Miracle Seat 11A :
Tehelka Desk (Muskan kanojia) : 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली Air India Flight AI 171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, टेकऑफ़ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि एकमात्र जीवित यात्री ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश थे। रमेश, जो सीट 11A पर बैठे थे, ने इस भयावह दुर्घटना के बाद की अपनी आपबीती साझा की है।
Miracle Seat 11A : हादसे की शुरुआत
विश्वाश कुमार रमेश ने अस्पताल में बिस्तर से बताया कि विमान के टेकऑफ़ के बाद लगभग 10 सेकंड तक ऐसा लगा जैसे विमान फंस गया हो। इसके बाद अचानक रफ्तार बढ़ी और विमान ने तेज़ी से ऊपर की ओर उड़ान भरी। कुछ ही क्षणों में विमान ने नियंत्रण खो दिया और एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास पर गिर पड़ा।
Miracle Seat 11A : दुर्घटना के बाद की स्थिति
रमेश ने बताया कि जब वह होश में आए, तो चारों ओर शवों के ढेर और जलते हुए मलबे के अलावा कुछ नहीं था। वह खुद भी गंभीर रूप से घायल थे, लेकिन उन्होंने किसी तरह मलबे से बाहर निकलने की कोशिश की। उनके शरीर पर जलने के निशान थे, लेकिन वह किसी तरह जीवित बच गए।
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Miracle Seat 11A : भाई की तलाश
रमेश के साथ उनके छोटे भाई अजय कुमार भी फ्लाइट में सवार थे, जो अब इस हादसे में लापता हैं। रमेश ने बताया कि वह अपने भाई के बारे में जानने के लिए बहुत चिंतित हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनका भाई भी जीवित मिलेगा।
Miracle Seat 11A : अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हादसे ने न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी झकझोर दिया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस घटना को ‘विनाशकारी’ बताया और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
Miracle Seat 11A :
यह हादसा भारतीय विमानन इतिहास का सबसे भीषण दुर्घटना है, जिसमें 241 लोगों की जान गई। हालांकि एकमात्र जीवित यात्री विश्वाश कुमार रमेश ने अपनी जान बचाई, लेकिन उनके लिए यह हादसा एक जीवनभर का सदमा बन गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस घटना से सीख लेकर विमानन सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की आवश्यकता है।