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Chenab River : जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश: सलाल-बगलिहार डैम के गेट खुले, पाकिस्तान में बाढ़ का अलर्ट

Chenab River : (Tehelka Desk) जम्मू-कश्मीर में इन दिनों भारी बारिश ने हाहाकार मचा रखा है। चिनाब नदी का पानी इतना बढ़ गया कि भारत को सलाल और बगलिहार डैम के सारे गेट खोलने पड़े। रामबन इलाके में पानी के स्तर को काबू करने के लिए ये फैसला लिया गया। लेकिन अब नदी उफान पर है और इसका असर सीमा पार पाकिस्तान तक पहुंच गया है। वहां कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पानी का तेज बहाव देखकर लोग चिंतित हैं, और पाकिस्तान में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

Chenab River
Chenab River

Chenab River : पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर बड़ा दबाव बनाते हुए सिंधु जल समझौते को तोड़ दिया था

भारत ने बगलिहार और सलाल डैम के गेट बंद करके पाकिस्तान की ओर जाने वाला पानी रोक लिया था। लेकिन अब, सिर्फ दो दिन बाद, भारत ने अचानक इन डैमों के गेट फिर से खोल दिए। इससे चिनाब नदी में पानी का तेज बहाव शुरू हो गया, और पाकिस्तान के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा।

Chenab River : चिनाब नदी से मराला हेड में भारत ने 28,000 क्यूसेक पानी अचानक छोड़ दिया है। इस भारी मात्रा में पानी के तेज बहाव से सियालकोट, गुजरात और हेड कादिराबाद जैसे इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। लोग डरे हुए हैं, और पाकिस्तान ने कई क्षेत्रों में बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है।

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Chenab River : भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया

विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों का पनाहगाह बना हुआ है और वहां से भारत पर और हमलों की साजिश रची जा रही थी। इसके जवाब में बुधवार तड़के करीब 1:30 बजे भारतीय सशस्त्र बलों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। सिर्फ 25 मिनट में, सुबह 1:05 से 1:30 बजे के बीच, पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया।

Chenab River : अधिकारियों के मुताबिक, ये ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के थे, जो भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार रहे हैं। इस ऑपरेशन से भारत ने साफ संदेश दे दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा।

Chenab River : भारत ने सिंधु जल संधि को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है

पाकिस्तान की चिंताएं और बढ़ गई हैं। चिनाब नदी, जो इस संधि का हिस्सा है, सहित सिंधु नदी तंत्र में झेलम, रावी, ब्यास और सतलुज जैसी नदियां शामिल हैं। 1960 में हुए इस समझौते के तहत इन नदियों का पानी भारत और पाकिस्तान के बीच बांटा गया था। पाकिस्तान की खेती तो इन नदियों के पानी पर ही ज्यादातर निर्भर है।

Chenab River : बगलिहार डैम, जो चिनाब नदी पर बना एक बड़ा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट है, पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद की वजह बन चुका है। अब भारत ने इस संधि को होल्ड पर डालकर साफ कर दिया है कि वह पानी के बंटवारे में बड़े बदलाव कर सकता है। पाकिस्तान के लिए ये खबर किसी बड़े झटके से कम नहीं, क्योंकि उनकी अर्थव्यवस्था और खेती का बड़ा हिस्सा इन नदियों पर टिका है।

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