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- 1 Pahalgam Attack Update : आतंकियों के हर क़दम का होगा खुलासा, बायसरन घाटी की होगी 3D मैपिंग
- 2 Pahalgam Attack Update : बायसरन घाटी में सात घंटे की सघन जांच, हर सुराग को खंगाल रही एनआईए
- 3 Pahalgam Attack Update : पहलगाम में इंसानियत पर वार: 26 निर्दोषों की दर्दनाक हत्या
- 4 Pahalgam Attack Update : पहलगाम हमला: टीआरएफ ने ली ज़िम्मेदारी, फिर झाड़ा पल्ला
Pahalgam Attack Update : (Tehelka Desk) 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला कर दिया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस अमानवीय घटना के बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पूरी गंभीरता से जांच में जुट गई है। एनआईए के महानिदेशक सदानंद दाते खुद मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने उस स्थान का मुआयना किया जहां यह हमला हुआ था। जांच टीम हर उस सुराग को खंगाल रही है जिससे यह पता चल सके कि हमले की साजिश किसने रची और कैसे इसे अंजाम दिया गया।
Pahalgam Attack Update : आतंकियों के हर क़दम का होगा खुलासा, बायसरन घाटी की होगी 3D मैपिंग
पहल्गाम आतंकी हमले के बाद अब सुरक्षा एजेंसियां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहतीं। हमले की तह तक जाने और हर सुराग को पकड़ने के लिए एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने बायसरन घाटी की 3डी मैपिंग शुरू कर दी है। बुधवार को एनआईए की एक विशेष टीम हाईटेक उपकरणों के साथ फिर से घटनास्थल पर पहुंची।
Pahalgam Attack Update : अब चश्मदीदों के बयानों और घटनास्थल की जांच के आधार पर घाटी की डिजिटल तस्वीर तैयार की जाएगी। इसका मकसद साफ है — आतंकियों के आने-जाने के रास्तों की सटीक पहचान। 3डी मैपिंग से न सिर्फ एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स का खुलासा होगा, बल्कि यह भी पता चल सकेगा कि हमले के बाद आतंकी किस रास्ते से फरार हुए।
Pahalgam Attack Update : बायसरन घाटी में सात घंटे की सघन जांच, हर सुराग को खंगाल रही एनआईए
Pahalgam Attack Update : पहल्गाम हमले के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपनी जांच का दायरा और गहराई दोनों बढ़ा दिए हैं। बुधवार को एनआईए की टीम करीब सात घंटे तक बायसरन घाटी में डटी रही, जहां उन्होंने ज़मीन पर हर छोटे-बड़े सुराग की तलाश की। इस जांच में एनआईए के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की बम निरोधक दस्ते (BDS) और फॉरेंसिक टीम भी मौजूद थी।
Pahalgam Attack Update : मकसद साफ था — घटनास्थल से अहम सबूत इकट्ठा करना और उन कड़ियों को जोड़ना जो हमले के पीछे के चेहरों तक पहुंचा सकें। टीम ने सिर्फ घटनास्थल ही नहीं, बल्कि उसके तीन किलोमीटर के दायरे तक की तलाशी ली, ताकि आतंकियों के आने-जाने के रूट का पता चल सके। घोड़ा संचालकों और स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की गई है, जिनकी बातों से कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। इससे पहले मंगलवार को एनआईए की टीम ने पहलगाम थाने में 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए।
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इन लोगों में ज़िपलाइन ऑपरेटर मुज़म्मिल का नाम भी सामने आया है, जिस पर हमले के दौरान संदिग्ध व्यवहार करने का आरोप है। जांच अभी जारी है, और पूरे इलाके में सुरक्षा एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं — ताकि जल्द से जल्द सच सामने लाया जा सके और दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा सके।
Pahalgam Attack Update : पहलगाम में इंसानियत पर वार: 26 निर्दोषों की दर्दनाक हत्या
Pahalgam Attack Update : 22 अप्रैल का दिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के लिए किसी खौफनाक सपने से कम नहीं रहा। एक शांत, खूबसूरत घाटी — बायसरन — अचानक गोलियों की गूंज से दहल उठी, जब सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने वहां मौजूद पर्यटकों को निशाना बना लिया। हैरान कर देने वाली बात ये रही कि हमलावरों ने पहले लोगों से उनका धर्म पूछा, पहचान पत्र देखे, और फिर सिर्फ इसलिए गोलियां चलाईं क्योंकि वे “हिंदू” थे। इस क्रूर हमले में 26 मासूम जानें चली गईं — जिनमें से अधिकतर देशभर से आए सैलानी थे। दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी इस हमले की भेंट चढ़ गए। यह हमला न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि नफरत किस हद तक इंसान को अंधा कर सकती है।
Pahalgam Attack Update : पहलगाम हमला: टीआरएफ ने ली ज़िम्मेदारी, फिर झाड़ा पल्ला
Pahalgam Attack Update : 22 अप्रैल को हुए दिल दहला देने वाले पहलगाम आतंकी हमले में 14 लोग घायल हुए और 26 मासूम जानें चली गईं। शुरुआती जांच में इस हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया।
हालांकि, कुछ ही समय बाद टीआरएफ ने खुद को हमले से अलग बताते हुए कहा कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन सच क्या है — इसकी पड़ताल अब जांच एजेंसियों के कंधों पर है। ये हमला पुलवामा के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। फरवरी 2019 में हुए पुलवामा हमले में जहां 47 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे, वहीं इस बार आम नागरिक, पर्यटक और विदेशी मेहमान निशाना बने।