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- 1 Health Tips: गलत पॉश्चर की चुपचाप मार, जानें शरीर पर पड़ने वाले 3 बड़े असर
- 1.0.1 Rajya Sabha Elections 2025: केजरीवाल का नाम क्यों चर्चा में आया?
- 1.0.2 Rajya Sabha Elections 2025: मनीष सिसोदिया, सबसे आगे क्यों हैं?
- 1.0.3 Rajya Sabha Elections 2025: स्थानीय चेहरा क्यों अहम हो सकता है?
- 1.0.4 Rajya Sabha Elections 2025: संभावित स्थानीय चेहरे:
- 1.0.5 Rajya Sabha Elections 2025: पार्टी के लिए रणनीतिक दांव
- 1.0.6 Rajya Sabha Elections 2025: राजनीतिक विश्लेषकों की राय
- 1.0.7 Rajya Sabha Elections 2025: कौन होगा पंजाब की आवाज संसद में?
(Tehelka Desk)Rajya Sabha Elections 2025:
पंजाब की एक खाली राज्यसभा सीट को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। Aam Aadmi Party , जो राज्य की सत्ता में है, अब इस सीट पर अपना प्रतिनिधि चुनने की तैयारी में है। चर्चा यह थी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस सीट से राज्यसभा भेजा जा सकता है, लेकिन ईडी केस, न्यायिक प्रक्रियाएं और राजनीतिक समीकरणों के चलते अब यह विकल्प लगभग खारिज माना जा रहा है।
ऐसे में सवाल उठता है की अगर केजरीवाल नहीं, तो क्या पार्टी मनीष सिसोदिया पर दांव लगाएगी, जो केजरीवाल के सबसे करीबी और आम आदमी पार्टी के ‘पॉलिसी ब्रेन’ माने जाते हैं? या फिर कोई स्थानीय चेहरा पंजाब से ही चुनकर एक मजबूत राजनीतिक संकेत दिया जाएगा?
Rajya Sabha Elections 2025: राज्यसभा सीट खाली क्यों हुई?
यह सीट आप सांसद संजय सिंह के दिल्ली से चुनाव जीतने के बाद खाली हुई है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, यह सीट आप के लिए बहुत अहम है क्योंकि इसके जरिए वह न केवल अपने वरिष्ठ नेताओं को संसद में भेज सकती है, बल्कि पार्टी की राष्ट्रीय राजनीति में उपस्थिति को और मजबूत कर सकती है।
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Rajya Sabha Elections 2025: केजरीवाल का नाम क्यों चर्चा में आया?
जब पहली बार यह सीट खाली हुई, तो राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि केजरीवाल को राज्यसभा भेजा जा सकता है ताकि वे अपनी कानूनी मुश्किलों से कुछ हद तक राहत पा सकें। कुछ विश्लेषकों का मानना था कि संसद सदस्य बनना उन्हें गिरफ्तारी और कानूनी कार्यवाही से सुरक्षा दे सकता है, या कम से कम राजनीतिक संरक्षण का मजबूत तर्क बन सकता है।
लेकिन आप के रणनीतिकारों को लगा कि इस कदम से यह संदेश जा सकता है कि केजरीवाल भाग रहे हैं, जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, दिल्ली की सत्ता से उनका जाना पार्टी के लिए भारी नुकसान हो सकता है।
Rajya Sabha Elections 2025: मनीष सिसोदिया, सबसे आगे क्यों हैं?
अब चर्चा मनीष सिसोदिया के इर्द-गिर्द घूम रही है। शराब नीति मामले में जेल में बंद सिसोदिया को पार्टी अभी भी ‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई का शिकार’ मानती है। अगर उन्हें राज्यसभा भेजा जाता है, तो यह न केवल उनके लिए एक ‘राजनीतिक पुनर्वास’ होगा, बल्कि पार्टी एक मजबूत नैरेटिव भी सेट कर पाएगी हम अपने नेताओं के साथ हैं।
उनका लंबा प्रशासनिक अनुभव, शिक्षा और वित्त जैसे क्षेत्रों में काम, और केजरीवाल के प्रतिनिष्ठा, उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है।
हालांकि, कानूनी अड़चनें अभी भी उनके सामने सबसे बड़ी बाधा हैं। अगर कोर्ट से राहत नहीं मिली तो उनकी उम्मीदवारी अटक सकती है।
Rajya Sabha Elections 2025: स्थानीय चेहरा क्यों अहम हो सकता है?
