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MSME NEW CRITERIA : Tehelka Desk : केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्योगों के वर्गीकरण के लिए महत्वपूर्ण संशोधन किये है ये बदलाव 1 अप्रैल से प्रभावी हो जायेंगे। सरकार ने इस सम्बन्ध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। अब निवेश और टर्नओवर के आधार पर उद्योगों की केटेगरी तय की जाएगी की कौन-सा उद्योग माइक्रो कैटेगरी में आएगा और कौन-सा स्मॉल व मीडियम की कैटेगरी में आएगा।
सरकार ने 1 फरवरी को सदन में पेश किये गए बजट में इन नए संशोधनों की घोषणा की थी। इन नए नियमो के लागू होने के बाद से MSME को नए तरीके से पहचाना जायेगा जिससे छोटे उद्योगों और उद्यमियों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार ने MSME के लिए अब निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ा दी है, यानी की अब ज्यादा निवेश और कारोबार करने वाले उद्योग भी MSME में शामिल हो सकेंगे।
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MSME NEW CRITERIA : क्या नए बदलाव किये जायेंगे ?
अब MSME को पहचनाने के लिए उनके निवेश और कारोबार की सीमा को बढ़ाया जायेगा जिसमे निवेश की सीमा को 2.5 गुना और कारोबार को 2 गुना कर दिया गया है।
MSME NEW CRITERIA : आईये नज़र डालते है MSME के नए नियमों के कुछ मुख्य बिन्दुओ पर :
~ अगर किसी कंपनी ने 2.4 करोड़ रुपए का निवेश किया तो उसे माइक्रो एंटरप्राइजेज की श्रेणी में रखा जायेगा। पहले ये सीमा 1 करोड़ थी।
~ 25 करोड़ तक की निवेश वाली कंपनियों को स्मॉल एंटरप्राइजेज कहा जायेगा। पहले ये सीमा 10 करोड़ थी।
~ वही अगर किसी MSME में 125 करोड़ रुपये तक का निवेश किया है तो उसे मीडियम एंटरप्राइजेज माना जायेगा। पहले ये सीमा 50 करोड़ थी।
MSME NEW CRITERIA : टर्नओवर के नियम
~ माइक्रो एंटरप्राइजेज का टर्नओवर 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया है।
~ स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए टर्नओवर की सीमा 50 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ कर दी है।
~ मीडियम एंटरप्राइजेज के लिए ये सीमा 250 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ कर दी गयी है।
MSME NEW CRITERIA : आखिर क्यों लिया गया ये फैसला ?
फरवरी में बजट सत्र के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था की इस समय 1 करोड़ से ज्यादा MSME रजिस्टर्ड है, ये 7.5 करोड़ लोगो को नौकरी देते है और देश के मैन्युफैक्चरिंग में 36% की हिस्सेदारी रखते है और साथ ही एक्सपोर्ट का 45% का हिस्सा भी इन्ही का है। इनको और बेहतर बनाने और आगे बढ़ने का प्रोत्साहन देने, टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने और पैसा आसानी से मिल सके इसलिए सरकार ने टर्नओवर और निवेश की सीमा में बढ़ोतरी की है। इससे इन उद्यमियों को आगे बढ़ने और युवाओं को नौकरी देने का हौसला मिलेगा जो देश की तरक्की में भी सहायक बनेगा क्यूंकि ये छोटे उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में खासी भूमिका निभाते है ।
MSEME NEW CRITERIA : क्या होगा फायदा ?
इन बदलावों से MSME यानी छोटे उद्योगों को बढ़ा फ़ायदा होगा वे अब बिना किसी डर के कारोबार आगे बढ़ा सकेंगे जिसमे सरकार द्वारा उनका सहयोग किया जायेगा।इससे MSME को अब आधुनिक उपकरणों और मशीनरी पर निवेश करने पर भी समर्थन मिलेग। सरकार के इस कदम MSME सेक्टर को आगे बढ़ाने , मजबूत करने और देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इससे छोटे कारोबारियों को अब ज्यादा मौके मिलेंगे जो देश के विकास में और भी ज्यादा योगदान दे सकेंगे।
तो वही महिलाओ के नेतृत्व वाले MSME को कर छूट, ऋण पर काम ब्याज दर और प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण सहित अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलता है। इससे ज्यादा से ज्यादा महिलाओ को उद्यमिता में उतरने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।