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Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 : कपाट खुलने से पहले पंचमुखी भोलेनाथ की डोली यात्रा, जानिए इसका धार्मिक महत्व

Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 (Tehelka Desk) हर साल जब बर्फीली हवाओं के बीच केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का समय आता है, तो श्रद्धालुओं के दिलों में भक्ति और उत्साह का एक अनोखा संगम देखने को मिलता है। 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक, केदारनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 2 मई 2025 को भक्तों के दर्शन के लिए खोले जाएंगे। लेकिन इससे पहले, एक बेहद खास और आस्था से भरी परंपरा निभाई जाती है — पंचमुखी भोलेनाथ की डोली यात्रा। डोली यात्रा महज एक धार्मिक रस्म नहीं है, बल्कि यह भगवान शिव के स्वागत और उनकी दिव्य उपस्थिति का प्रतीक मानी जाती है।

Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 : इस यात्रा के दौरान भगवान के पंचमुखी स्वरूप को विशेष डोली में विराजमान कर, भक्तगण बड़े श्रद्धा भाव से केदारनाथ धाम तक ले जाते हैं। यात्रा का हर कदम भक्ति, श्रद्धा और अपार ऊर्जा से भरा होता है, मानो स्वयं भोलेनाथ अपने भक्तों के बीच विचरण कर रहे हों। इस पावन परंपरा का धार्मिक महत्व भी बेहद गहरा है।

माना जाता है कि डोली यात्रा के जरिए भगवान शिव भक्तों के बीच आते हैं और उन्हें अपने दर्शन का सौभाग्य प्रदान करते हैं। यह यात्रा न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि एक आत्मिक यात्रा भी है, जहां भक्त अपने तन-मन से भगवान के स्वागत में लीन हो जाते हैं। डोली यात्रा से जुड़ी यह परंपरा सदियों पुरानी है और हर वर्ष यह भव्य आयोजन श्रद्धालुओं के बीच एक नई ऊर्जा और विश्वास भरता है।

जैसे ही डोली के साथ पंचमुखी भोलेनाथ केदारनाथ पहुँचते हैं, मंदिर के कपाट विधिवत पूजा-पाठ के बाद खोले जाते हैं, और फिर भक्तों को भगवान शिव के दिव्य दर्शन का सौभाग्य मिलता है।

Kedarnath Dham
Kedarnath Dham

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Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 : कपाट खुलने से पहले निकलती है पंचमुखी भोलेनाथ की डोली यात्रा

Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 : हर साल जब हिमालय की चोटियों पर जमी बर्फ पिघलने लगती है और ठंडी हवाओं में भक्ति की सुगंध घुलने लगती है, तब केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का पावन अवसर आता है। इस बार भी, 2 मई 2025 को केदारनाथ के द्वार भक्तों के लिए खुलेंगे। लेकिन इससे पहले एक बेहद खूबसूरत और आध्यात्मिक परंपरा निभाई जाती है — पंचमुखी भोलेनाथ की डोली यात्रा। यह डोली यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भगवान शिव से जुड़ने का एक जीवंत माध्यम है।

Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 : पंचमुखी स्वरूप में विराजे भोलेनाथ को सुसज्जित डोली में बैठाकर भक्तगण श्रद्धा से ओत-प्रोत होकर केदारनाथ धाम तक की कठिन लेकिन आनंदमयी यात्रा करते हैं। हर कदम पर गूंजते जयकारे, घंटियों की मधुर ध्वनि और भजनों की गूँज माहौल को दिव्यता से भर देती है। ऐसा महसूस होता है मानो भोलेनाथ स्वयं अपने भक्तों के बीच चल रहे हों। इस डोली यात्रा का धार्मिक महत्व भी उतना ही गहरा है। मान्यता है कि भगवान शिव इसी यात्रा के जरिये भक्तों के बीच सजीव रूप में आते हैं और उनके जीवन में सुख, शांति और आशीर्वाद बरसाते हैं।

यह यात्रा केवल दूरी तय करने का नाम नहीं है, बल्कि यह एक आंतरिक यात्रा भी है  एक ऐसा पल, जब तन-मन-आत्मा सब कुछ भक्ति में डूब जाता है। जब पंचमुखी भोलेनाथ की डोली केदारनाथ मंदिर के प्रांगण में पहुँचती है, तो विधिवत पूजा-पाठ के बाद कपाट खोले जाते हैं। फिर भक्तों को भगवान शिव के दिव्य दर्शन का वह अनुपम सौभाग्य मिलता है, जिसका वे साल भर इंतजार करते हैं।

Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 : जानिए इसका महत्व

Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 : इस बार 2 मई 2025 को मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खुलेंगे। लेकिन इससे पहले एक अनुपम परंपरा निभाई जाती है — पंचमुखी भोलेनाथ की डोली यात्रा। यह यात्रा केवल एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि भगवान शिव से भक्तों के सीधे जुड़ने का माध्यम है। पंचमुखी स्वरूप में विराजे भोलेनाथ को सजी धजी डोली में बैठाकर भक्त श्रद्धा के साथ केदारनाथ धाम तक ले जाते हैं।

हर कदम पर गूंजते जयकारे और भजनों की मधुर धुन मानो वातावरण को दिव्यता से भर देते हैं। डोली यात्रा का गहरा धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस यात्रा के जरिये शिव स्वयं भक्तों के बीच आते हैं और आशीर्वाद बरसाते हैं। जब डोली केदारनाथ पहुँचती है, तभी विधिवत पूजा के बाद मंदिर के कपाट खोले जाते हैं।

Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 : इस साल 2 मई 2025 को मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खुलेंगे

Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 : जब हिमालय की बर्फ पिघलती है और हवाओं में भक्ति घुलने लगती है, तब केदारनाथ धाम के कपाट खुलने का शुभ समय आता है। इस साल 2 मई 2025 को मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खुलेंगे। लेकिन उससे पहले निकलती है पंचमुखी भोलेनाथ की भव्य डोली यात्रा। यह सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि भोलेनाथ से सीधे जुड़ने का एहसास है। भक्त पंचमुखी शिव को डोली में विराजमान कर भक्ति भाव से केदारनाथ धाम तक ले जाते हैं। हर कदम पर गूंजते जयकारे और भजनों की मिठास वातावरण को पवित्र कर देती है। कहा जाता है कि इस यात्रा के दौरान शिव स्वयं अपने भक्तों के बीच आते हैं। डोली के धाम पहुंचने के बाद ही मंदिर के कपाट खोले जाते हैं।

Kedarnath Dham Doli Yatra 2025 : जैसे ही हिमालय की बर्फ पिघलती है, केदारनाथ धाम में भक्ति की बयार बहने लगती है। इस बार 2 मई 2025 को मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुलेंगे। लेकिन उससे पहले होती है एक बेहद खास परंपरा — पंचमुखी भोलेनाथ की डोली यात्रा। भक्तगण शिवजी की डोली को भक्ति और जयकारों के साथ धाम तक ले जाते हैं।कहा जाता है, इस यात्रा में खुद भगवान शिव भक्तों के बीच विराजते हैं। डोली के पहुंचने के बाद ही मंदिर के कपाट खोले जाते हैं। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था और प्रेम का सजीव उत्सव है।

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