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Maa Baglamukhi : चमत्कारी माँ पीताम्बरा बगलामुखी शक्तिपीठ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा – जानें कहां

Maa Baglamukhi : मां बगलामुखी माता को लेकर मान्यता है कि सभी प्रकार के संकट और शत्रुओं से बचाने वाली मां बगलामुखी के सिर्फ दर्शन मात्र से ही भक्तों की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं.

Maa Baglamukhi :

मां पीताम्बरा बगलामुखी  शक्तिपीठ मंदिर का  तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आलोकित कार्यक्रम का कल समापन किया गया । शक्तिपीठ की स्थापना राणा कॉलोनी, कुंज विहार, नंदा देवी एन्क्लेव, देहरादून के बंजारावाला उत्तराखण्ड मे हुआ ।  मां पितांबरा बगलामुखी शक्तिपीठ के सेवक वरिष्ठ मान्यता प्राप्त पत्रकार चंद्रशेखर जोशी के नेतृत्व में उनके अन्य साथियों और महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाल जोर शोर से ढोल बाजे के साथ विद्वान पंडित द्वारा मंत्र उच्चारण कर पूजा विधि संपूर्ण कर ज्वाला देवी मंदिर से लाई गई अखंड जोत का स्वागत किया गया था । मां पीताम्बरा बगलामुखी शक्तिपीठ मंदिर जनपद देहरादून, उत्तराखण्ड का एक मात्र मंदिर है  जहां पर माँ ज्वाला देवी की अखंड ज्योति प्रज्वलित है । चंद्रशेखर जोशी ने यह भी बताया की इस मंदिर को बनाने में ६ वर्ष ८ दिन लगे चंद्रशेखर जोशी ने  बताया की इस मंदिर को बनाने में लगभग १०० से ज्यादा साथियों ने साथ दिया।  गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से कई बड़े नेता, नामचीन व्यापारी व देश के बड़े पत्रकारों, अधिकारियों ने मां के चरणों में अपना मस्तक झुकाया ।

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हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध ज्वाला देवी मंदिर से लाया गया अखंड जोत ।

(इस मंदिर की अखंड ज्योत को बुझाने के लिए सम्राट अकबर ने किए थे कई प्रयास, चमत्कार से खुश होकर चढ़ाया था सोना

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 वरिष्ठ पत्रकार अजय सैनी  व साथी अनुज अग्रवाल अपने परिवार के साथ मां ज्वाला जी की अखंड ज्योत लेकर देहरादून पहुंचे

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  • तमिलनाडु के प्रसिद्ध व्यापारी व मां के सेवक उत्तम जैन ने मां की मूर्ति भेंट कर अपना सहयोग प्रदान किया

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  • भक्त के रूप में धर्मपुर विधायक विनोद चमोली जी ने भी मां पितांबरा बगलामुखी के चरणों में अरदास लगाई

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  • उत्तराखंड कांग्रेस सरकार मे रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी भंडारे मे भक्तो को प्रसाद वितरण किया

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  • गुजरात से आए राजेंद्र पारीक व उनकी धर्मपत्नी ने मा बगलामुखी शक्तिपीठ बंजारावाला देहरादून के सुंदरीकरण हेतु ₹21000 की दान राशि दे अपना सहयोग प्रदान किया

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  • उत्तराखंड काशीपुर  वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व जज श्री उमेश जोशी ने अपना सहयोग किया

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  • प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त पत्रकार दीपक चौधरी भी मां के चरणों में अपनी अरदास लगाई

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  • उत्तराखंड के गवर्नर के Join Director और सूचना विभाग के  सयुंक्त निदेशक नितिन उपाध्यक्ष जी ने भी यहा आकर माई का आशीर्वाद लिया

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  • उत्तराखंड राज्य सूचना आयुक्त श्री मुकेश भट्ट जी ने भी मां बगलामुखी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अपना सहयोग  दिया

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  • मां पीतांबरा श्री बगलामुखी शक्तिपीठ मंदिर: राणा कॉलोनी नंदा देवी एनक्लेव देहरादून मे पधारे मुख्य मंत्री कार्यालय से परितोष जी – RSS : का स्वागत

