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Irani Gang : बुलंदशहर में ईरानी गैंग का पर्दाफाश, स्याना पुलिस के हत्थे चढ़े तीन शातिर अपराधी

(रिपोर्ट- सादान)Irani Gang : 

बुलंदशहर जिले के स्याना क्षेत्र में सियासी-पुलिसिया सतह पर हलचल मची हुई है। स्याना पुलिस और उसके SWAT team  के संयुक्त अभियान में, महाराष्ट्र में सक्रिय रहे ईरानी गैंग के अख्तर सैयद, फिरोज हज्जत अली जाफरी, तथा निसार बुंदु शाह नामक शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन आरोपियों पर लूट, चोरी, तांपेबाजी और हथियार रखने सहित विभिन्न राज्यों में अपराधों का सरगर्म आरोप है।

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Irani Gang :  गिरफ्तारी का रहस्य, कैसे पकड़े गए यह अपराधी

  • स्याना पुलिस और टैक्टिकल यूनिट (SWAT) की छापेमारी में ये तीनों संदिग्ध गिरफ्तार किए गए।
  • इनके कब्जे से ₹68,000 नकद, सोने के आभूषण, तीन देशी तमंचे व छह कारतूस भी बरामद हुए।
  • आरोपियों ने कबूल किया कि वे अलग-अलग शहरों—खासकर स्याना, आगरा व फतेहपुर सीकरी—में रूम बुक कर ‘टैपेेबाजी’ (ध्यान भटकाने की चोरी) कर रहे थे ।

एसपी सिटी शंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इरानी गैंग की साजिश, उपकरण और कामकाज का खुलासा करते हुए बताया कि गैंग ट्रेन से यात्रा करके लक्ष्य स्थानों पर रूम बुक करता, योजना बनाता और अपराध को अंजाम देने के बाद भाग जाता था ।

Irani Gang :  महाराष्ट्र से बुलंदशहर तक, अपराध का विस्तृत जाल

  • गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र, दिल्ली, आगरा-फतेहपुर सीकरी समेत कई राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं।
  • इनमें से फतेहपुर सीकरी की घटना का मुख्य खुलासा स्याना पुलिस की पूछताछ से हुआ ।
  • महाराष्ट्र में ये रुख-परिवर्तनकारी अपराध—जैसे भड़काऊ ‘टप्पेबाजी’—करते थे, और आगरा व उत्तर प्रदेश में हथियार व नकदी के साथ सक्रिय पाए गए।

निरीक्षण में यह लगा कि ये गैंग खासतौर पर कीमती आभूषण और नकदी के साथ-साथ लड़ाकू हथियार रखने में भी संलिप्त थे—जो कि जनता और व्यवस्था दोनों के लिए चिंता का विषय है।

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Irani Gang :  टप्पेबाजी की विधि, हेरफेर की कला

  • ये अपराधी ड्राइंग की तरह कार्य करते थे एक साथी ध्यान भटकाता, दूसरा चोरी करता।
  • स्याना में सीक्रेट चोरी की उसी विधि को अंजाम देने की बात उन्होंने स्वीकार की—जिसमें धीमे-धीरे “टप्पेबाजी” (ध्यान भटकाने पर आधारित चोरी) होती थी ।
  • यह जन्मजात अपराध की तकनीक रेलवे स्टेशन, बाजार, मंदिर, शादी समारोह आदि स्थानों में अधिक धड़ल्ले से अपनाई जाती रही है।

Irani Gang :  हथियार, नकदी और चोरी की बड़ी मात्रा

  • गिरफ्तार आरोपियों के पास से 68,000 नकद, सोने के आभूषण, तीन तमंचे और 6 कारतूस मिले हैं ।
  •  भट्टेश्वरी थाना क्षेत्र में हुई लगभग ₹3.5 लाख की फतेहपुर सीकरी की घटना समेत बाकी मामलों में भी इसी तरह के माल चोरी होना सामने आया।
  • इससे न केवल लुटे गए शहरों की कार्यवाही में मदद मिली, बल्कि अब बड़े गिरोह की पहचान भी संभव होगी।

