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Israel vs Iran:  आयरन डोम कैसे हुआ फेल और कौन बना इस्राइल की नई सुरक्षा ढाल, जनिए

(Tehelka Desk)Israel vs Iran:

Israel vs  Iran के बीच बढ़ते तनाव में एक ऐसा क्षण सामने आया जब पूरी दुनिया की नजरें इन दो देशों पर टिक गईं। हाल ही में ईरान ने इस्राइल पर सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन से बड़ा हमला  किया। इस हमले ने कई देशों को चौंका दिया और वैश्विक सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दीं। लेकिन इस हमले के दौरान सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि इस्राइल का दुनिया भर में मशहूर ‘आयरन डोम’ डिफेंस सिस्टम कई मिसाइलों को क्यों नहीं रोक पाया ।

Israel vs Iran:  क्या है आयरन डोम और क्यों है प्रसिद्ध?

आयरन डोम इस्राइल द्वारा विकसित एक आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे खासकर कम दूरी की मिसाइलों, रॉकेट्स और मोर्टार  हमलों से बचाव के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसे इस्राइल की डिफेंस कंपनी  Rafael Advanced Defense Systems  ने अमेरिकी सहयोग से तैयार किया है।
इस सिस्टम का दावा है कि यह उड़ती हुई मिसाइलों को हवा में ही तबाह कर सकता है और इससे आम नागरिक इलाकों की रक्षा की जा सकती है।

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Israel vs Iran:  मुख्य विशेषताएं

  • कम दूरी के खतरे से रक्षा
  • त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता
  • हर लक्ष्य पर लागत, लगभग $50,000
  • सफलता दर 85% से 90% तक

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Israel vs Iran:  ईरानी हमले में क्या हुआ था

ईरान ने इस्राइल पर एक  संगठित और विशाल मिसाइल व ड्रोन हमला  किया। इसमें शामिल थे क्रूज़ मिसाइलें और बैलिएस्टिक मिसाइलें ।

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ईरान का दावा था कि यह हमला सीधी  प्रतिक्रिया थी  सीरिया में ईरानी दूतावास पर हुए इस्राइली हमले  का और यह हमला इस स्तर का था कि इस्राइल की सामान्य रक्षा प्रणाली को इसे रोकने में  अत्यधिक दबाव का सामना करना पड़ा।

Israel vs Iran:  आयरन डोम क्यों नाकाम साबित हुआ?

हालांकि आयरन डोम ने कई मिसाइलों को रोका लेकिन यह हमले की  भीषण मात्रा  के आगे पूरी तरह कारगर नहीं रहा। इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं:

  1. हमले की तीव्रता और संख्या

ईरान ने एक साथ  सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन  छोड़े साथ ही आयरन डोम की एक सीमा है – यह एक समय में एक निश्चित संख्या तक ही हमलों का जवाब दे सकता है। इतनी बड़ी मात्रा में मिसाइलों को एकसाथ रोकना इसकी क्षमता से परे था।

  1. मिसाइलों का मिक्स पैटर्न

ईरान ने क्रूज़, बैलिएस्टिक और ड्रोन का संयोजन अपनाया। यह ‘मल्टी-थ्रेट’ अटैक था जिसमें अलग-अलग दिशा और गति से आने वाले हमले शामिल थे। आयरन डोम को मुख्यतः शॉर्ट रेंज हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि क्रूज़ और बैलिएस्टिक मिसाइलें लंबी दूरी और अधिक ऊंचाई से आती हैं।

  1. सैचुरेशन अटैक

यह सैन्य रणनीति होती है जिसमें दुश्मन को इतने बड़े पैमाने पर हमले से घेर लिया जाता है कि उसकी रक्षा प्रणाली  ओवरलोड  हो जाए। यही इस्राइल के साथ हुआ। एक समय के बाद आयरन डोम लक्ष्य पहचान और प्रतिक्रिया में पीछे रह गया।

Israel vs Iran:  कौन-सा डिफेंस सिस्टम बना इस्राइल की नई ढाल

जब आयरन डोम पर दबाव पड़ा, तब  इस्राइल के सहयोगी देशों  और इसके अन्य रक्षा प्रणालियों ने मोर्चा संभाल लिया साथ ही इसमें प्रमुख भूमिका निभाई Arrow 3 और David’s Sling  नामक उन्नत मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने इन प्रणालियों के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने भी इस्राइल की रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाई साथ ही अमेरिकी  THAAD और Aegis  सिस्टम से सहयोग मिला है ।

Israel vs Iran:  क्या बदल जाएगा भविष्य में

ईरान और इस्राइल के बीच यह मुठभेड़ सिर्फ क्षेत्रीय नहीं, बल्कि  भूराजनीतिक असर वाली घटना बन चुकी है। यह स्पष्ट हो गया है कि अब केवल आयरन डोम जैसे शॉर्ट-रेंज सिस्टम पर निर्भर नहीं रहा जा सकता बल्कि मल्टी-लेयर डिफेंस सिस्टम और सहयोगी देशों की भूमिका निर्णायक बन गई है जिससे साइबर सुरक्षा, ड्रोन डिफेंस और अंतरिक्ष आधारित चेतावनी प्रणालियों की जरूरत और बढ़ेगी।

 

 

 

 

Muskan Kanojia

Asst. News Producer (T)

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