 

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  • अंतिम तृतीय दिवस मां बगलामुखी का हवन वा भंडारे का भी आयोजन किया गया और लोगों को मां का प्रसाद वितरण कर अंतिम में भजन संध्या कर तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम की समाप्ति की की गई
शत्रुओं का नाश करने वाला है मां पीताम्बरा शक्तिपीठ

नेहरू-अटल से लेकर अमित शाह तक, ये राजनेता मां के इस दरबार में लगा चुके हैं हाजरी

कौन है बगलामुखी मां
मां बगलामुखी जी आठवीं महाविद्या हैं। इनका प्रकाट्य स्थल गुजरात के सौरापट क्षेत्र में माना जाता है। हल्दी रंग के जल से इनका प्रकट होना बताया जाता है। इसलिए, हल्दी का रंग पीला होने से इन्हें पीताम्बरा देवी भी कहते हैं। इनके कई स्वरूप हैं। इस महाविद्या की उपासना रात्रि काल में करने से विशेष सिद्धि की प्राप्ति होती है। इनके भैरव महाकाल हैं।
मां बगलामुखी स्तंभव शक्ति की अधिष्ठात्री हैं अर्थात यह अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और उनके बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। मां बगलामुखी का एक नाम पीताम्बरा भी है इन्हें पीला रंग अति प्रिय है इसलिए इनके पूजन में पीले रंग की सामग्री का उपयोग सबसे ज्यादा होता है. देवी बगलामुखी का रंग स्वर्ण के समान पीला होता है अत: साधक को माता बगलामुखी की आराधना करते समय पीले वस्त्र ही धारण करना चाहिए।
प्राचीन तंत्र ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख मिलता है। उनमें से एक है बगलामुखी। मां भगवती बगलामुखी का महत्व समस्त देवियों
में सबसे विशिष्ट है।

तंत्र-मंत्र की देवी
बगला शब्द संस्कृत भाषा के वल्गा का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ होता है दुलहन। मां के अलौकिक सौंदर्य और स्तंभन शक्ति के कारण ही इन्हें यह नाम दिया गया है। देवी बगलामुखी तंत्र-मंत्र की देवी हैं। तंत्र-मंत्र साधना में सिद्धि प्राप्त करने के लिए प्रथम बगलामुखी देवी को प्रसन्न करना आवश्यक होता है। बगलामुखी देवी रत्नजड़ित सिंहासन पर विराजती हैं। रत्नमय रथ पर आरूढ़ हो कर शत्रुओं का नाश करती हैं। तब देवी पीताम्बर के भक्त को तीनों लोकों में कोई नहीं हरा पाता है वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। मां बगलामुखी स्तंभन शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं अर्थात यह अपने भक्तों के भय को दूर कर शत्रुओं और उनके बुरी शक्तियों का नाश करती हैं।

पूजा तंत्र विधि
मां बगलामुखी को पीला रंग अतिप्रिय है। इनकी पूजा में पीले रंग की सामग्री का उपयोग होता है। माता बगलामुखी की पूजा तंत्र विधि के अनुसार होती है। बगलामुखी की पूजा में पीले आसन, पीले वस्त्र, पीले फल और पीले भोग का प्रयोग करना चाहिए। मां बगलामुखी के मंत्र जाप के लिए हल्दी की माला का ही उपयोग करना चाहिए।

पीताम्बरा देवी समस्त प्रकार से ऋद्धि और सिद्धि प्रदान करने वाली हैं। मान्यता है कि तीनों लोकों की महान शक्ति जैसे आकर्षण शक्ति वाक् शक्ति और स्तंभन शक्ति का आशीष देने का सामर्थ्य एक मात्र पीताम्बर देवी के पास ही है देवी के भक्त अपने शत्रुओं को ही नहीं बल्कि तीनों लोकों को वश में करने का समर्थ रखते हैं। विशेषकर झूठे प्रकरणों में अपने आप को निर्दोष सिद्ध करने के लिए देवी की आराधना उत्तम मानी जाती हैं।

