कहा गया वो पैसा जो हमने मंदिर या मस्जिदों में चढ़ाये है धार्मिक ट्रस्टों के अरबों रूपये लेकर स्वास्थ सुविधाओं में लगाने का वक्त आ गया
कहा गया वो पैसा जो हमने मंदिर या मस्जिदों में चढ़ाये है धार्मिक ट्रस्टों के अरबों रूपये लेकर स्वास्थ सुविधाओं में लगाने का वक्त आ गया
भारत जनसंख्या के हिसाब से बहुत बड़ा देश है. यहां गरीबी भी बहुत देखने को मिलती है. जहां लोग अपना ईलाज नहीं करा पाते क्योंकि निजी अस्पतालों में ईलाज बहुत महंगा है तथा सरकारी अस्पताल इतने नहीं हैं या उनमें सभी भी उच्च स्तर की सुविधा नहीं है. अब जब कोरोना वायरस की महामारी देश में अपने पांव फैला रही है, अगर ये महामारी ना हो फिर भी भारत में स्वास्थ सुविधाएं जरूरत से बहुत कम हैं. चलिए आज इसी पर विचार करते हैं कि क्या धार्मिक ट्रस्टों का अरबों रूपए का पैसा स्वास्थ सुविधाओं में लगाना चाहिए.
सबसे पहली बात धार्मिक ट्रस्टों में जो पैसा जमा होता है, वो भारत की आम जनता का पैसा होता है तथा उसको बहुत अच्छी नियत के साथ भगवान को समर्पित किया जाता है. यदि वह पैसा किसी गरीब के स्वास्थ में काम आए, तो इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है. आज के समय में जब स्वास्थ सेवाओं की बहुत कमी है, तो ये कदम अगर सरकार द्वारा लिया जाता है, तो इसमें कुछ बुरा नहीं है.
दूसरा एक बिंदू ये हो सकता है कि ट्रस्ट को काम करने या मरम्मत कार्यों के लिए पैसे की जरूरत होती है. तो ये बात भी ठीक है लेकिन उसका समाधान ये हो सकता है कि कुछ प्रतिशत हिस्सा निश्चित किया जाए. जिससे ट्रस्ट का काम भी प्रभावित ना हो तथा स्वास्थ सुविधाओं की कमी को देश सामना कर रहा है, उससे भी छुटकारा मिल जाए.

यह एक बहुत ही महत्तवपूर्ण विषय है, जिस पर चर्चा होनी ही चाहिए. जब इस विषय पर चर्चा होगी, तभी इसके सभी नकारात्मक और सकारात्मक पक्ष निकलकर जनता के सामने आएंगें. अगर किसी भी तरह से ये सारा पैसा देश की स्वास्थ सुविधाओं पर खर्च हो पाया, तो ये हमारे देश के लिए एक बहुत ही शुभ संकेत और आने वाले भविष्य के लिए अच्छा कदम होगा.