(Tehelka Desk)Donald Trump Putin Call :
वैश्विक संकट की घड़ी में रूस की शांतिदूत भूमिका
जब दुनिया पहले ही यूक्रेन युद्ध की मार झेल रही है, उस समय पश्चिम एशिया में Israel and Iran के बीच तनाव और भी गहराता जा रहा है। इस बीच, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई 50 मिनट की लंबी फोन पे बातचीत ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के नए पहलुओं को जन्म दिया है। रूस जो कि स्वयं यूक्रेन युद्ध में संलग्न है, अब इजरायल-ईरान संघर्ष में शांतिदूत की भूमिका निभाने की इच्छा जता रहा है।
Donald Trump Putin Call : इजरायल-ईरान तनाव का वर्तमान नजारा
2025 में पश्चिम एशिया फिर से युद्ध के कटघरे पर खड़ा है। इजरायल ने ईरान के कुछ सैन्य ठिकानों पर सर्जिकल एयरस्ट्राइक की, जिसके बाद ईरान ने पलटवार करते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में मिसाइलें दागीं। इस टकराव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक बार फिर चिंता में डाल दिया साथ ही अमेरिका और यूरोपीय संघ जहां शांति की अपील कर रहे हैं, वहीं रूस ने इस संघर्ष में हस्तक्षेप करने की मंशा जताई है।
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Donald Trump Putin Call : 50 मिनट में क्या-क्या हुआ चर्चा में?
14 जून को पुतिन ने डोनाल्ड ट्रंप को उनके जन्मदिन की बधाई दी। इसी बहाने दोनों नेताओं के बीच एक गंभीर बातचीत हुई। करीब 50 मिनट तक चली इस फोन कॉल में कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई:
- इजरायल द्वारा ईरान पर हमले की निंदा: पुतिन ने साफ कहा कि इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है। उन्होंने इसे ‘अनुचित आक्रामकता’ करार दिया।
- ईरान का समर्थन: पुतिन ने दोहराया कि रूस ईरान का रणनीतिक सहयोगी बना रहेगा और क्षेत्रीय संप्रभुता का समर्थन करता है।
- संघर्ष को सुलझाने की पेशकश: पुतिन ने खुद को संभावित मध्यस्थ के रूप में पेश किया, जो दोनों पक्षों को वार्ता की मेज पर ला सकते हैं।
- ट्रंप की भूमिका: ट्रंप ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध शुरू ही नहीं होता। उन्होंने भी शांति की आवश्यकता पर बल दिया लेकिन इजरायल की ‘रक्षात्मक कार्रवाई’ का समर्थन किया।
Donald Trump Putin Call : क्या रूस वास्तव में बन सकता है मध्यस्थ?
यह सवाल बड़ा है कि रूस जो खुद यूक्रेन में युद्धरत है, क्या वह वाकई दो दुश्मन देशों – इजरायल और ईरान – के बीच शांति स्थापित कर सकता है?
- रूस-ईरान संबंध: रूस और ईरान के संबंध हाल के वर्षों में काफी मजबूत हुए हैं। दोनों देश सीरिया में भी एक साथ कार्यरत हैं।
- इजरायल के साथ दूरी: रूस और इजरायल के संबंध हाल के वर्षों में बिगड़ते नजर आए हैं, विशेष रूप से सीरिया और यूक्रेन मुद्दों पर।
- अंतरराष्ट्रीय छवि का प्रयास: पुतिन शायद इस माध्यम से अपनी ‘शांतिदूत’ वाली छवि बनाना चाहते हैं ताकि पश्चिमी आलोचना को संतुलित किया जा सके।
Donald Trump Putin Call : यूक्रेन युद्ध की चर्चा, क्या दिख रही है थकान?
इस बातचीत में यूक्रेन युद्ध पर भी गंभीर चर्चा हुई। पुतिन ने कहा कि रूस अब एक स्थायी युद्धविराम के लिए तैयार है – बशर्ते पश्चिमी देश यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति बंद करें और कब्जे वाले क्षेत्रों को लेकर कोई व्यावहारिक समझौता हो।
- ट्रंप ने इसे ‘युद्ध से थके समाज’ का संकेत बताया और कहा कि युद्ध अब केवल नुकसान ही पहुंचा रहा है।
- दोनों नेताओं ने यह भी स्वीकार किया कि अब अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व को एक नई दिशा की आवश्यकता है।
Donald Trump Putin Call : ईरान का अड़ियल रुख और बातचीत से इनकार
- ट्रंप ने पुतिन को यह भी बताया कि अमेरिका ईरान से फिर परमाणु वार्ता शुरू करना चाहता है, लेकिन ईरान ने हाल ही में होने वाली वार्ता से खुद को अलग कर लिया है। ईरान का मानना है कि पश्चिम, विशेष रूप से अमेरिका, केवल अपने हित साधने के लिए वार्ता करता है।
- पुतिन ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से ईरान के नेताओं से संपर्क करेंगे और बातचीत के लिए माहौल बनाने की कोशिश करेंगे। यह बयान उनकी मध्यस्थता की गंभीरता को दर्शाता है।
Donald Trump Putin Call : भविष्य की राजनीति, पुतिन-ट्रंप समीकरण का असर
2024 के अमेरिकी चुनावों के बाद से ट्रंप ने वैश्विक मंच पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। ऐसे में पुतिन से उनकी बातचीत यह संकेत देती है कि आने वाले वर्षों में ये दोनों नेता फिर वैश्विक नीति को प्रभावित कर सकते हैं – भले ही आधिकारिक पदों पर न हों।
- अगर ट्रंप 2025 में राष्ट्रपति बनते हैं तो रूस-अमेरिका संबंधों में नई दिशा आ सकती है।
- पुतिन शायद इसी संभावना को ध्यान में रखते हुए ट्रंप से करीबी बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।