Health Tips: गलत पॉश्चर की चुपचाप मार, जानें शरीर पर पड़ने वाले 3 बड़े असर
(Tehelka Desk)Health Tips:
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम में से कई लोग दिनभर कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं। ऑफिस वर्क, स्टडी, या मोबाइल यूज़ करते समय हम अकसर अपनी बॉडी को सही तरीके से सपोर्ट नहीं देते जिसका सीधा असर पड़ता है हमारे पॉश्चर यानी शरीर की मुद्रा पर पड़ता है। खराब पॉश्चर धीरे-धीरे कई शारीरिक समस्याओं को जन्म दे सकता है, जिनका शुरू में पता भी नहीं चलता।
खराब पॉश्चर क्या होता है, यह क्यों नुकसानदायक है, और इससे जुड़ी तीन प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं क्या हैं जिनसे हमें सावधान रहना चाहिए।
Health Tips: पॉश्चर क्या है और यह इतना जरूरी क्यों है?
पॉश्चर का अर्थ होता है शरीर को खड़े होने, बैठने या चलने के दौरान रखने की स्थिति। जब हम सही ढंग से बैठते हैं, हमारी रीढ़ ढ़ (spine) सीधी होती है, कंधे पीछे और छाती खुली होती है। सही पॉश्चर शरीर पर संतुलन बनाए रखता है, मांसपेशियों पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ने देता और अंगों को ठीक से काम करने में मदद करता है।
लेकिन अगर आप अक्सर झुककर बैठते हैं, एक ही तरफ झुककर चलते हैं, या गर्दन को नीचे करके घंटों मोबाइल देखते हैं, तो यह स्थिति खराब पॉश्चर कहलाती है और यह शरीर के लिए एक धीमा ज़हर साबित हो सकती है।
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Health Tips: गलत पॉश्चर से होने वाली 3 गंभीर शारीरिक समस्याएं
- कमर और गर्दन का दर्द
खराब पॉश्चर का सबसे पहला और आम असर रीढ़ की हड्डी पर होता है। जब हम लंबे समय तक आगे की ओर झुककर बैठते हैं, तो स्पाइन का नैचुरल कर्व बदल जाता है। इससे रीढ़ की हड्डी, गर्दन और पीठ की मांसपेशियों पर लगातार दबाव पड़ता है।
लक्षण:
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- गर्दन जकड़ना या अकड़ जाना
- लंबे समय तक बैठने के बाद असहज महसूस होना
यदि इस स्थिति को लंबे समय तक अनदेखा किया जाए, तो यह स्लिप डिस्क, साइअटिका, और स्पाइन डिस्टॉर्शन जैसी गंभीर स्थितियों में बदल सकती है।
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सांस लेने में तकलीफ और ऑर्गन फंक्शन पर असर
जब आप गलत पॉश्चर में बैठते हैं जैसे झुककर, कंधे सिकोड़कर या कुर्सी पर ढीले ढाले तरीके से तो आपकी छाती और डायाफ्राम पर दबाव पड़ता है, जिससे फेफड़े पूरी तरह नहीं फैल पाते। इसका नतीजा यह होता है कि शरीर को पूरा ऑक्सीजन नहीं मिलती।
संभावित असर:
- थकान और ऊर्जा की कमी
- चक्कर आना या सिर भारी रहना
- मानसिक कार्यक्षमता में कमी
इसके अलावा, खराब पॉश्चर से पाचन तंत्र और रक्त संचार प्रणाली पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। पेट पर लगातार दबाव से गैस, अपच और कब्ज की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
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हड्डियों और जोड़ों का असंतुलन
जब शरीर बार-बार गलत तरीके से बैठता या खड़ा होता है, तो धीरे-धीरे हड्डियों और जोड़ों का प्राकृतिक संरेखण बिगड़ने लगता है। इससे घुटनों, कंधों, और पैरों पर असमान दबाव पड़ता है जिससे जोड़ों में दर्द, एड़ी की समस्या और स्कोलियोसिस जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
अन्य लक्षण:
- एक पैर या कंधा दूसरे से ऊँचा दिखाई देना
- चलते समय शरीर का झुक जाना
- संतुलन बिगड़ना या जल्दी थकावट
यह असंतुलन आगे चलकर बुजुर्गावस्था में चलने-फिरने में कठिनाई पैदा कर सकता है।
Health Tips: पॉश्चर खराब होने के अन्य नकारात्मक प्रभाव
- मूड पर असर: रिसर्च से पता चला है कि गलत पॉश्चर से डिप्रेशन और एंग्ज़ायटी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
- कंसन्ट्रेशन में कमी: शरीर को ऑक्सीजन कम मिलने से मस्तिष्क पर असर पड़ता है।
- लुक्स पर प्रभाव: लगातार झुके हुए चलना या बैठना आपकी बॉडी लैंग्वेज को नकारात्मक बना देता है।
पॉश्चर सुधारने के कुछ आसान टिप्स
- हर 30 मिनट में उठें और चलें, लगातार बैठने से बचें। स्ट्रेचिंग जरूर करें।
- कमर और पीठ को सपोर्ट दें, कुर्सी पर बैठते समय कमर के पीछे सपोर्ट का उपयोग करें।
- मोबाइल और लैपटॉप की ऊंचाई सही रखें, गर्दन झुकाकर स्क्रीन न देखें।
- सोने का तरीका ठीक रखें, तकिया और गद्दा ऐसा हो जो रीढ़ को सपोर्ट दे।
- योग और स्ट्रेचिंग करें, भुजंगासन, ताड़ासन और बालासन जैसे योगासन फायदेमंद हैं।
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कब डॉक्टर से संपर्क करें?
अगर आपको लगातार गर्दन, पीठ या कमर में दर्द हो रहा है, या बैठने/चलने में असहजता महसूस हो रही है तो यह पोश्चर संबंधी डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत किसी फिजियोथेरेपिस्ट या ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से सलाह लें।
Health Tips: अच्छी मुद्रा और अच्छी सेहत
- हम दिनभर कितने घंटे काम करते हैं, इसका असर उतना नहीं पड़ता जितना इस बात का पड़ता है कि हम कैसे बैठते या चलते हैं। पॉश्चर हमारी सेहत की नींव है। यह केवल शारीरिक ही नहीं, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है।
- अब समय है कि हम अपने पॉश्चर को गंभीरता से लें क्योंकि सही मुद्रा ही सही स्वास्थ्य की कुंजी है।