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Junagadh Rape Case : बाप-बेटी का रिश्ता हुआ शर्मसार, कलयुगी बाप ने की अपनी ही 12 साल की बेटी के साथ दरिंदगी

 

Junagadh Rape Case : Tehelka Desk : गुजरात के जूनागढ़ से एक बेहद ही शर्मनाक घटना सामने आई है। जहां एक कलयुगी बाप ने अपनी 12 साल की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि यह हैवानियत एक नहीं बल्कि, डेढ़ महीने में 4 बार हुई है। आरोपी पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

Junagadh Rape Case : माता-पिता का हुआ है तलाक

बच्ची के माता-पिता का तलाक तीन महीने पहले हो चुका है। तलाक के बाद 12 साल की बेटी और 9 साल का बेटा अपने पिता के साथ रह रहे थे। इसी दौरान पिता ने बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाया और डेढ़ महीने में बच्ची से चार बार दुष्कर्म किया। इतना ही नहीं, बच्चों के मुताबिक वह उन्हें मारता-पीटता भी था। जिसके बाद बच्ची ने हिम्मत दिखाकर अपनी मां को सारी सच्चाई बताई, जिसके बाद मां ने तुरंत पुलिस को खबर दी।

Junagadh Rape Case : जूनागढ़ के डिप्टी एसपी ने बताया कि मां की शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की अलग-अलग धाराओं पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

Junagadh Rape Case

Junagadh Rape Case : POCSO ACT 2012

POCSO ACT (Protection of Children from Sexual Offences) Act 2012 यानी “यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012” एक भारतीय कानून है, जिसे 18 साल से कम उम्र के बच्चों को यौन शोषण, यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से सुरक्षा देने के लिए बनाया गया है।

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Junagadh Rape Case
Junagadh Rape Case : मुख्य बिंदु

उद्देश्य: POCSO का उद्देश्य बच्चों से जुड़े यौन उत्पीड़न, उत्पीड़न और अश्लील साहित्य को संबोधित करने के लिए एक व्यापक कानूनी ढांचा प्रदान करना है।

दायरा: अधिनियम 18 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों पर लागू होता है और लिंग-तटस्थ है, जिसका अर्थ है कि यह लड़कों और लड़कियों दोनों की सुरक्षा करता है।

अपराध: POCSO बच्चों के खिलाफ विभिन्न अपराधों को परिभाषित करता है, जिसमें प्रवेशात्मक यौन हमला, यौन हमला, यौन उत्पीड़न और अश्लील साहित्य शामिल हैं। इन अपराधों के लिए दंड गंभीर हैं और कई वर्षों की जेल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकते हैं, कुछ मामलों में मृत्युदंड की संभावना भी हो सकती है।

बाल-अनुकूल प्रक्रियाएं: POCSO बाल पीड़ितों की भेद्यता को पहचानता है और रिपोर्टिंग, जांच और परीक्षण के लिए प्रक्रियाएं निर्धारित करता है जो बच्चे की जरूरतों के प्रति संवेदनशील हैं। इसमें बच्चों के अनुकूल तरीके से साक्ष्य दर्ज करने और त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालतें स्थापित करने के प्रावधान शामिल हैं।

पीड़ितों के लिए सहायता: अधिनियम यौन अपराधों के शिकार बच्चों के लिए सहायता सेवाओं की आवश्यकता को पहचानता है। यह कानूनी प्रक्रिया के दौरान पीड़ित की भलाई सुनिश्चित करने के लिए बाल कल्याण समितियों और विशेष अदालतों की स्थापना को अनिवार्य बनाता है।

Junagadh Rape Case : बाल यौन शोषण के खिलाफ भारत की लड़ाई में POCSO एक महत्वपूर्ण कानून है। इससे बच्चों के लिए कानूनी सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और इन जघन्य अपराधों के प्रति प्रतिक्रिया प्रणाली में सुधार करने में मदद मिली है।

Akshita Rawat

News Producer

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