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Mock Drill : देशभर में मॉक ड्रिल ,सुरक्षा की तैयारी और जागरूकता का संदेश

Mock Drill : (Tehelka Desk) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, केंद्र सरकार ने देशभर में नागरिक सुरक्षा को परखने के लिए 7 मई 2025 को व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया। गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह ड्रिल 244 जिलों में आयोजित की गई, जिसमें युद्ध जैसी आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों और सरकारी तंत्र की तैयारी का आकलन किया गया। यह पहली बार था जब 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद इतने बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल आयोजित की गई।

Mock Drill : कहां-कहां हुई मॉक ड्रिल?

गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, मॉक ड्रिल का आयोजन शहरी और ग्रामीण स्तर तक किया गया। कुछ प्रमुख स्थानों पर ड्रिल की जानकारी इस प्रकार है:

1. मुंबई, महाराष्ट्र: शाम 4 बजे से मॉक ड्रिल आयोजित की गई, जिसमें शहर के विभिन्न हिस्सों में 60 सायरन बजाए गए। दक्षिण मुंबई के एक मैदान में लोगों को एकत्रित कर युद्ध जैसे हालात में बचाव के तरीके सिखाए गए।

2. बिहार: विभिन्न जिलों में शाम 7:00 बजे से 7:10 बजे तक मॉक ड्रिल हुई, जिसमें 80 स्थानों पर सायरन बजाए गए।

3. उत्तर प्रदेश: लखनऊ में हवाई हमले के सायरन के साथ भीड़ नियंत्रण का अभ्यास किया गया। मेरठ, अयोध्या, वाराणसी, और 19 अन्य उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में ड्रिल आयोजित की गई।

4. मध्य प्रदेश: भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, कटनी, और इंदौर में मॉक ड्रिल हुई।

5. राजस्थान: जोधपुर, कोटा, उदयपुर, सीकर, नागौर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, और जयपुर में ड्रिल आयोजित की गई।

6. पंजाब: मोहाली, अमृतसर, पटियाला, जालंधर, और फिरोजपुर कैंट में ड्रिल हुई। फिरोजपुर में रविवार रात 9:00 से 9:30 बजे तक ब्लैकआउट प्रैक्टिस की गई।

7. मिजोरम और नागालैंड: मिजोरम में शाम 4 बजे और नागालैंड में 10 सिविल जिलों में भी शाम 4 बजे से मॉक ड्रिल आयोजित की गई।

8. जम्मू: स्कूलों में छात्रों को मॉक ड्रिल की ट्रेनिंग दी गई।

Mock Drill
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Mock Drill : क्या प्रैक्टिस की गई?

मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति जैसे हवाई हमले, आतंकी हमले, या अन्य संकटों में नागरिकों और प्रशासन की प्रतिक्रिया को परखना और सुधारना था। ड्रिल के दौरान निम्नलिखित अभ्यास किए गए:

Mock Drill : हवाई हमले के सायरन का परीक्षण: सायरन बजाकर हवाई हमले की चेतावनी दी गई, जो 2 से 5 किलोमीटर तक सुनाई दी। यह अभ्यास पब्लिक वार्निंग सिस्टम की प्रभावशीलता जांचने के लिए था।

ब्लैकआउट प्रोटोकॉल: कई क्षेत्रों में अस्थायी रूप से बिजली बंद की गई ताकि युद्ध जैसे हालात में दुश्मन की नजर से महत्वपूर्ण स्थानों को छिपाया जा सके। उदाहरण के लिए, पंजाब के जालंधर कैंट में सोमवार शाम को ब्लैकआउट प्रैक्टिस की गई।

नागरिकों को प्रशिक्षण: आम लोगों, छात्रों, और सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों को हवाई हमले या आपात स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर जाने और बचाव के तरीकों की ट्रेनिंग दी गई।

Mock Drill : इवैकुएशन ड्रिल्स: जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास किया गया। यह सुनिश्चित किया गया कि निकासी प्रक्रिया सुचारू हो।

कंट्रोल रूम और संचार उपकरणों की जांच: कंट्रोल रूम के कामकाज और संचार उपकरणों की प्रभावशीलता को परखा गया। सिविल डिफेंस सेवाओं का सक्रियण: वार्डन सेवाएं, अग्निशमन, बचाव कार्य, और डिपो प्रबंधन जैसी सिविल डिफेंस सेवाओं की प्रतिक्रिया की जांच की गई। महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का छलावरण: संवेदनशील स्थानों और प्रतिष्ठानों को छिपाने (कैमोफ्लाज) की प्रक्रिया का अभ्यास किया गया।

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Mock Drill : क्या सावधानियां बरती गईं?

मॉक ड्रिल के दौरान निम्नलिखित सावधानियां बरती गईं ताकि आम जनता में घबराहट न फैले और अभ्यास सुचारू रूप से हो।

1. पूर्व सूचना और जागरूकता: प्रशासन ने पहले ही लोगों को सूचित किया कि यह केवल एक अभ्यास है, ताकि सायरन बजने पर कोई डरे नहीं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने लोगों से दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की।

2. अफवाहों पर नियंत्रण: सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से अफवाहें फैलने से रोकने के लिए जनता से केवल सरकारी स्रोतों से जानकारी लेने का आग्रह किया गया।

3. आवश्यक वस्तुओं की सलाह: लोगों को पानी, दवाएं, और टॉर्च जैसी जरूरी चीजें पास रखने की सलाह दी गई।

4. सुरक्षा एजेंसियों का समन्वय: पुलिस, होम गार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और सिविल डिफेंस टीमों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया गया। मेरठ में 400 सिविल डिफेंस जवानों ने लोगों को जागरूक किया।

5. यातायात और सेवाओं का प्रबंधन: ड्रिल के दौरान यातायात डायवर्जन और कुछ रास्तों को अस्थायी रूप से बंद किया गया, लेकिन रेल और मेट्रो सेवाएं सामान्य रहीं।

6. शांति बनाए रखने की अपील: अधिकारियों ने जनता से शांति बनाए रखने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया।

Mock Drill : क्यों थी यह मॉक ड्रिल महत्वपूर्ण?

गृह मंत्रालय के अनुसार, यह मॉक ड्रिल नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 के तहत आयोजित की गई और इसका उद्देश्य युद्ध या आपदा जैसी आपात स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह ड्रिल न केवल तैयारी को मजबूत करती है, बल्कि पाकिस्तान पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की रणनीति भी हो सकती है।

Mock Drill : पंजाब के फिरोजपुर छावनी में ब्लैकआउट प्रैक्टिस और जम्मू के स्कूलों में छात्रों को दी गई ट्रेनिंग जैसे अभ्यासों ने दिखाया कि सरकार नागरिकों को जागरूक करने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ड्रिल के बाद सभी राज्यों और जिलों को एक “एक्शन टेकेन रिपोर्ट” जमा करनी होगी, जिसमें अभ्यास के दौरान आई कमियों और सुधार के सुझाव शामिल होंगे।

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