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(Tehelka Desk)G7-summit-2025 :
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच, कनाडा के कनानास्किस में आयोजित G7 Summit सम्मेलन में दुनिया की सात प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने एकजुट होकर ईरान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली और जापान के नेताओं ने इस्राइल के प्रति अपनी पूर्ण एकजुटता व्यक्त की और ईरान के परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय हस्तक्षेपों को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
G7-summit-2025 : तेहरान पर आरोप
जी-7 नेताओं ने संयुक्त बयान में ईरान की गतिविधियों को “स्थिरता विरोधी” और “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” करार दिया। उनका कहना था कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को बिना ठोस नागरिक उद्देश्य के बढ़ाया है और वह हौथी, हिज़्बुल्लाह, हमास जैसे आतंकवादी समूहों को समर्थन देकर क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ा रहा है। इसके अलावा, ईरान की मिसाइल और ड्रोन प्रौद्योगिकियों का प्रसार भी चिंता का विषय बना हुआ है।
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G7-summit-2025 : इस्राइल के प्रति समर्थन
सम्मेलन में इस्राइल के प्रति पूर्ण समर्थन व्यक्त करते हुए, जी-7 नेताओं ने इस्राइल के आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता दी। उन्होंने ईरान और उसके प्रॉक्सी समूहों से हमलों को तत्काल बंद करने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि ईरान की अस्थिरता फैलाने वाली गतिविधियाँ जारी रहती हैं, तो और कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
G7-summit-2025 : क्षेत्रीय अस्थिरता का मूल कारण
जी-7 नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि तेहरान की कार्रवाइयाँ पश्चिम एशिया में अस्थिरता का मुख्य कारण हैं। उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम, मिसाइल विकास और क्षेत्रीय आतंकवादी समूहों को समर्थन देने की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। इससे न केवल इस्राइल, बल्कि समूचे क्षेत्र की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।
G7-summit-2025 : वैश्विक प्रतिक्रिया और भविष्य की दिशा
यूएन सुरक्षा परिषद ने भी इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलाई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ईरान की कार्रवाइयों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त कर रहा है और क्षेत्रीय शांति के लिए ईरान से जिम्मेदार आचरण की उम्मीद कर रहा है। जी-7 देशों ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए ईरान से अपनी नीतियों में बदलाव की अपील की है।