Headings
- 1 Jagannath Rath Yatra 2025: जानें कब से शुरू होगी यात्रा, क्या है इसका पौराणिक और धार्मिक महत्व
- 1.0.1 Delhi factory fire : मृतकों की पहचान और रेस्क्यू ऑपरेशन
- 1.0.2 Delhi factory fire : दमकल विभाग की भूमिका
- 1.0.3 Delhi factory fire : सुरक्षा मानकों की अनदेखी
- 1.0.4 Delhi factory fire : प्रशासन की प्रतिक्रिया
- 1.0.5 Delhi factory fire : फॉरेंसिक टीम की जांच
- 1.0.6 Delhi factory fire : परिवारों पर टूटा दुख का पहाड़
- 1.0.7 Delhi factory fire : समाज और सरकार से सवाल
(Tehelka Desk)Delhi factory fire:
राजधानी दिल्ली के एक औद्योगिक क्षेत्र में रविवार को दर्दनाक हादसा हुआ जब एक Polythene and plastic products बनाने वाली फैक्ट्री में अचानक भीषण आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि पूरा परिसर कुछ ही मिनटों में जलकर खाक हो गया। दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। लेकिन तब तक चार लोगों की जान जा चुकी थी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। आग जिस फैक्ट्री में लगी वह दिल्ली के एक घनी आबादी वाले औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है, जहां सुरक्षा मानकों की अनदेखी आम बात मानी जाती है।
Delhi factory fire : कैसे फैली आग
बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक और पॉलिथीन का सामान मौजूद था, जिससे आग ने कुछ ही देर में विकराल रूप धारण कर लिया। क्योंकि प्लास्टिक अत्यधिक ज्वलनशील होता है, इसलिए आग को फैलने में देर नहीं लगी। दमकल अधिकारियों के अनुसार, आग सबसे पहले फैक्ट्री की निचली मंजिल पर लगी और फिर ऊपर की ओर फैलती चली गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने पहले विस्फोट जैसी आवाजें सुनीं और फिर कुछ ही पलों में ऊंची-ऊंची लपटें और धुआं चारों ओर फैल गया। कुछ श्रमिक जो अंदर काम कर रहे थे, वो भागने में सफल रहे, लेकिन चार लोग आग की चपेट में आ गए और बाहर नहीं निकल सके।
Jagannath Rath Yatra 2025: जानें कब से शुरू होगी यात्रा, क्या है इसका पौराणिक और धार्मिक महत्व
Delhi factory fire : मृतकों की पहचान और रेस्क्यू ऑपरेशन
फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीमों ने फैक्ट्री के अंदर तलाश अभियान चलाया। घंटों की मशक्कत के बाद मलबे से चार शव बरामद किए गए हैं। शव इस कदर जल चुके थे कि उनकी पहचान तुरंत नहीं हो सकी। पुलिस डीएनए जांच के जरिए मृतकों की पहचान कराने की प्रक्रिया में जुटी है।
रेस्क्यू टीमों ने बताया कि फैक्ट्री में प्रवेश करना बेहद कठिन था क्योंकि अंदर धुआं, तापमान और गिरती हुई छतों के कारण खतरा बहुत ज़्यादा था। फिर भी बचाव दल ने जान जोखिम में डालकर सर्च ऑपरेशन जारी रखा।
Delhi factory fire : दमकल विभाग की भूमिका
दमकल विभाग के अनुसार, आग बुझाने के लिए 15 से ज्यादा फायर टेंडर्स को मौके पर भेजा गया। आग इतनी तेज थी कि आस-पास की इमारतों को भी खाली कराना पड़ा। विभाग का कहना है कि फैक्ट्री में आग से बचाव के पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे। न तो अग्निशमन यंत्र मौजूद थे और न ही निकासी का कोई वैकल्पिक रास्ता था।
दिल्ली फायर सर्विस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा की फैक्ट्री में मौजूद ज्वलनशील सामग्री के कारण आग तेजी से फैल गई। हमारे कर्मचारियों ने जोखिम उठाकर अंदर प्रवेश किया और शवों को बाहर निकाला।
Delhi factory fire : सुरक्षा मानकों की अनदेखी
घटना के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर ऐसी फैक्ट्रियों को काम करने की अनुमति कैसे मिलती है, जहां बुनियादी सुरक्षा इंतज़ाम तक नहीं होते। यह फैक्ट्री पॉलिथीन बैग और अन्य प्लास्टिक उत्पाद बनाती थी, जो सामान्य तौर पर अधिक ज्वलनशील होते हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस फैक्ट्री में पहले भी सुरक्षा को लेकर कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। यह लापरवाही आज चार जिंदगियों की मौत का कारण बन गई।
Delhi factory fire : प्रशासन की प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार और पुलिस प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। संबंधित विभाग को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे फैक्ट्री की फायर एनओसी, रजिस्ट्रेशन और मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े दस्तावेजों की जांच करें।
पुलिस ने फैक्ट्री मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और पूछताछ के लिए उसे हिरासत में लिया गया है। यदि लापरवाही की पुष्टि होती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Delhi factory fire : फॉरेंसिक टीम की जांच
फॉरेंसिक टीम को भी घटनास्थल पर बुलाया गया है ताकि आग लगने के कारणों की वैज्ञानिक जांच की जा सके। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है, लेकिन प्लास्टिक कचरे के अनियंत्रित भंडारण और गर्म मौसम को भी आग फैलने के कारणों में शामिल माना जा रहा है।
Delhi factory fire : परिवारों पर टूटा दुख का पहाड़
मरने वालों के परिजन घटनास्थल पर पहुंचकर बिलख पड़े। किसी का बेटा, किसी का पति तो किसी का भाई इस हादसे में खो गया। कई मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश से यहां काम करने आए थे, जिनका अब कोई ठिकाना नहीं बचा।
Delhi factory fire : समाज और सरकार से सवाल
यह हादसा एक बार फिर से यही सवाल उठाता है कि जब जान माल को लेकर खतरा होता है, तो भी छोटे उद्योगों में सुरक्षा को लेकर इतनी लापरवाही क्यों होती है? क्या फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों की जान की कीमत इतनी सस्ती है?
सरकार को चाहिए कि वह न केवल इस हादसे की गहराई से जांच करे, बल्कि राजधानी समेत अन्य शहरों में चल रही अवैध या नियमों को तोड़कर संचालित हो रही फैक्ट्रियों का भी ऑडिट करे।