Irani Gang :  पुलिस रणनीति, स्याना, आगरा फतेहपुर की तीन-स्थानकारी जांच

  • स्याना पुलिस  ने बताया की संयुक्त जांच से आगरा व फतेहपुर सीकरी की घटनाएँ भी साफ हुईं ।
  •  महाराष्ट्र की यात्रा से लेकर उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक की घटना जुड़ी हुई है—जिससे पता चलता है कि यह गिरोह अंतरराज्यीय अपराधों में लिप्त था।
  •  पुलिस इनकी को-ऑर्डिनेशन, ट्रेनिंग और आईडेंटिटी ट्रैक कर सबूची कर रही है।

इस गिरफ्तारी का व्यापक प्रभाव

🔹 स्थानीय स्तर पर:

  • स्याना, आगरा और फतेहपुर सीकरी जैसे चयनित इलाकों में जमीनी स्तर पर असुरक्षा का हल्ला था—पर अब गिरफ्तारी के बाद लोगों को राहत मिली है।
  • पुलिस ने स्थानीय जन-आश्वासन से भरोसे का दौर शुरू कर दिया है।

अंतर-राज्यीय सतर्कता:

  • महाराष्ट्र के साथ-साथ दिल्ली, यूपी के साथ ही गुजरात व पंजाब जैसी जगहों पर वाहनों और गिरोह की पहचान को लेकर जुड़-तोड़ तेज होगा।
  • इरानी गैंग जैसे अंतरराज्यीय गिरोहों पर सत्वर कार्रवाई का दबाव बढ़ा है।

आगे का प्रवास, क्या मोर्चा बरकरार रहेगा?

  1. गिरोहबिखरना: गिरफ्तारी से गिरोह के अन्य हिस्सों पर दबाव बढ़ा है—एक मोर्चे पर शामिल अन्य सदस्य अब अपने छुपने की जगह तलाश रहे हैं।
  2. गहन पूछताछ: पूछताछ में इनके आपराधिक नेटवर्क, वारदातों की गहराई, वित्त प्रवाह और हथियार सप्लाई चैन की जानकारी सामने आएगी।
  3. नशाप्रभाव या राजनीतिक सुरक्षा ? सार्वजनिक सवाल यह है कि क्या पुलिस की कार्रवाई इतनी प्रभावशाली शब्दों में, या फाइलों तक ही सीमित रहेगी।

Irani Gang :  महाराष्ट्र से UP तक फैले ईरानी गैंग की एंडटूएंड जांच

स्याना पुलिस द्वारा संयुक्त कार्रवाई—जो राष्ट्रीय स्तर पर फैल चुके अपराधियों को उनके ठिकानों से गिरफ्तार करने की मिसाल बन गई—यह साफ करता है कि:

  • गिरोह का अंतरराज्यीय नेटवर्क अब डेटा व्हाट्सएप या फ़ाइल लॉग्स में सीम्त नहीं रहा, बल्कि वास्तविक क्राइम लैब्स में पकड़ा जा रहा है।
  • न्यायालयिक प्रक्रिया की आवश्यकता है—गिरफ्तार अपराधियों के खिलाफ अब तत्काल चार्जशीट व न्याय-प्रक्रिया सुनिश्चित करना होगा ताकि उनके क्लाइंट्स को न दोषमुक्त किया जा सके न बचाया जा सके।
  • भविष्य में ऐसी कार्रवाइयों की लगातार निगरानी—महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात और दिल्ली—के इंटर-सहयोग से की जाएगी।

मुख्य सवाल है: क्या यह गिरफ्तारी अपराध की भूगोल को सीमित करेगी, या जल्द ही अन्य राज्यों के गिरोहों को भी लपेटे में लेगी?

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Muskan Kanojia

Asst. News Producer (T)

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