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Gujarat Braeking News: ढाई साल के बच्चे को हुआ था मोतियाबिंद: पुरानी सिविल अस्पताल में पहली बार इतने कम उम्र के 1 बच्चे के माेतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया

Gujarat Braeking News चौक बाजार में स्थित पुरानी सिविल अस्पताल में ढाई साल के बच्चे के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर 10,000 में से एक-दाे बच्चाें काे मोतियाबिंद की शिकायत होती है। इसके होने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान किसी कमी के कारण यह बच्चों में हो सकता है। करीबन आधा घंटा चले ऑपरेशन के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।

फिलहाल डॉक्टरों ने अभी दाहिनी आंख का ऑपरेशन किया है, 15 दिन बाद बाई आंख का ऑपरेशन करेंगे। प्राइवेट अस्पताल में माेतियाबिंद का ऑपरेशन कराने में 70 से ₹80 हजार रुपए खर्च हाेते। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए बच्चे को लेकर पुरानी सिविल अस्पताल गए थे।

जानकारी के अनुसार राजस्थान के मूल निवासी और गोडादरा के मानसरोवर सोसाइटी में रहने वाले पवन कायत कपड़ा मार्केट में काम करते हैं। उनका ढाई साल का बेटा लक्षित कुछ दिनों से आंख से परेशान था।

परिजन उसे प्राइवेट अस्पताल में ले गए तो डॉक्टरों ने बताया कि इसे मोतियाबिंद की बीमारी है। इसके बाद पवन ने महानगर पालिका के स्लम कमेटी के चेयरमैन और पार्षद दिनेश पुरोहित से संपर्क किया। दिनेश राजपुरोहित ने सिविल के नर्सिंग एसोसिएशन के इकबाल कड़ीवाला से बात की। इसके बाद पुरानी सिविल अस्पताल के आई सर्जन डॉ. ऋषि कुमार माथुर के सहयोग से शुक्रवार को एक आंख का सफल ऑपरेशन किया गया।

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Gujarat Braeking News सिविल में रोजाना 25 से 30 आंख से संबंधित रोगों और मोतियाबिंद के ऑपरेशन होते हैं

बच्चों की आंखों में मोतियाबिंद होना आम बात है: डॉ. माथुर

पुरानी सिविल अस्पताल के सर्जन डॉ. माथुर ने बताया कि बच्चों में मोतियाबिंद होना आम बात है। गर्भावस्था के दौरान किसी कारण से यह समस्या हाे सकती है। हालांकि बच्चों में मोतियाबिंद किन कारणों से होता है अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है। 10 हजार में से एक या दो बच्चों में यह समस्या हो सकती है। बच्चे की उम्र बहुत कम है इसलिए कई बार एनेस्थीसिया के डॉक्टर की मदद ली गई। एनेस्थीसिया के डॉक्टर की मदद से ही सफल ऑपरेशन हो पाया है।

Gujarat Braeking News आई सर्जन डॉ. ऋषि कुमार माथुर (सफेद शर्ट में सबसे आगे)।
आई सर्जन डॉ. ऋषि कुमार माथुर (सफेद शर्ट में सबसे आगे)।
Gujarat Braeking News पुरानी सिविल के डॉक्टर ने ऑपरेशन करने का फैसला लिया: इकबाल कड़ीवाला

इकबाल कड़ीवाला ने बताया कि पुरानी सिविल अस्पताल के डॉ. माथुर से संपर्क किया। उन्होंने बच्चे की रिपोर्ट देखने के बाद आंख का ऑपरेशन करने का फैसला लिया। प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन पर 70 से 80 रुपए का खर्च आता है।

खास बात यह है कि पुरानी सिविल में सबसे कम उम्र के बच्चे के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया। पुरानी सिविल अस्पताल में रोजाना 25 से 30 आंख से संबंधित बीमारियों अथवा मोतियाबिंद के ऑपरेशन होते हैं। एक अनुमान के अनुसार सालभर में 2500 से अधिक आॅपरेशन हो जाते हैं। इससे पहले भी 4 से 5 साल के बच्चे के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया जा चुका है।

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