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Pope Francis Death : (Tehelka Desk) विश्वभर में करोड़ों लोगों के लिए उम्मीद और करुणा का प्रतीक रहे पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। हाल के दिनों में उनकी तबीयत काफी नाज़ुक हो गई थी और उन्हें डबल निमोनिया के चलते वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। पोप फ्रांसिस लंबे समय से एक जटिल श्वसन समस्या, ब्रोंकोस्पज़म से पीड़ित थे, जिसमें फेफड़ों की वायुमार्ग संकुचित हो जाती है, जिससे सांस लेना बेहद कठिन हो जाता है। उम्र के इस पड़ाव में यह बीमारी और भी गंभीर हो जाती है, खासकर जब संक्रमण जैसे निमोनिया का असर हो।
Pope Francis Death : चिकित्सकों ने उनके उपचार में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन हालात बिगड़ने के कारण वह दुनिया को अलविदा कह गए। उनका जाना केवल एक धार्मिक नेता की नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान की विदाई है जिन्होंने हमेशा शांति, दया और इंसानियत की बात की। दुनिया भर से लोग उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, और उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते को याद कर रहे हैं जो उन्होंने अपने शब्दों और कर्मों से पूरी दुनिया को दिखाया।
Pope Francis Death : पोप फ्रांसिस नहीं रहे-सांस की बीमारी से जूझते हुए वेटिकन सिटी में ली अंतिम सांस
पूरी दुनिया में शांति, सेवा और करुणा की मिसाल बने ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वेटिकन सिटी स्थित अपने आवास में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके जाने से दुनियाभर में करोड़ों अनुयायियों के दिलों में शोक की लहर दौड़ गई है। हाल के दिनों में उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी। उन्हें डबल निमोनिया अटैक के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी स्थिति धीरे-धीरे और गंभीर होती चली गई।
Pope Francis Death : ब्रोंकोस्पज़म नाम की एक जटिल श्वसन समस्या से वह लंबे समय से पीड़ित थे। इस बीमारी में सांस की नलियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे सांस लेना बेहद मुश्किल हो जाता है। उम्र और संक्रमण के चलते ये समस्या और भी गंभीर हो गई थी। वेटिकन ने एक वीडियो बयान में इस दुखद खबर की पुष्टि की। पोप फ्रांसिस न केवल रोमन कैथोलिक चर्च के पहले लैटिन अमेरिकी नेता थे, बल्कि वह उन चंद शख्सियतों में से एक थे जिन्होंने धर्म की सीमाओं से परे जाकर इंसानियत की बात की। उनका सरल स्वभाव, गरीबों के प्रति संवेदना और प्रेम का संदेश हमेशा याद रखा जाएगा। आज पूरा विश्व उनके दिखाए रास्ते को श्रद्धांजलि दे रहा है।
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Pope Francis Death : क्या होता है डबल निमोनिया? जानिए इस गंभीर बीमारी के लक्षण और खतरे
हाल ही में पोप फ्रांसिस की तबीयत बिगड़ने के बाद ‘डबल निमोनिया’ शब्द को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठे हैं। यह कोई आम सर्दी-जुकाम नहीं, बल्कि एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी है, जो खासतौर पर बुजुर्गों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।
फोर्टिस अस्पताल, मानेसर के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. कर्ण मेहरा बताते हैं कि मेडिकल भाषा में इसे बाइलेट्रल निमोनिया कहा जाता है।
IPope Francis Death : आमतौर पर निमोनिया एक फेफड़े को प्रभावित करता है, लेकिन जब दोनों फेफड़ों में संक्रमण फैल जाता है, तो उसे डबल या बाइलेट्रल निमोनिया कहा जाता है। इस बीमारी में फेफड़ों की छोटी थैलियाँ, जिन्हें एल्वियोली कहा जाता है, पस और तरल पदार्थ से भर जाती हैं। इससे फेफड़ों की ऑक्सीजन देने की क्षमता घट जाती है और मरीज को सांस लेने में बेहद तकलीफ होने लगती है।
डबल निमोनिया के आम लक्षणों में शामिल हैं:
तेज़ बुखार और ठंड लगना
लगातार खांसी
सीने में दर्द
सांस फूलना
गहरी थकान
Pope Francis Death : बैक्टीरिया या वायरस, दोनों ही इसके पीछे की वजह हो सकते हैं। बुजुर्गों, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों या पहले से किसी श्वसन रोग से पीड़ित मरीजों में इसका खतरा कहीं ज्यादा होता है।
इसलिए अगर किसी को सांस लेने में परेशानी हो, बुखार लंबे समय तक बना रहे, या ठंड के साथ सीने में भारीपन महसूस हो, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना ज़रूरी है।
डबल निमोनिया का सही समय पर इलाज ज़रूरी है, क्योंकि इसमें देरी जान को जोखिम में डाल सकती है।
Pope Francis Death : डबल निमोनिया का इलाज- समय रहते इलाज से बच सकती है जान
डबल निमोनिया एक गंभीर बीमारी जरूर है, लेकिन समय पर इलाज मिल जाए तो इससे पूरी तरह ठीक होना संभव है। इस बीमारी में अक्सर मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। इसके साथ ही एंटीबायोटिक्स और एंटी-इंफ्लामेटरी दवाओं की मदद से संक्रमण को कंट्रोल किया जाता है।
सबसे ज़रूरी बात है — लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें। सांस लेने में दिक्कत, बुखार या थकान महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है।
डबल निमोनिया के लक्षण: नज़रअंदाज़ न करें ये संकेत
डबल निमोनिया के लक्षण आम निमोनिया जैसे ही होते हैं, लेकिन असर कहीं ज़्यादा गंभीर हो सकता है। इसमें दोनों फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं, जिससे शरीर पर जल्दी और तेज़ असर पड़ता है।
इसके आम लक्षण हैं:
सांस फूलना या ज़रा-सी हलचल में भी थकान
लगातार खांसी
बुखार और ठंड लगना
छाती में दर्द, खासकर सांस लेते समय
ऑक्सीजन लेवल का गिरना, जिससे चक्कर या कमजोरी महसूस हो सकती है