Headings
- 1 Iran vs Israel :
- 2 रणनीति या प्रतिक्रिया?
- 3 Iran vs Israel : कल तक ट्रम्प का समर्थन, आज ईरान की पीठ में खड़ा?
- 4 Iran vs Israel : रणनीतिक बदलाव – ईरान की ओर झुकाव
- 5 Iran vs Israel : सुरक्षा हितों के मिलान – साझा चिंताएँ
- 6 Iran vs Israel : भारत-पाकिस्तान तनाव में ईरान की मध्यस्थ भूमिका
- 7 Iran vs Israel : पाकिस्तान की डबल रणनीति: ईरान + अमेरिका?
- 8 Iran vs Israel : पाकिस्तान की नई दिशा?
Iran vs Israel :
रणनीति या प्रतिक्रिया?
पाकिस्तान ने अपने विदेश नीति में बड़ा झुकाव दिखाते हुए हाल ही में ईरान का खुला समर्थन किया है , जबकि कल तक पाकिस्तान ने ट्रंप के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की वकालत की थी। यह बदलाव मध्य-पूर्व की बदलती भू-राजनीतिक तस्वीरों और पाकिस्तान की प्राथमिकताओं में आ रहे अंतर को दर्शाता है।
Iran vs Israel : कल तक ट्रम्प का समर्थन, आज ईरान की पीठ में खड़ा?
- कुछ समय पहले, पाकिस्तान में राजनीतिक और मीडिया मंचों पर ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग उठ रही थी।
- यह रुख ट्रंप के भारत-पाकिस्तान में तनाव को कम करने की कोशिशों के संदर्भ में था, और पाकिस्तान की अमेरिका‑मूलक नीतियों में बने रहने की इच्छा से जुड़ा था।
Iran vs Israel : रणनीतिक बदलाव – ईरान की ओर झुकाव
- अब पाकिस्तान ने स्पष्ट शब्दों में ईरान के समर्थन में बयान जारी किया—ईरान की कार्रवाईयों को “अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप” बताया और उसकी रक्षा की खरीदी की।
- पाकिस्तान के रक्षा मंत्रियों और विदेश कार्यालय ने कहा कि ईरान संकटपूर्ण स्थिति में एक “भाई” है।
Iran vs Israel : सुरक्षा हितों के मिलान – साझा चिंताएँ
- किश्ती और आतंकवाद: दोनों देशों को बालूचिस्तान सीमा पर आतंकवादी और अलगाववादी गुटों जैसेजैश उल-अदल की गतिविधियों की फिक्र है ।
- सीमा सुरक्षा: ईरान और पाकिस्तान ने एक साझा मोर्चा बनाने का संकल्प लिया है, ताकि सीमा पर अस्थिरता को रोका जा सके।
- पाइपलाइन और ऊर्जा साझेदारी: लंबे समय से रुकी हुई ‘ईरान–पाकिस्तान गैस पाइपलाइन’ परियोजना दोबारा चर्चा का विषय बनी हुई है ।
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Iran vs Israel : भारत-पाकिस्तान तनाव में ईरान की मध्यस्थ भूमिका
अप्रैल-May में पीओके से बढ़ते तनाव के बीच, ईरान ने बातचीत की पहल की। पाकिस्तान ने इसका स्वागत किया और बुरा नहीं माना ।
प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने ईरान के शांतिपूर्ण सोच को सराहा, खासकर भारत-पाकिस्तान युद्ध की विभीषिका से निजात दिलाने की दिशा में ।
Iran vs Israel : पाकिस्तान की डबल रणनीति: ईरान + अमेरिका?
- पाकिस्तान एक ओर तो ईरान को सैन्य और कूटनीतिक समर्थन दे रहा है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के साथ संबंधों को भी बांधे रख रहा है।
- उदाहरण के लिए, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का हालिया पाकिस्तान आर्मी चीफ को व्हाइट हाउस बुलाना इस समरसता का संकेत है ।
Iran vs Israel : पाकिस्तान की नई दिशा?
- पाकिस्तान का अचानक ईरान की ओर इशारा करना केवल एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक रणनीतिक बदलाव का संकेत है। यह बदलाव सुरक्षा, विश्वास और ऊर्जा की साझा चिंताओं से प्रेरित है—वहीं ट्रम्प‑समर्थन की नीति पाकिस्तानी कूटनीति में समय की जरूरतों का प्रतिबिंब थी: अमेरिकी वर्षों से चलने वाली मदद और साथ में उसके साथ तालमेल बनाए रखना।
- लेकिन वर्तमान वक्त में वह जिस सवाल का सामना कर रहा है वह है:
क्या यह स्थिर गठबंधन होगा, या आने वाले वक्त में फिर बदल जाएगा? - क्योंकि आज पाकिस्तान ने ट्रम्प से ईरान तक अपनी विदेश नीति की दिशा बदली—कल क्या करेगा, यह समय बताएगा।