Gujarat Scam : (Tehelka Desk) गुजरात के दाहोद ज़िले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) से जुड़ा करीब 75 करोड़ रुपये का बड़ा घोटाला सामने आया है। इस मामले में राज्य के पंचायत और कृषि मंत्री बच्चू खाबड़ के बेटे बलवंतसिंह खाबड़ खबड़ को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी तब हुई जब बलवंतसिंह और उनके छोटे भाई किरण खाबड़ ने दाहोद की अदालत से अपनी अग्रिम जमानत याचिकाएं वापस ले लीं।.
प्राथमिक जांच में बलवंतसिंह की संलिप्तता सामने आने के बाद दाहोद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में दाहोद के डिप्टी एसपी जगदीश भंडारी ने बताया कि बलवंतसिंह की गिरफ्तारी जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण (DRDA) की एफआईआर और प्राथमिक जांच के आधार पर की गई है।
Gujarat Scam : यह घोटाला देवगढ़ बारिया और धनपुर तालुकों में मनरेगा योजना के तहत सामने आया, जहां बिना ज़मीनी काम किए करोड़ों रुपये के भुगतान कर दिए गए। इस मामले ने न सिर्फ प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि सरकार की “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस” नीति की सच्चाई पर भी गंभीर बहस छेड़ दी है। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि जांच एजेंसियां कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता से इस मामले को अंजाम तक पहुंचाती हैं।
Gujarat Scam : मनरेगा घोटाला: बलवंत खाबड़ की एजेंसी ने बिना माल आपूर्ति के उठाए बिल
गुजरात के दाहोद ज़िले में मनरेगा (MGNREGA) योजना में सामने आए 75 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए खुलासे हो रहे हैं। दाहोद के डिप्टी एसपी जगदीश भंडारी ने बताया,
Gujarat Scam : “प्राथमिक जांच में पता चला कि बलवंतसिंह खाबड़ की एक एजेंसी, जो मनरेगा परियोजनाओं में माल की आपूर्ति करती है, ने कुछ सामानों की आपूर्ति किए बिना ही बिल पेश कर दिए। फिलहाल जांच जारी है और यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कुल कितनी राशि का घपला हुआ है।” इस घोटाले में बलवंतसिंह के भाई किरण खाबड़ की भूमिका की भी जांच की जा रही है, हालांकि उसे अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
यह मामला 24 अप्रैल को दर्ज की गई एक FIR के आधार पर शुरू हुआ, जिसमें आरोप लगाया गया कि मनरेगा में सामग्री की आपूर्ति के लिए जिन कंपनियों ने टेंडर नहीं जीते थे, उन्हें प्रक्रिया को दरकिनार करके ठेके दे दिए गए और उनके बिल भी पास कर दिए गए।
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जांच में यह भी सामने आया कि कई परियोजनाएं केवल कागजों पर पास की गई थीं, जबकि ज़मीन पर उनका कोई अस्तित्व ही नहीं था। खासकर देवगढ़ बारिया के कुवा गांव में, जहां स्थानीय ग्रामीणों ने अधिकारियों को इस फर्जीवाड़े की जानकारी दी।
Gujarat Scam : अब तक इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है:
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मनरेगा शाखा के दो लेखाकार: जयवीर नागोरी और महिपालसिंह चौहान
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ग्राम रोजगार सेवक: कुलदीप बारिया और मंगलसिंह पटेलिया
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तकनीकी सहायक: मनीष पटेल
इस घोटाले पर कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:
“बीजेपी सरकार के 30 साल के शासन में भ्रष्टाचार ही प्रशासन की पहली पहचान बन गया है। दाहोद में बार-बार शिकायतों के बावजूद, जहां ज़मीन पर काम नहीं हुआ लेकिन बिल क्लियर होते रहे, सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।