(Tehelka Desk)Modi at G7 Summit :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज G7 Summit 2025 में भाग लेने के लिए तैयार हैं। यह समिट इस बार इटली के सुदूर और ऐतिहासिक शहर अपुलिया में आयोजित की जा रही है। भारत को इस समिट में ‘आउटरीच देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया है, और पीएम मोदी के इस मंच पर भाग लेने को भारत की वैश्विक भूमिका और प्रभाव के तौर पर देखा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, समिट के दौरान पीएम मोदी की अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से अहम मुलाकात हो सकती है। इन मुलाकातों को अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया आर्थिक, पर्यावरणीय और सामरिक चुनौतियों से जूझ रही है।
Modi at G7 Summit : भारत की भूमिका और एजेंडा
भारत इस बार जी-7 समिट में जलवायु परिवर्तन, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, तकनीकी साझेदारी, और विकासशील देशों के मुद्दों पर जोर देने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी अपने संबोधन में ‘वैश्विक दक्षिण’ यानी विकासशील देशों की आवाज को प्रमुखता से रखने वाले हैं।
भारत लंबे समय से यह रुख अपनाता रहा है कि वैश्विक फैसलों में उन देशों की बात भी सुनी जाए, जो तकनीकी और आर्थिक रूप से अपेक्षाकृत कमजोर हैं। ऐसे में पीएम मोदी का यह मंच विकासशील देशों की चिंता को जी-7 जैसे ताकतवर मंच पर उठाने का अवसर है।
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Modi at G7 Summit : ट्रंप और मेलोनी से संभावित बैठकें
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से संभावित मुलाकात पर सबकी निगाहें टिकी हैं। हाल ही में ट्रंप ने भारत के साथ रिश्तों को लेकर कई सकारात्मक बयान दिए हैं। अगर यह मुलाकात होती है, तो यह न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने में सहायक होगी, बल्कि 2024 अमेरिकी चुनावों के परिप्रेक्ष्य में भी अहम होगी।
वहीं, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ पीएम मोदी की यह दूसरी महत्वपूर्ण मुलाकात हो सकती है। दोनों नेताओं के बीच पिछली बैठक में रक्षा, निवेश, और ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी को लेकर सहमति बनी थी। इस बार की मुलाकात में इस सहयोग को और विस्तार देने की संभावना है।
Modi at G7 Summit : वैश्विक नेताओं से बातचीत का मंच
जी-7 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज़ समेत कई विश्व नेता मौजूद रहेंगे। पीएम मोदी की इन नेताओं से मुलाकातों को भी अहम माना जा रहा है।
जलवायु परिवर्तन, वैश्विक सुरक्षा, रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-फिलिस्तीन संकट जैसे मुद्दे भी बैठक के एजेंडे में शामिल हैं। भारत का रुख यूक्रेन युद्ध में तटस्थता और संवाद का रहा है, जो पश्चिमी देशों की सख्त रणनीति से अलग है। ऐसे में भारत की ‘मध्यस्थ शक्ति’ की भूमिका पर भी चर्चाएं संभव हैं।
Modi at G7 Summit : भारत-G7 संबंधों में बढ़ती नजदीकी
हाल के वर्षों में भारत और जी-7 देशों के बीच रिश्ते मजबूत हुए हैं। भारत को लगातार जी-7 समिट में आमंत्रित किया जा रहा है, जिससे उसकी वैश्विक स्वीकार्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पिछले साल जापान में हुए जी-7 शिखर सम्मेलन में भी पीएम मोदी ने हिस्सा लिया था, और उस दौरान उन्होंने जलवायु न्याय, वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना पर भारत के दृष्टिकोण को रखा था।
Modi at G7 Summit : कूटनीतिक संकेत और चुनावी पृष्ठभूमि
यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत में हाल ही में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं और नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। उनके इस विदेशी दौरे को एक कूटनीतिक संदेश के तौर पर भी देखा जा रहा है — कि भारत वैश्विक मंचों पर अपनी उपस्थिति को लगातार मजबूत कर रहा है।
दूसरी ओर, अमेरिका में भी चुनावी माहौल है और डोनाल्ड ट्रंप की सक्रियता बढ़ गई है। इस लिहाज से मोदी-ट्रंप मुलाकात की चर्चा भी राजनीतिक हलकों में तेज हो गई है। दोनों नेताओं की पुरानी मित्रता भी इन अटकलों को हवा देती है।