AAP पंजाब में सरकार चला रही है और 2022 विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक बहुमत हासिल किया था। ऐसे में पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि राज्यसभा के लिए पंजाब से किसी स्थानीय नेता को भेजना सही संकेत देगा।
इससे यह संदेश जाएगा कि पार्टी अपने राज्य के नेताओं को प्राथमिकता देती है और केंद्र में पंजाब की आवाज को मजबूत कर रही है।
Rajya Sabha Elections 2025: संभावित स्थानीय चेहरे:
- कुलवंत सिंह: मोहाली के मेयर और उद्योगपति, जिन्होंने पार्टी के लिए अच्छा काम किया है।
- हरपाल चीमा: वर्तमान में पंजाब के वित्त मंत्री, जो पार्टी के पुराने और वफादार नेता हैं।
- डॉ. बलबीर सिंह: स्वास्थ्य मंत्री और एक साफ-सुथरी छवि वाले नेता, जो पेशे से डॉक्टर हैं।
इनमें से किसी को राज्यसभा भेजने से पार्टी को पंजाब में राजनीतिक मजबूती मिल सकती है, खासकर 2027 विधानसभा चुनाव को देखते हुए।
Rajya Sabha Elections 2025: पार्टी के लिए रणनीतिक दांव
राज्यसभा की यह सीट सिर्फ एक संख्या नहीं है यह पार्टी के लिए राष्ट्रीय राजनीति में रणनीतिक विस्तार का माध्यम बन सकती है। यदि AAP अपने सबसे चर्चित और प्रभावशाली चेहरों को राज्यसभा भेजती है, तो संसद में उसकी उपस्थिति और गंभीरता दोनों बढ़ेगी।
AAP के पास इस समय राज्यसभा में 10 सदस्य हैं। यह संख्या ज्यादा नहीं है, लेकिन यह केंद्र की नीतियों पर चर्चा और बहस में पार्टी की हिस्सेदारी को दर्शाने के लिए काफी है।
Rajya Sabha Elections 2025: राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह AAP के लिए ‘परीक्षण की घड़ी’ है। क्या वह अपने नेताओं को न्याय दिलाने के लिए संसद का इस्तेमाल करेगी या क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता देगी ।
प्रो. एस.के. चौहान, पंजाब यूनिवर्सिटी के राजनीति शास्त्र विभाग से, कहते हैं की अगर आप मनीष सिसोदिया को भेजते हैं, तो यह केंद्र सरकार के खिलाफ एक प्रतीकात्मक संदेश होगा। लेकिन अगर कोई स्थानीय चेहरा जाता है, तो यह पंजाब के मतदाताओं को पार्टी के प्रति और जोड़ सकता है।
अभी क्या स्थिति है?
फिलहाल, पार्टी ने औपचारिक तौर पर कोई नाम घोषित नहीं किया है। अंदरखाने मंथन जारी है और पार्टी नेतृत्व जल्दी ही इसका ऐलान कर सकता है। माना जा रहा है कि जुलाई के पहले सप्ताह तक नाम तय कर दिया जाएगा।
Rajya Sabha Elections 2025: कौन होगा पंजाब की आवाज संसद में?
पंजाब से राज्यसभा भेजे जाने वाले व्यक्ति का नाम केवल राजनीतिक नियुक्ति नहीं होगी यह AAP की आगे की रणनीति, उसके राष्ट्रीय लक्ष्यों और पंजाब की प्राथमिकताओं को दर्शाने वाला एक स्पष्ट संकेत होगा।
केजरीवाल नहीं जा रहे, ये तो अब तय है। लेकिन अगला सवाल है की क्या सिसोदिया फिर से राजनीतिक रूप से सक्रिय होंगे या फिर कोई नया, स्थानीय चेहरा इस जिम्मेदारी को निभाएगा ।