Rajnath Singh Visit Jammu And Kashmir : (Tehelka Desk) पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। यह उनका इस हमले के बाद पहला दौरा था। श्रीनगर पहुंचे रक्षा मंत्री ने सेना के जवानों से मुलाकात की, उनकी पीठ थपथपाई और उन्हें गर्व के साथ धन्यवाद दिया। उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे।
बादामी बाग छावनी में जवानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “इन चुनौतीपूर्ण हालातों के बीच आपके बीच आकर मुझे गर्व हो रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपने जिस साहस और पराक्रम का परिचय दिया, उस पर पूरे देश को गर्व है। एक रक्षा मंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि एक भारतीय नागरिक के नाते मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं।” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को इस कार्रवाई की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है और भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है।
Rajnath Singh Visit Jammu And Kashmir : राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के आम नागरिकों की भी तारीफ की और कहा, “पहलगाम हमले के बाद जिस तरह से लोगों ने आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया, वह साहसिक है। मैं यहां उस ऊर्जा को महसूस करने आया हूं जिसने दुश्मनों को हिला दिया।” सेना द्वारा सीमा पार की गई कार्रवाई पर उन्होंने कहा, “आपने पाकिस्तानी बंकरों और चौकियों को जिस तरह नष्ट किया, वह दुश्मन कभी नहीं भूल पाएंगे।
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rajnath singh visit Jammu and Kashmir : पहलगाम हमला, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सीजफायर की उथल-पुथल भरी कहानी
22 अप्रैल को जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, तब पूरे देश का दिल दहल उठा। इस दर्दनाक घटना के 15 दिन बाद, भारतीय सेना ने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने का फैसला किया। 7 मई को चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सेना ने पाकिस्तान और POK में छिपे नौ आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया। इस कार्रवाई में कई आतंकवादी मारे गए, और दुनिया ने भारत की सैन्य ताकत को एक बार फिर महसूस किया। लेकिन यह सिर्फ सैन्य कार्रवाई तक सीमित नहीं रहा।
Rajnath Singh Visit Jammu And Kashmir : हालात तेजी से बिगड़ने लगे। दो दशकों में पहली बार भारत-पाक रिश्ते तनाव की इस हद तक पहुंच गए। जब पाकिस्तान ने भारत के कुछ शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की, तो भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने हर हमले को नाकाम किया और तगड़ा जवाब दिया।
जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने 10 मई को भारत के सामने युद्धविराम (सीजफायर) का प्रस्ताव रखा। कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने फिर से सीजफायर का उल्लंघन किया, और भारतीय सेना ने फिर उसी संकल्प और ताकत के साथ जवाब दिया – यह संदेश साफ था: भारत शांति चाहता है, लेकिन कमजोरी नहीं।