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Kedarnath Helicopter Crash : हादसे के बाद राख में तब्दील हुआ हेलिकॉप्टर, बुरी तरह जल गए सभी शव

(Tehelka Desk)Kedarnath Helicopter Crash : 

उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थल Kedarnath  के पास स्थित  गौरीकुंड के जंगलों में एक भीषण हेलिकॉप्टर हादसा हुआ, जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया। इस दर्दनाक दुर्घटना में पायलट समेत कुल 7 लोग सवार थे, जिनमें से किसी की भी जान नहीं बच सकी। हेलिकॉप्टर पूरी तरह से जल गया और हादसे के बाद वह राख के ढेर में तब्दील हो गया। शव इस कदर जल गए कि उनकी पहचान कर पाना बेहद मुश्किल हो गया है।

Kedarnath Helicopter Crash  : हादसे का पूरी जानकारी

यह दुर्घटना उस समय हुई जब यात्रियों को लेकर जा रहा हेलिकॉप्टर केदारनाथ से गौरीकुंड की ओर जा रहा था। बीच रास्ते में, घने जंगलों के ऊपर से उड़ान भरते समय हेलिकॉप्टर अचानक अनियंत्रित हो गया और नीचे गिरते ही उसमें भीषण आग लग गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आसमान में पहले एक जोरदार धमाका हुआ और फिर जंगलों के बीच धुएं का गुबार दिखाई दिया।

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सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, SDRF, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम घटनास्थल पर पहुंची। लेकिन तब तक सब कुछ राख हो चुका था। हेलिकॉप्टर बुरी तरह जल चुका था और उसके अंदर सवार सभी सात लोगों की मौत हो चुकी थी। शवों की हालत इतनी खराब थी कि डीएनए टेस्ट के ज़रिए पहचान की प्रक्रिया शुरू की गई।

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Kedarnath Helicopter Crash  :  यात्रियों में श्रद्धालु शामिल

हेलिकॉप्टर में सवार लोग केदारनाथ दर्शन के लिए आए हुए श्रद्धालु थे। इनमें से अधिकांश यात्री उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से आए थे। यह हेलिकॉप्टर सेवा चारधाम यात्रा के तहत श्रद्धालुओं को सुविधाजनक यात्रा देने के उद्देश्य से संचालित की जा रही थी। हादसे में मारे गए पायलट की पहचान एक अनुभवी एविएटर के रूप में हुई है, जिनके पास सालों का उड़ान अनुभव था।

Kedarnath Helicopter Crash  :  तकनीकी खराबी या खराब मौसम

हादसे के बाद यह सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर ऐसी भयावह दुर्घटना कैसे हुई? शुरुआती जांच में खराब मौसम और तकनीकी खराबी दोनों को संभावित कारण बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि घटना के समय मौसम खराब था और इलाके में धुंध के साथ-साथ हवा भी तेज़ थी, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई थी।

हालांकि  DGCA  की टीम मौके पर पहुंचकर मामले की विस्तृत जांच कर रही है। हेलिकॉप्टर के ब्लैक बॉक्स को खोजने का प्रयास जारी है, ताकि हादसे के सही कारणों का पता चल सके।

Kedarnath Helicopter Crash  :  जंगल में लगी आग और मुश्किल हुआ रेस्क्यू

हेलिकॉप्टर के क्रैश के बाद जंगल में आग लग गई, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन भी प्रभावित हुआ। दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। घटना स्थल की दुर्गमता के कारण बचाव कार्य में देरी हुई, और टीमों को हेलिकॉप्टर के अवशेष और शव इकट्ठा करने में घंटों लग गए।

Kedarnath Helicopter Crash  :  पीएम और सीएम ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। सभी मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। मुख्यमंत्री धामी ने भी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि हादसे की जांच पारदर्शिता से की जाए और पीड़ित परिवारों को यथासंभव मदद दी जाए।

Kedarnath Helicopter Crash  :  पीड़ित परिवारों की हालत  गंभीर

हादसे की खबर सुनते ही पीड़ित यात्रियों के परिजन सदमे में हैं। कुछ परिवारों ने बताया कि उनके रिश्तेदार पहली बार चारधाम यात्रा पर गए थे और यह उनकी आखिरी यात्रा साबित हुई। सरकारी स्तर पर मृतकों के परिजनों को मुआवजा और सहायता राशि देने की घोषणा जल्द ही की जा सकती है।

Kedarnath Helicopter Crash  : हेलिकॉप्टर सेवाओं पर उठे सवाल

यह कोई पहली बार नहीं है जब चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर क्रैश की घटना सामने आई हो। इससे पहले भी ऐसी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें जानमाल का नुकसान हुआ है। अब एक बार फिर हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

Kedarnath Helicopter Crash  : मौसम विभाग ने दी जानकारी

विशेषज्ञों का मानना है कि खराब मौसम में उड़ान संचालन को लेकर अधिक सतर्कता और एडवांस टेक्नोलॉजी की ज़रूरत है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए हेलिकॉप्टर कंपनियों को अधिक जवाबदेह बनाना होगा। केदारनाथ की यह दुखद घटना श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्रा को त्रासदी में बदल गई। एक ओर जहां तीर्थ यात्रा का पवित्र उद्देश्य है आत्मिक शांति पाना, वहीं इस तरह की घटनाएं इसे भय और दुख से भर देती हैं। अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आखिर यह हादसा क्यों हुआ और भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है। सरकार और संबंधित एजेंसियों पर यह ज़िम्मेदारी है कि वे श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए इस मामले से उचित सबक लें।

 

Muskan Kanojia

Asst. News Producer (T)

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