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 Rath Yatra 2025 : पुरी रथ यात्रा में भगदड़, श्रद्धा का उत्सव बना त्रासदी

(Tehelka Desk)Rath Yatra 2025 : 

क्या हुआ था पुरी में?

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पुरी की ऐतिहासिक और धार्मिक Jagannath Rath Yatra के दौरान शनिवार सुबह भगदड़ मच गई। हजारों की संख्या में श्रद्धालु रथ खींचने और भगवान के दर्शन हेतु इकट्ठा हुए थे। भीड़ अचानक बेकाबू हो गई और गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ में कई लोग दब गए।

 हादसा कब हुआ?

सुबह करीब 4 बजे, जब रथ यात्रा प्रारंभ होने ही वाली थी, “सारधाबली” क्षेत्र में अचानक धक्का-मुक्की शुरू हुई। पहले कुछ श्रद्धालु गिरे और उसके बाद पांव तले दबने की घटनाएं सामने आईं।

Rath Yatra 2025 :  मृतक और घायलों की स्थिति

  • मृतक संख्या: 3
  • घायल: 50 से अधिक
  • इलाज स्थल: पुरी जिला अस्पताल और एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक
  • स्थिति: कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है

पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वेन ने हादसे की पुष्टि की और बताया कि मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।

Rath Yatra 2025 :  हादसे की वजह, ओडिशा के विधि मंत्री का बयान

ओडिशा के विधि मंत्री पृथ्वीराज हरीचनंदन ने घटना पर प्रेस को बताया कि हादसा “असंगठित भीड़ नियंत्रण” और “अनियोजित ट्रैफिक मूवमेंट” के कारण हुआ।

ट्रकों का गलत प्रवेश

मंत्री के अनुसार, दो भारी ट्रक जो रथ के सजावटी सामान लेकर आ रहे थे, रथ मार्ग के बेहद करीब पहुंच गए, जिससे श्रद्धालु घबरा गए और भगदड़ मच गई।

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Rath Yatra 2025 :  बैरिकेडिंग और भीड़ नियंत्रण की कमी

रथ के पास पर्याप्त बैरिकेड्स या पुलिस फोर्स तैनात नहीं थी। जब लोग रथ को छूने के लिए आगे बढ़े, तो सुरक्षा बलों का संतुलन बिगड़ गया और स्थिति काबू से बाहर हो गई।

विपक्ष का हमला

ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक ने इस घटना को “सरकारी विफलता” करार दिया। “सालों से रथ यात्रा को लेकर एक सिस्टम तैयार था, लेकिन इस सरकार ने उस व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया।” उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की मांग की और कहा कि श्रद्धालुओं की जान की कीमत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

क्या यह पहली बार हुआ?

नहीं। पुरी में रथ यात्रा के दौरान पहले भी 2006 में भगदड़ हुई थी, जिसमें 4 लोगों की मौत हुई थी। उस समय न्यायिक आयोग ने स्पष्ट किया था कि:

  • भीड़ नियंत्रण में चूक हुई
  • बैरिकेडिंग कमजोर थी
  • आपातकालीन निकासी की योजना नहीं थी

इस साल की घटना से प्रतीत होता है कि सरकार ने पुराने सबक नहीं सीखे।

 चश्मदीदों की जुबानी

“हम रथ को छूना चाहते थे, लेकिन अचानक पुलिस पीछे हटी और लोग गिरने लगे। बहुत डरावना था।”

अन्य भक्त:

“भोजन और जल की कोई व्यवस्था नहीं थी। घंटों धूप में खड़े थे। कोई हेल्प डेस्क नहीं था।” सोशल मीडिया पर लोगों ने बताया कि आयोजक और प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहे।

Rath Yatra 2025 :  सुरक्षा में खामी, विशेषज्ञों की राय

रथ यात्रा जैसे मेगा इवेंट में किसी भी भारी वाहन को आम जनता के समय पर प्रवेश देना घातक होता है।

तकनीकी सहायता का अभाव:

  • ड्रोन निगरानी,
  • रियल-टाइम भीड़ एनालिसिस,
  • QR कोड आधारित एंट्री पास जैसे उपायों की अनुपस्थिति भी कारण रही।

Rath Yatra 2025 :  सरकार की प्रतिक्रिया और मुआवज़ा

मुख्यमंत्री मोहन मझी ने पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की और मृतकों के परिजनों को 5 लाख तथा घायलों को 50,000 मुआवज़ा देने की घोषणा की।

सरकार ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए:

  • भीड़ नियंत्रण टीमों की संख्या बढ़ाई जाएगी
  • तकनीकी निगरानी लागू की जाएगी
  • ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा

भीड़ नियंत्रण के लिए सुझाव:

  1. डिजिटल एंट्री सिस्टम: श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन टोकन आधारित प्रवेश
  2. GPS आधारित रथ ट्रैकिंग: रथ की स्थिति और मार्ग अपडेट
  3. संवेदनशील क्षेत्रों में CCTV और ड्रोन निगरानी
  4. स्थायी बैरिकेड्स और आपात निकासी मार्ग

Rath Yatra 2025 :  श्रद्धा की सुरक्षा भी ज़रूरी

पुरी रथ यात्रा न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक भी है। लेकिन जब हजारों लोग एक जगह इकट्ठा होते हैं, तो व्यवस्था और सुरक्षा सर्वोपरि हो जाती है।
यह हादसा सिर्फ त्रासदी नहीं, बल्कि सिस्टम के पुनर्मूल्यांकन की पुकार है।

भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सरकार, प्रशासन और समाज को मिलकर काम करना होगा – ताकि श्रद्धा का उत्सव, कभी किसी की अंतिम यात्रा न बन जाए।

 

 

Muskan Kanojia

Asst. News Producer (T)

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