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 India-US Trade Deal: 48 घंटे में होगा ऐतिहासिक ऐलान, कृषि शर्तों पर भारत अड़ा

(Tehelka Desk) India-US Trade Deal: 

48 घंटे में हो सकती है ऐतिहासिक घोषणा

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India and America के बीच लंबे समय से अटकी पड़ी ट्रेड डील को लेकर अब बड़ी खबर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, अगले 48 घंटे में दोनों देशों के बीच इस बहुप्रतीक्षित समझौते पर मुहर लग सकती है।

ट्रेड डील को लेकर दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, लेकिन सबसे बड़ी अड़चन भारत के कृषि क्षेत्र को लेकर थी। ताजा अपडेट ये है कि भारत कृषि सेक्टर से जुड़ी अपनी शर्तों पर अब भी अडिग है और अमेरिका को इसी आधार पर सहमति बनानी होगी।

India-US Trade Deal : क्यों खास है यह ट्रेड डील?

भारत और अमेरिका के बीच यह ट्रेड डील इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार का रास्ता और चौड़ा होगा। फिलहाल भारत-अमेरिका के बीच सालाना करीब 190 अरब डॉलर का व्यापार होता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस डील के बाद अगले पांच साल में यह आंकड़ा 300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

India-US Trade Deal :   कृषि सेक्टर बना सबसे बड़ा पेंच

दरअसल, अमेरिका चाहता है कि भारत कृषि बाजार में कुछ सेक्टरों को ज्यादा खुलेपन के साथ विदेशी कंपनियों के लिए खोले। इसके तहत डेयरी, पोल्ट्री, अनाज और कुछ प्रोसेस्ड फूड आइटम्स पर भारत को टैक्स में राहत देनी होगी।

लेकिन भारत का कहना है कि वह अपनी कृषि अर्थव्यवस्था और किसानों के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। भारत ने साफ कर दिया है कि कृषि सब्सिडी और MSP  के मुद्दे पर कोई ढील नहीं दी जाएगी।

India-US Trade Deal :  भारत के तर्क क्या हैं?

भारत के अधिकारियों का कहना है कि भारत की करीब 60% आबादी अभी भी खेती पर निर्भर है। ऐसे में अगर विदेशी कंपनियों को खुली छूट दी गई तो भारतीय किसानों की आय और बाजार दोनों पर असर पड़ेगा।

भारत का जोर इस बात पर है कि अमेरिकी कंपनियां भारतीय कृषि बाजार में आ तो सकती हैं लेकिन स्थानीय किसानों के हितों को सुरक्षित रखने वाले नियमों के साथ।

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India-US Trade Deal :  सरकार की क्या रणनीति है?

केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि भारत के लिए फूड सिक्योरिटी और किसानों की आजीविका सबसे बड़ा मुद्दा है। इसके लिए भारत ने कुछ वैकल्पिक प्रस्ताव भी अमेरिका को दिए हैं।

भारत चाहता है कि ट्रेड डील में कुछ विशेष कृषि प्रोडक्ट्स को छोड़ दिया जाएं या फिर उनके लिए खास शर्तें तय की जाएं, जैसे — आयात कोटा, सीजनल इंपोर्ट और घरेलू कंपनियों की हिस्सेदारी अनिवार्य करना।

India-US Trade Deal :  PM मोदी का बयान

पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संकेत दिया था कि भारत ट्रेड डील के लिए पूरी तरह तैयार है लेकिन किसी भी कीमत पर किसानों के हितों से समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा की “भारत किसानों की ताकत से चलता है। हमारे अन्नदाता को कमजोर करने वाला कोई भी समझौता नहीं होगा। हम दुनिया से व्यापार बढ़ाएंगे लेकिन अपनी शर्तों पर।”

India-US Trade Deal :  अमेरिका का रुख

अमेरिकी अधिकारियों ने भी माना है कि भारत के कृषि बाजार तक पहुंच अमेरिकी कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन वाशिंगटन को भी एहसास है कि भारत जैसे बड़े मार्केट में जब तक लोकल इकोनॉमी को संतुलित रखकर समझौता नहीं होगा, तब तक डील आगे नहीं बढ़ सकती।

माना जा रहा है कि अमेरिका ने कुछ मांगों में नरमी दिखाई है ताकि डील जल्द से जल्द साइन हो सके।

India-US Trade Deal :   क्या होगा डील में शामिल?

सूत्रों के मुताबिक इस ट्रेड डील में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, डिजिटल ट्रेड, मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स के लिए अमेरिका में टैक्स में छूट, रक्षा उपकरणों की सप्लाई और एनर्जी सेक्टर में सहयोग जैसे अहम बिंदु शामिल होंगे।

साथ ही भारत को कुछ अमेरिकी सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी में राहत देनी होगी, लेकिन कृषि सेक्टर पर छूट का मामला अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है।

India-US Trade Deal :   क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

ट्रेड एनालिस्ट मानते हैं कि अगर यह डील सफल होती है तो भारत को अमेरिका से टेक्नोलॉजी और निवेश के नए अवसर मिलेंगे। अमेरिका को भी दक्षिण एशिया में अपना मार्केट मजबूत करने में फायदा होगा।

हालांकि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कृषि सेक्टर को लेकर भारत को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि लापरवाही से किसानों पर विपरीत असर पड़ सकता है।

India-US Trade Deal :   कब हो सकती है आधिकारिक घोषणा?

सूत्रों के अनुसार, अगले 48 घंटों में दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी इस समझौते की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं। संभावना है कि यह ऐलान वीडियो कॉन्फ्रेंस या जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए होगा।

भारत-US ट्रेड डील पर पूरी दुनिया की नजर है। यह डील भारत के लिए तकनीकी और आर्थिक मोर्चे पर मील का पत्थर साबित हो सकती है लेकिन कृषि सेक्टर को लेकर भारत की सख्ती भी उतनी ही जरूरी है।

आने वाले दो दिन यह तय करेंगे कि भारत अपनी शर्तों पर यह ऐतिहासिक समझौता कर पाएगा या नहीं।

 

Muskan Kanojia

Asst. News Producer (T)

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