Justice Verma Cash Row :अलाहबाद कोर्ट ने किया 25 मार्च से अनिश्चितकाल हड़ताल का ऐलान, जस्टिस वर्मा का स्थानांतरण वापस लेने की है मांग
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Justice Verma Cash Row : Tehelka Desk :दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत सिन्हा के सरकारी आवास से बड़ी मात्रा में पैसे मिलने का मामला लगातार सुर्खियों में है। और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बिलकुल भी नरमी बरतने के मूड में नहीं है। जहाँ एक तरफ दिल्ली कोर्ट ने उनका ट्रांसफर कर दिया था तो वही इस मामले में इलाहबाद कोर्ट ने उनके ट्रांसफर पर आपत्ति जताई थी, तो वही अब इस मामले में एक और नया मोड़ आ गया है।
Justice Verma Cash Row : इलाहबाद कोर्ट ने की अनिश्चितकाल हड़ताल की घोषणा
जहाँ इलाहाबाद हाई कोर्ट बार असोसिएशन ने घोषणा की कि वह दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को उनके मूल कोर्ट में वापस भेजे जाने के प्रस्ताव के विरोध में 25 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगा। यह घोषणा उस समय की गई जब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण की सिफारिश करने के अपने निर्णय की पुष्टि की, जिनके खिलाफ दिल्ली स्थित उनके आधिकारिक आवास से बड़ी मात्रा में नकद मिलने के आरोप की जांच की जा रही है।
एसोसिएशन ने कहा कि यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण वापस नहीं लिया जाता और उनके खिलाफ चल रही जांच का निष्पक्षता से समाधान नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण की सिफारिश की है, जो कि दिल्ली स्थित उनके आधिकारिक आवास से बड़ी मात्रा में नकद मिलने के मामले में जांच का सामना कर रहे हैं।
Justice Verma Cash Row : पारदर्शी तरीके से हो जांच की उठी मांग
इस मुद्दे पर बार एसोसिएशन का कहना है कि वे न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ चल रही जांच को पूरी तरह से सही और पारदर्शी तरीके से निपटाने की मांग करते हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यह हड़ताल न्यायपालिका की स्वतंत्रता और न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।
Justice Verma Cash Row : हड़ताल की घोषणा के बाद, इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायिक कार्यों में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है, जिससे कई मामलों में सुनवाई रुक सकती है। बार असोसिएशन ने इस कदम को न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्षता की रक्षा के लिए आवश्यक बताया है।
हड़ताल के दौरान, एसोसिएशन ने सरकार और न्यायपालिका से अपील की है कि इस मामले में जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए और न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण वापस लिया जाए।