Hardoi Breaking 2025 : पन्नी की झोपड़ी से लाखों के जेवर चोरी, व्यक्ति की शिकायत से पुलिस हैरान
(Tehelka Desk) Hardoi Breaking:
पन्नी की झोपड़ी, लाखों के जेवर ,पुलिस के लिए पहेली बना मामला
Hardoi district के बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र के रफैयतगंज गांव से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस को उलझन में डाल दिया है।
गांव में पन्नी डालकर रहने वाले एक घुमंतू जाति के व्यक्ति ने पुलिस को शिकायत दी है कि उसकी झोपड़ी से लाखों रुपये के सोने-चांदी के जेवर चोरी हो गए हैं।
सुनने में ये मामला जितना सीधा लग रहा है, असल में उतना ही उलझा हुआ भी है क्योंकि शिकायतकर्ता बार-बार अपनी कहानी बदल रहा है।
Hardoi Breaking : क्या है शिकायतकर्ता का दावा?
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि वह अपने परिवार के साथ झोपड़ी में रहता है और उसने लाखों के जेवर एक बक्से में रखे थे।
पहले उसने कहा कि ये जेवर उसके परिवार और रिश्तेदारों के थे जो एक ही बक्से में रखे थे। बाद में पूछताछ में उसने बयान बदलते हुए कहा कि उसने ये जेवर बकरियां बेचकर खरीदे थे और सालों की कमाई से इकट्ठा किए थे।
Hardoi Breaking : पुलिस को क्यों लग रहा मामला संदिग्ध?
पुलिस को सबसे बड़ी हैरानी इस बात पर है कि जो परिवार पन्नी की झोपड़ी में रहता है, जिसके पास स्थाई घर तक नहीं है, उसके पास लाखों रुपये के जेवर कहां से आए?
इतना ही नहीं, इतने महंगे गहने किसी सुरक्षित जगह पर रखने की बजाय खुले में पन्नी की झोपड़ी में बक्से में रखे थे, यह भी पुलिस को संदेहास्पद लग रहा है।
पुलिस को शक है कि कहीं चोरी की ये कहानी झूठी तो नहीं? या कहीं ये मामला अवैध गतिविधियों से जुड़ा तो नहीं?
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Hardoi Breaking : पुलिस ने क्या कदम उठाए?
बिलग्राम कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है लेकिन फिलहाल सीधे चोरी मानने से बच रही है।
पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता के परिवार और रिश्तेदारों से पूछताछ की जा रही है। गांव के आसपास के लोगों से भी जानकारी जुटाई जा रही है कि क्या इस परिवार के पास पहले से इतनी संपत्ति थी या नहीं।
साथ ही पुलिस यह भी पता लगा रही है कि कहीं चोरी के नाम पर कोई बीमा क्लेम या कोई और मकसद तो नहीं है।
Hardoi Breaking : गांव में क्या कह रहे लोग?
गांव के कुछ लोगों का कहना है कि शिकायतकर्ता घुमंतू प्रवृत्ति का है और अक्सर एक जगह से दूसरी जगह परिवार समेत चला जाता है।
कुछ ग्रामीणों ने बताया कि परिवार बकरी पालन करता है और बकरियां बेचकर थोड़ी-बहुत कमाई भी करता है, लेकिन लाखों के जेवरात रखना किसी को भी हजम नहीं हो रहा।
कई लोग इसे सिर्फ दिखावा बता रहे हैं तो कुछ इसे फर्जी कहानी मान रहे हैं ताकि किसी तरह से पुलिस या सरकार से कोई मदद या मुआवजा लिया जा सके।
Hardoi Breaking : पुलिस की गहनता से जांच
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। फिलहाल किसी चोरी की पुष्टि नहीं की गई है।
फॉरेंसिक टीम भी मौके पर भेजी गई थी ताकि झोपड़ी के अंदर कोई साक्ष्य मिले। लेकिन अभी तक न तो कोई फुटप्रिंट मिला है, न कोई तोड़फोड़ या जबरन घुसने के निशान।
शिकायतकर्ता के बयान में बार-बार बदलाव भी पुलिस को शक की तरफ ले जा रहा है। पुलिस का कहना है कि अगर शिकायतकर्ता अपनी बात को सही साबित कर देता है तो केस में आगे कार्रवाई होगी, वरना उसके खिलाफ झूठी शिकायत का केस भी दर्ज हो सकता है।
Hardoi Breaking क्या कहता है कानून?
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 182 और 211 के तहत उस पर कार्रवाई हो सकती है।
पुलिस का मानना है कि चोरी जैसे संवेदनशील मामले में झूठी शिकायत देना न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि प्रशासन और संसाधनों का दुरुपयोग भी है।
Hardoi Breaking : कहीं कोई गैंग तो नहीं?
कुछ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह भी हो सकता है कि चोरी हुई हो लेकिन शिकायतकर्ता किसी गिरोह का हिस्सा हो जिसने खुद चोरी की योजना बनाई हो ताकि बीमा या सरकारी मुआवजा वसूला जा सके।
इसी वजह से पुलिस आसपास के जिलों में भी घुमंतू जाति से जुड़े मामलों को खंगाल रही है ताकि कहीं यह कोई बड़ा रैकेट तो नहीं।
रफैयतगंज गांव का यह मामला जितना छोटा दिखता है, उतना ही पेचीदा बनता जा रहा है। झोपड़ी में रहने वाले परिवार का लाखों के जेवर का दावा और बार-बार बदलती कहानी ने पुलिस को उलझा दिया है।
फिलहाल पुलिस मामले की तह तक जाने के लिए सबूत जुटा रही है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि यह सच में चोरी का मामला है या फिर यह पूरा मामला ही झूठा और साजिशन रचा गया ड्रामा है।