Jagannath Rath Yatra 2025: जानें कब से शुरू होगी यात्रा, क्या है इसका पौराणिक और धार्मिक महत्व
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- 1 ECI vs Rahul Gandhi: EVM विवाद फिर गरमाया, राहुल ने उठाए सवाल, चुनाव आयोग ने दिया जवाब
- 1.0.1 Jagannath Rath Yatra 2025: इतिहास और परंपरा, सदियों से चली आ रही आस्था की रेखा
- 1.0.2 Jagannath Rath Yatra 2025: रथ निर्माण, महीनों पहले शुरू होती है तैयारी
- 1.0.3 Jagannath Rath Yatra 2025: धार्मिक महत्व, भक्तों के लिए क्यों खास है यह यात्रा
- 1.0.4 Jagannath Rath Yatra 2025: विश्व भर से आते हैं श्रद्धालु
- 1.0.5 Jagannath Rath Yatra 2025: टीवी और ऑनलाइन लाइव प्रसारण
- 1.0.6 Jagannath Rath Yatra 2025: आस्था, संस्कृति और समर्पण की एक अनोखी मिसाल
(Tehelka Desk)Jagannath Rath Yatra 2025:
पुरी, ओडिशा:
भारत की सबसे भव्य और प्राचीन धार्मिक परंपराओं में से एक, Shri Jagannath Rath Yatra हर साल भव्यता और श्रद्धा के साथ ओडिशा के पुरी शहर में मनाई जाती है। 2025 में यह ऐतिहासिक यात्रा 6 जुलाई से शुरू होने जा रही है। तीन दिवसीय इस आयोजन में भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को विशेष रथों में बैठाकर पूरे पुरी नगर में यात्रा कराई जाती है।
रथ यात्रा का पौराणिक महत्व क्या है, इसकी ऐतिहासिक जड़ें क्या हैं, और क्यों हर साल करोड़ों श्रद्धालु देश-विदेश से पुरी पहुंचते हैं, सिर्फ एक झलक को पाने के लिए।
Jagannath Rath Yatra 2025: तारीख और प्रमुख कार्यक्रम
- प्रारंभ तिथि: 6 जुलाई 2025 (आषाढ़ शुक्ल द्वितीया)
- स्थान: श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी, ओडिशा
- समाप्ति: यात्रा के नौवें दिन ‘बहुदा यात्रा’ और फिर ‘नीलाद्री बिजय’ के साथ समापन
- मुख्य आकर्षण: तीन विशाल रथ – नंदिघोष (जगन्नाथ), तालध्वज (बलभद्र), और दर्पदलन (सुभद्रा)
इस अवसर पर पुरी में लाखों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं। रथों को खींचना एक विशेष पुण्यकर्म माना जाता है।
Jagannath Rath Yatra 2025: पौराणिक मान्यता, क्यों निकलते हैं भगवान रथ पर
जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत का उल्लेख स्कंद पुराण, ब्रह्म पुराण और पद्म पुराण में मिलता है। यह यात्रा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी हुई है।
मान्यता है कि हर साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया के दिन भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ पुरी के मुख्य मंदिर से बाहर निकलते हैं और अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं। वहां वे नौ दिन रुकते हैं और फिर वापस आते हैं जिसे बहुदा यात्रा कहा जाता है।
यह यात्रा इस बात का प्रतीक है कि भगवान अपने भक्तों के बीच स्वयं आते हैं, उनके दुख-सुख में शामिल होते हैं।
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Jagannath Rath Yatra 2025: इतिहास और परंपरा, सदियों से चली आ रही आस्था की रेखा
श्री जगन्नाथ मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में गंग वंश के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने करवाया था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा बिना किसी बाधा के जारी है।
रथ यात्रा को लेकर यह भी मान्यता है कि यह केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक है। किसी भी जाति, धर्म या वर्ग का व्यक्ति भगवान के रथ को खींच सकता है यही समावेशिता इसे सबसे अलग बनाती है।
Jagannath Rath Yatra 2025: रथ निर्माण, महीनों पहले शुरू होती है तैयारी
तीनों रथों का निर्माण हर साल नए लकड़ी के टुकड़ों से किया जाता है। यह कार्य आषाढ़ मास के पहले ‘अक्षय तृतीया’ से शुरू होता है।
- भगवान जगन्नाथ का रथ: नंदिघोष, 45 फीट ऊँचा, 16 पहिए
- बलभद्र का रथ: तालध्वज, 44 फीट ऊँचा, 14 पहिए
- सुभद्रा का रथ: दर्पदलन, 43 फीट ऊँचा, 12 पहिए
रथों की सजावट पारंपरिक रंगों, चित्रों और प्रतीकों से होती है, जिन्हें देखने लाखों लोग पहले ही दिन से जुट जाते हैं।
Jagannath Rath Yatra 2025: धार्मिक महत्व, भक्तों के लिए क्यों खास है यह यात्रा
जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर यह मान्यता है कि इसमें भाग लेने या केवल दर्शन मात्र से भी जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
कुछ खास धार्मिक मान्यताएँ :
- रथ खींचना मोक्ष का द्वार खोलता है
- यात्रा के दौरान ‘हरि बोल’ और ‘जय जगन्नाथ’ के नारे से वातावरण भक्तिमय हो जाता है
- यात्रा के दौरान अन्नदान, भजन कीर्तन, और सत्संग का आयोजन होता है
देशभर के संन्यासी, भक्त, वैष्णव संत और अखाड़े भी इसमें भाग लेते हैं।
Jagannath Rath Yatra 2025: विश्व भर से आते हैं श्रद्धालु
पुरी की रथ यात्रा अब केवल भारत तक सीमित नहीं रही। लंदन, न्यूयॉर्क, मॉरिशस, मॉस्को और मेलबर्न जैसे शहरों में भी ISKCON द्वारा जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है।
विदेशों में भी भगवान जगन्नाथ को “Lord of the Universe” कहा जाता है, और उनकी रथ यात्रा को वहां के नागरिक भी बड़े सम्मान और उत्साह से मनाते हैं।
Jagannath Rath Yatra 2025: टीवी और ऑनलाइन लाइव प्रसारण
जो श्रद्धालु पुरी नहीं पहुंच पाते, वे रथ यात्रा को टीवी चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइव देख सकते हैं। 2025 में Doordarshan, Zee News, YouTube चैनल्स और Jagannath Temple की ऑफिशियल वेबसाइट पर भी लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।
Jagannath Rath Yatra 2025: आस्था, संस्कृति और समर्पण की एक अनोखी मिसाल
जगन्नाथ रथ यात्रा केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, यह भारत की सांस्कृतिक विरासत और भक्तों की अटूट आस्था का प्रतीक है। यह आयोजन यह सिखाता है कि ईश्वर हर वर्ग के लोगों के लिए सुलभ हैं — चाहे वह राजा हो या रंक।
2025 में यह यात्रा भी वैसी ही भव्यता और आस्था के साथ मनाई जाएगी। अगर आप जीवन में एक बार ईश्वर के रथ को खींचना चाहते हैं, तो यह वर्ष आपके लिए एक अद्भुत अवसर हो सकता है।