Headings
Child Trafficking 2025 : (Tehelka Desk) दिल्ली पुलिस ने एक शिशु तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने बताया कि गिरोह के तीन सदस्यों को दिल्ली के द्वारका से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह गुजरात, राजस्थान और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सक्रिय था। ये लोग नवजात शिशुओं को बहला-फुसलाकर ले जाते थे। इस गैंग में शामिल दो महिलाओं समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें 30 साल की यास्मीन, 36 साल की अंजलि और 47 साल के जितेंद्र को गिरफ्तार किया गया है। इस अभियान के दौरान एक नवजात बच्चे को भी बचाया गया।
Child Trafficking 2025 : कैसे पकड़े गए आरोपी
एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने बीते 20 दिनों तक लगातार नजर रखी, सुराग जोड़े और कॉल रिकॉर्ड खंगाले। आखिरकार, नवजात शिशुओं की तस्करी में लिप्त एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ। कड़ी मेहनत के बाद, तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया — जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये लोग नवजात शिशुओं को बेचने का धंधा चला रहे थे। जिन मासूमों को इस दुनिया में प्यार और सुरक्षा मिलनी चाहिए थी, उन्हें एक सौदे की तरह खरीदा-बेचा जा रहा था।
Also Read :- जलियांवाला बाग़ हत्याकांड की 106वी वर्षगांठ आज, PM मोदी समेत समूचे देश ने दी श्रद्धांजलि
Child Trafficking 2025 : किनको निशाना बनाते थे गिरो
गिरोह गुजरात और राजस्थान के गरीब लोगों को निशाना बनाता था। फिर उन्हें दिल्ली – एनसीआर में अमीर कपल्स और निशांतन कपल्स को बेच देता है। वे एक बच्चे के बदले 5 से 10 लाख रुपए लेते थे। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी गिरोह के संदिग्ध लीडर सरोज के निर्देश पर काम करते थे, जो फिलहाल फरार है।
Child Trafficking 2025 : शिशु तस्करी के बढ़ते मामले
भारत में शिशु तस्करी के बढ़ते मामलों को देख अब लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है। शिशु तस्करी केवल एक अपराध नहीं है, यह इंसानियत के खिलाफ जघन्य हमला है। इन मासूमों के साथ न केवल उनका बचपन छीन लिया जाता है बल्कि उनके परिवार की आत्मा को बहुत दुख और सदमे से भर देता है।
समाज को सिर्फ कानून पर नहीं बल्कि अपनी जागरूकता और संवेदनशीलता पर भी भरोसा होना चाहिए। हर पड़ोसी, हर स्वास्थ्य कर्मी और आम इंसान को यहां देखना ज़रूरी है कि कोई बच्चा कठिन परिस्थितियों में कहीं दिखे तो उसकी आवाज बनना ज़रूरी है।