधाम यात्रा के लिए निकले थे ।
- दस साल के पार्थ सोनी ने अपने माता-पिता (विशाल और गौरी सोनी) को खो दिया—एक दर्दनाक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें बच्चे की चीख सुनते रहना दिल को झकझोर देता है ।
- Soni नाम की 17 साल छात्रा भी मारी गई थी, जो IIT में एडमिशन की तैयारी कर रही थी ।
- निर्मल परिवारीय शोक जारी है—परिजनों की अगली कारवाई शवों को घर ले जाने और अंतिम संस्कार की तैयारी करने में लगी है ।
Rudraprayag Bus Accident : ड्राइवर की चूक या तकनीकी दोष?
- प्रारंभिक बुझाई में ड्राइवर का नियंत्रण खोना, तीखा मोड़ और ट्रक से होने वाली टक्कर को हादसे का मुख्य कारण बताया जा रहा है ।
- पुलिस अधीक्षक अक्षय कौंडे ने कहा कि तकनीकी खराबी या ड्राइवर लापरवाही दोनों जांच के दायरे में हैं और औपचारिक एफआईआर दर्ज की गई है ।
स्थानीय लोगों की भूमिका और प्रशासन की तत्परता
- स्थानीय ग्रामीण—जैसे शिक्षक सत्येंद्र सिंह भंडारी—ोडेस की मदद से कई लोगों को बचाया गया, जो बिना संसाधनों के घटनास्थल पहुंचे ।
- SDRF–NDRF–ITBP–पुलिस–सेना–फायर विभाग सप्ताहांत से ही रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं, और स्थानीय प्रशासन ने हर पहलू पर ध्यान दिया है ।
Rudraprayag Bus Accident : CM धामी और केंद्र का रुख
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताया और प्रभावितों को तत्काल सहायता देने के निर्देश दिए थे ।
- प्रकाश—हालांकि PM मोदी द्वारा अस्पताल जाने या मुआवजा का उल्लेख नहीं मिला, लेकिन सरकारें प्रभावित परिवार के लिए सहायता पैकेजों पर चर्चा कर रही हैं।
क्या आगे की राह?
- रेस्क्यू जारी—नदी का पांचवां शव मिलना स्वास्थ्य और लापता यात्रियों की गिनती के लिए निर्णायक पहल है।
- जांच और रिपोर्ट—यह स्पष्ट किया जाना जरुरी है कि हादसे के समय ड्राइवर या वाहन में कोई दोष था या नहीं।
- मार्ग सुरक्षा उपाय—भविष्य में बेजान मोड़ों पर गार्ड्रेल लगाना, वाहन निरीक्षण और पहाड़ी मार्गों पर यातायात नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन योजना बना रहा है।
रुद्रप्रयाग बस हादसा चारधाम यात्रा का दर्दनाक अध्याय बन गया है जहाँ एक ओर पाँच लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं दस लोग अभी भी लापता हैं और बचाव जारी है। स्थानीय लोगों की निस्वार्थ सेवा ने कई जीवन बचाए, लेकिन रेलवे हाईवे के खतरनाक मोड़ और तेज नदी प्रवाह की स्थिति ने इस दुख को और गहरा बना दिया।
जब तक पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन संपन्न नहीं हो जाता, तब तक मुख्यमंत्री धामी, प्रशासन और बचाव दलों को इस त्रासदी से उबरने और भविष्य के लिए सुरक्षा रणनीतियाँ बनाने की जिम्मेदारी निभानी होगी।