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CM Himanta Biswa Sarma : (Tehelka Desk) असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पाकिस्तान पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही सरमा लगातार सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की आलोचना कर रहे हैं। अब उन्होंने बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार हनन को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। सीएम सरमा ने कहा कि बलूचिस्तान में लंबे समय से निर्दोष लोगों को जबरन अगवा किया जा रहा है, उन्हें यातनाएं दी जाती हैं, और बाद में उनके शव सुनसान इलाकों में पाए जाते हैं।
CM Himanta Biswa Sarma : उन्होंने इसे ‘आतंक का चेहरा’ बताया। उन्होंने ‘वॉयस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन्स’ (VBMP) नामक संस्था का हवाला देते हुए कहा कि उनके अनुसार अब तक बलूचिस्तान से 20,000 से ज्यादा लोग लापता हो चुके हैं। कई मामलों में लापता लोगों के शव अत्यंत भयावह हालात में मिले हैं। सरमा ने कहा, “यह सब पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर एक गहरा और शर्मनाक दाग है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ऐसी घटनाएं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए आंखें खोलने वाली होनी चाहिए।
CM Himanta Biswa Sarma : “बलूचिस्तान में खून की नदियाँ बह रही हैं, दुनिया कब जागेगी?” — सीएम हिमंत बिस्व सरमा
CM Himanta Biswa Sarma : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हो रहे गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर एक बार फिर आवाज उठाई है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट में लिखा कि बलूचिस्तान में आम नागरिकों को, खासतौर पर छात्रों, शिक्षकों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को, सालों से जबरन गायब किया जा रहा है। सीएम सरमा ने लिखा, “इन लोगों को राज्य की एजेंसियों द्वारा अगवा किया जाता है, उन्हें अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं, और फिर या तो सुनसान सड़कों पर फेंक दिया जाता है या फिर उनके शव दूर-दराज़ के बीहड़ों में पाए जाते हैं।
CM Himanta Biswa Sarma : ” उन्होंने इन घटनाओं को “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” का चेहरा बताया और कहा कि यह क्रूर प्रथा अब बलूचिस्तान की एक भयावह पहचान बन गई है — जहां परिवार अपने गुमशुदा प्रियजनों की वापसी की उम्मीद छोड़, सिर्फ उनके क्षत-विक्षत शवों की खबर पाते हैं। सरमा ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2016 की स्वतंत्रता दिवस की उस ऐतिहासिक टिप्पणी की भी याद दिलाई, जिसमें पीएम ने पहली बार वैश्विक मंच पर बलूचिस्तान के पीड़ितों की व्यथा को आवाज दी थी।
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उन्होंने उस वक्त “बलूचिस्तान से बहती लाल नदियों” का ज़िक्र किया था — एक प्रतीक था उन निर्दोष लोगों के खून का, जो वर्षों से न्याय और सम्मान से वंचित हैं। सीएम सरमा ने अंत में वैश्विक समुदाय से अपील की कि वह अब और चुप न रहे, और बलूच जनता के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए आगे आए।
CM Himanta Biswa Sarma : “यह अब सिर्फ राजनीति नहीं, एक मानवीय आपातकाल है”: सीएम सरमा ने बलूचिस्तान पर फिर उठाई आवाज
CM Himanta Biswa Sarma : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बलूचिस्तान में हो रहे गंभीर मानवाधिकार हनन को लेकर एक बार फिर दुनिया का ध्यान खींचा है। उन्होंने कहा कि यह अब किसी एक देश या राजनीति का मुद्दा नहीं रह गया है — यह एक मानवीय संकट बन चुका है। सीएम सरमा ने कहा कि बलूचिस्तान में जिन लोगों को अगवा किया गया, उनके शरीर पर ऐसे गहरे यातना के निशान पाए गए हैं जो ये दर्शाते हैं कि डर और हिंसा के ज़रिए वहाँ असहमति को कुचला जा रहा है।
CM Himanta Biswa Sarma : “यह एक सोची-समझी, संगठित नीति का हिस्सा है,” उन्होंने कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस ऐतिहासिक बात का भी ज़िक्र किया, जब पीएम ने 2016 के स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था, “भारत हमेशा उन उत्पीड़ित और खामोश आवाज़ों के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा।” सरमा ने कहा कि पीएम मोदी के शब्दों में सिर्फ नैतिक साहस नहीं था, बल्कि उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान उस ओर खींचा जिसे पाकिस्तान छिपाने की हरसंभव कोशिश कर रहा था।