Headings
- 1 नोबेल पुरस्कार को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की खुलकर नाराजगी
- 2 Nobel Prize 2025: ट्रंप का बयान
- 3 Nobel Prize 2025: ट्रंप ने जवाब दिया
- 4 Nobel Prize 2025: ट्रंप का समर्थन
- 5 Nobel Prize 2025: पहले भी उठा चुका है मुद्दा
- 6 Nobel Prize 2025: नामांकन से निर्णय तक
- 7 Nobel Prize 2025: राजनीतिक हलकों में प्रतिक्रियाएं
- 8 Nobel Prize 2025: मीडिया और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
- 9 Nobel Prize 2025: क्या ट्रंप को नोबेल मिल सकता है? विशेषज्ञों की राय
- 10 Nobel Prize 2025: नोबेल की राजनीति और ट्रंप का दर्द
(Tehelka Desk)Nobel Prize 2025:
नोबेल पुरस्कार को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की खुलकर नाराजगी
अमेरिका के राष्ट्रपति donald trump एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनका Nobel Prize को लेकर खुला बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि मैं कुछ भी करूं, मुझे नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा।
ट्रंप का यह बयान सोशल मीडिया से लेकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति तक बहस का विषय बन गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस बयान के कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तान सरकार ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की सिफारिश की थी।
Nobel Prize 2025: ट्रंप का बयान
डोनाल्ड ट्रंप ने यह टिप्पणी एक टेलीविज़न इंटरव्यू के दौरान की, जहां उनसे पूछा गया कि उन्होंने मध्य पूर्व, उत्तर कोरिया और यूक्रेन संकट में कई शांति प्रयास किए, तो क्या उन्हें नोबेल मिलना चाहिए?
Nobel Prize 2025: ट्रंप ने जवाब दिया
“मैंने अब्राहम अकॉर्ड कराया, उत्तर कोरिया के साथ ऐतिहासिक वार्ता की, लेकिन मीडिया और नोबेल कमेटी मुझे कभी नामांकित भी नहीं करती। आप कुछ भी कर लें, अगर आप राइट विंग से हैं, तो आपको यह पुरस्कार नहीं मिलेगा।” उनका यह बयान राजनीतिक पूर्वाग्रह और नोबेल चयन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाता है।
Nobel Prize 2025: ट्रंप का समर्थन
ट्रंप के बयान से पहले पाकिस्तान ने उन्हें शांति प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की आधिकारिक सिफारिश की थी।
पाकिस्तानी संसद के कुछ सदस्यों ने प्रस्ताव रखा कि:
“डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में अमेरिका की सेना की वापसी, भारत-पाक तनाव में मध्यस्थता की पेशकश, और इस्लामी देशों के साथ सकारात्मक संबंधों को बढ़ावा दिया। इन प्रयासों को वैश्विक शांति की दिशा में योगदान माना जाना चाहिए।” पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भी इस नामांकन की पुष्टि की और इसे “नॉन-कंवेंशनल डिप्लोमेसी की जीत” बताया।
Nobel Prize 2025: पहले भी उठा चुका है मुद्दा
यह पहला मौका नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल पुरस्कार को लेकर नाराजगी जताई हो।
- 2019 में, उन्होंने अब्राहम अकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा था कि उन्हें नोबेल मिलना चाहिए।
- 2020 में, नॉर्वे के एक सांसद ने उन्हें औपचारिक रूप से नामित भी किया था, लेकिन वह चयन सूची में जगह नहीं बना पाए।
- उनका आरोप रहा है कि नोबेल कमेटी में “राजनीतिक भेदभाव” होता है।
Nobel Prize 2025: नामांकन से निर्णय तक
- नोबेल पुरस्कारों की प्रक्रिया बेहद गोपनीय होती है। योग्य नामांकनकर्ता (जैसे कि विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, सांसद, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख) किसी को नामित कर सकते हैं, लेकिन नामांकन का अर्थ यह नहीं होता कि व्यक्ति पुरस्कार का दावेदार बन गया।
- नोबेल शांति पुरस्कार विशेष रूप से विवादास्पद होता है क्योंकि इसमें राजनीति, कूटनीति और मानवीय दृष्टिकोण की टकराहट देखने को मिलती है।
Nobel Prize 2025: राजनीतिक हलकों में प्रतिक्रियाएं
ट्रंप के बयान और पाकिस्तान की सिफारिश पर अमेरिकी राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाएं आईं:
- डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने इसे ट्रंप की “शोहरत पाने की कोशिश” बताया।
- रिपब्लिकन पार्टी के कुछ सदस्यों ने ट्रंप के समर्थन में कहा कि “उनके शांति प्रयासों को नजरअंदाज करना गलत है।”
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, कई विश्लेषकों ने पाकिस्तान के समर्थन को “रणनीतिक राजनीतिक दांव” कहा, जिससे ट्रंप की मुस्लिम देशों में छवि सुधर सके।
Nobel Prize 2025: मीडिया और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर ट्रंप के बयान को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आईं:
- कुछ ने #NobelForTrump ट्रेंड कराया और उनके कार्यकाल के सकारात्मक पहलुओं को गिनाया।
- वहीं, विरोधियों ने #NoNobelForTrump लिखकर उनके विभाजनकारी बयानों और घरेलू नीतियों को याद दिलाया।
टीवी डिबेट और अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ चैनल इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा, चयन पारदर्शिता और पुरस्कारों की निष्पक्षता के नजरिए से देख रहे हैं।
Nobel Prize 2025: क्या ट्रंप को नोबेल मिल सकता है? विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि:
- ट्रंप के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कूटनीतिक घटनाएं हुईं, जैसे कि उत्तर कोरिया के किम जोंग-उन से मुलाकात और इजराइल-अरब देशों के बीच अब्राहम समझौता।
- लेकिन साथ ही, ट्रंप की घरेलू नीतियों, विवादित बयानों और विभाजनकारी राजनीति ने उनकी वैश्विक छवि को कमजोर किया है।
- नोबेल समिति आमतौर पर ऐसे नेताओं को चुनती है जिनकी शांति की दिशा में स्थायी, सर्वस्वीकृत और नैतिक छवि हो। ट्रंप का व्यक्तित्व इसके विपरीत रहा है।
Nobel Prize 2025: नोबेल की राजनीति और ट्रंप का दर्द
- डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल पुरस्कार केवल एक सम्मान नहीं, बल्कि उनके राजनीतिक करियर की वैधता का प्रतीक भी है। उनकी नाराजगी यह दर्शाती है कि राजनीतिक ध्रुवीकरण अब वैश्विक पुरस्कारों तक पहुंच गया है।
- पाकिस्तान द्वारा नामांकन देना एक ओर जहां राजनयिक चाल हो सकती है, वहीं ट्रंप का बयान पुरस्कारों की निष्पक्षता पर फिर से बहस छेड़ देता है।