Panchkula Family Suicide : एक ही परिवार के 7 सदस्यों की मौत, मिले सुसाइड नोट और रह गए कुछ अनसुलझे सवाल
Headings
- 1 Panchkula Family Suicide : कार के मालिक से भी हुई पूछताछ
- 2 Panchkula Family Suicide : पढ़ाई में अव्वल थीं बेटियां, परिवार पर नहीं था कोई दबाव
- 3 Panchkula Family Suicide : पड़ोसियों और रिश्तेदारों को भी नहीं था कोई अंदेशा
- 4 Panchkula Family Suicide : पुलिस जांच जारी, सभी एंगल से पड़ताल
- 5 Covid-19 का नया वेरियंट : फरीदाबाद में कोरोना का नया मामला आया सामने, 6 पहुँची संक्रमितों की संख्या
- 6 Panchkula Family Suicide : देहरादून से पंचकूला तक का सफर और कर्ज का बोझ
- 7 Panchkula Family Suicide : खुश दिखने वाले परिवार ने आखिर ऐसा क्यों किया?
हरियाणा (Tehelka Desk) : हरियाणा के पंचकूला से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां एक ही परिवार के 7 सदस्यों की संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या की है। दिल दहला देने वाली घटना ने न सिर्फ इलाके को हिला दिया है, बल्कि उन सवालों को भी पैदा कर दिया है, जिनका जवाब शायद किसी के पास हो।
जानकारी के मुताबिक पंचकूला में सामूहिक आत्महत्या करने वाला मित्तल परिवार तीन साल पहले देहरादून में ही रहता था। प्रवीण मित्तल की जेब से जो आधार कार्ड मिला था वह यहां 274 कौलागढ़ के पते का था। इस आधार पर हरियाणा के पंचकूला की पुलिस ने देर रात देहरादून पुलिस को इस सामूहिक आत्महत्या कांड के बारे में सूचना दी थी। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि इस पते पर मित्तल परिवार तीन सालों तक रहा था, लेकिन करीब एक साल पहले यहां से चंडीगढ़ अपने मूल पते पर रहने चला गया था। जिस कार में परिवार के सदस्य मृत पाए गए हैं, वह कार भी उनके दोस्त मालदेवता निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर है।
Panchkula Family Suicide : कार के मालिक से भी हुई पूछताछ
गंभीर सिंह नेगी ने पुलिस को बताया कि उनकी मुलाकात प्रवीण मित्तल से उनके एनजीओ में काम करते वक्त हुई थी। दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। इस पर प्रवीण मित्तल ने कहा था कि वह उनके नाम पर एक कार लेना चाहते हैं। गंभीर सिंह नेगी ने भी हामी भर दी और फाइनेंस करा कार अपने नाम पर खरीद ली। साल 2021 से प्रवीण मित्तल इस कार को इस्तेमाल कर रहे थे।
Panchkula Family Suicide : पढ़ाई में अव्वल थीं बेटियां, परिवार पर नहीं था कोई दबाव
स्कूल से मिली जानकारी के अनुसार, प्राची और गुंजन दोनों ही पढ़ाई में काफी होशियार थीं। उन्हें कभी किसी शिकायत के लिए स्कूल में नहीं बुलाया गया और दोनों नियमित रूप से अपनी कक्षाएं अटेंड कर रही थीं।
स्कूल प्रिंसिपल का कहना है, दोनों बच्चियां व्यवहार में भी बेहद होशियार थी। प्राची को हाल ही में विज्ञान ओलंपियाड में राज्य स्तरीय मेडल भी मिला था।
Panchkula Family Suicide : पड़ोसियों और रिश्तेदारों को भी नहीं था कोई अंदेशा
इस घटना ने आस-पड़ोस और रिश्तेदारों को भी आश्चर्यचकित कर दिया है। कोई भी यह मानने को तैयार नहीं कि ऐसा शांत और पढ़ा-लिखा परिवार ऐसा कदम उठा सकता है। पड़ोसी शिवानी शर्मा ने कहा, हम रोज नीलम को मंदिर जाते देखते थे, बच्चियां खेलने भी आती थीं। कभी नहीं लगा कि इस परिवार में कुछ गलत चल रहा है।
Panchkula Family Suicide : पुलिस जांच जारी, सभी एंगल से पड़ताल
पंचकूला पुलिस फिलहाल इस मामले को आर्थिक संकट, मानसिक अवसाद और घरेलू कारणों जैसे तमाम एंगल से जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड, बैंक डिटेल्स, और सोशल मीडिया एक्टिविटी की भी तलाशी ली जा रही है। साथ ही परिवार के करीबी रिश्तेदारों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक संदीप देशवाल ने बताया कि, मामला बेहद संवेदनशील है। जब तक सभी पहलुओं की जांच पूरी नहीं हो जाती, हम इसे आत्महत्या या हत्या में से किसी एक रूप में स्पष्ट नहीं कर सकते।
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Panchkula Family Suicide : देहरादून से पंचकूला तक का सफर और कर्ज का बोझ
प्रवीन मित्तल का परिवार साल 2007-2008 में देहरादून से पंचकूला आया था। यहाँ उन्होंने बैंक से लोन लेकर स्क्रैप की फैक्टरी का कारोबार शुरू किया, लेकिन इसमें उन्हें करोड़ों रुपये का घाटा हो गया और वे दिवालिया हो गए। इसके बाद उन्होंने देहरादून में फाइनेंसरों से कर्ज लेकर टूर एंड ट्रैवल का बिजनेस किया, लेकिन वह भी नहीं चला।
कर्ज और फाइनेंसरों के लगातार दबाव के चलते प्रवीन दोबारा पिंजौर शिफ्ट हो गए। जब वहां भी दबाव बढ़ने लगा, तो वे 25 दिन पहले ही पंचकूला से सकेतड़ी में किराए का मकान लेकर परिवार के साथ रहने आए थे। यहाँ भी फाइनेंसरों और कर्जदारों ने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया था। परिवार को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं।
Panchkula Family Suicide : खुश दिखने वाले परिवार ने आखिर ऐसा क्यों किया?
इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बाहरी मुस्कान के पीछे छिपा मानसिक दबाव कितना गहरा हो सकता है। परिवार में कोई स्पष्ट तनाव, शिकायत, या विवाद सामने न आना इस घटना को और रहस्यमय बना देता है।