माता बगुलामुखी की आराधना विधि 
नवरात्रि के इन दिनों में प्रतिदिन प्रातः काल उठे नित्कर्मों से निवृत होकर पीले रंग का वस्त्र धारण करें। माता के मंदिर जाकर व्रत का संकल्प लें धार्मिक ग्रंथों के अनुसार व्रती को साधना एकांत में मंदिर जाकर या किसी सिद्ध पुरुष के साथ बैठकर माता बंगलामुखी की पूजा-साधना करनी चाहिए। घर में माता की पूजा के लिए पूर्व दिशा रखना चाहिए।

पूर्व दिशा में उस स्थान को जहां पर पूजा करना है। उसे सर्वप्रथम गंगाजल से पवित्र कर लें। इसके बाद उस स्थान पर एक चौकी रख उस पर संभव हो तो माता बगलामुखी की सोने या पीतल की प्रतिमा को स्थापित करें और संभव नही हो तो उनका सुन्दर-सा चित्र भी स्थापित कर सकते हैं। इसके बादद आचमन कर हाथ धोएं, आसन को पवित्र करें। माता बगलामुखी व्रत का संकलप हाथ में पीले चावल, हरिद्रा, एवम पीले फूल तथा दक्षिणा लेकर करें। माता की पूजा धुप, दीप, अगरबत्ती एवम विशेष में पीले फल, पीले फूल, पीले लड्डू का प्रसाद चढ़ा कर करें।

संकल्प के बाद व्रती को नवरात्रि में निराहार रहना चाहिए। रात्रि में फलाहार कर सकते हैं। मां पीताम्बर की साधना-पूजा करने से शत्रु बाधा, रोग, कष्ट, कर्ज आदि पर विजय प्राप्त होती है। जगत का कोई ऐसा दुःख नहीं है जिसका निवारण इनकी साधना से दूर न हो। जीवन में अगर कभी ऐसा समय आए जब शत्रुओं के भय से आप भयभीत हो

अपने भी शत्रु बन गए हों, सभी रास्ते बंद हो और कानूनी विवाद में आप फंसते जा रहे हों। तब इस बुरे समय में आदिशक्ति मां देवी बगलामुखी की पूजा से आप अपने जीवन को सफल बनाकर मनवांछित कार्य प्राप्त कर सकते हैं। माता पीताम्बर में ब्रह्माण्ड की सम्पूर्ण शक्ति इनमें समाई हुई है। इनकी आराधना करने से शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद-विवाद में विजय, शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश तथा जीवन में समस्त प्रकार की बाधा का नाश होता है।

नवरात्रि में देवी बगुलामुखी का जप साधना मंत्र :-

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय  बुद्धि विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।

नजर जादू टोना या तंत्र मंत्र आपके जीवन में जहर घोल रहा है, आप उन्नति ही नहीं कर पा रहे अथवा भूत प्रेत की बाधा सता रही हो तो देवी के तंत्र बाधा नाशक इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

तंत्र बाधा निवारण मंत्र :-

ॐ ह्लीं श्रीं ह्लीं पीताम्बरे तंत्र बाधाम नाशय नाशय

इन नवरात्रि में माता की पूजा विधि
आटे के तीन दिए बनाएं व देसी घी डाल कर जलाएं। कपूर से देवी की आरती करें। हल्दी की माला से 7 माला का मंत्र जप करें। मंत्र जाप के समय अपना मुख दक्षिण की ओ रखें साथ ही आपकी कुंडली में अकाल मृत्यु का योग है, या आप सदा बीमार बने रहते हों, अपनी आयु को ले कर परेशान हों तो इस नवरात्रि में देवी के ब्रह्म विद्या मंत्र का जाप करें।

ब्रह्म विद्या मंत्र :-

ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं ब्रह्मविद्या स्वरूपिणी स्वाहा:

पूरे 9 दिन इस मंत्र का जपसाधना कर अंतिम दिन पीले वस्त्र व भोजन सामग्री जैसे – आटा, दाल, चावल, नमक, मिर्च, तेल, घी, और सब्जी आदि का दान करें। और मजदूरों, साधुओं,ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन खिलायें। उसके बाद प्रसाद पूरे परिवार में बाँटे।

मां बगलामुखी मंत्र :-

‘ह्मीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्मीं ॐ स्वाहा।’

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