धार्मिकउत्तराखंड - उत्तर प्रदेशराज्य-शहर

Chardham Yatra Uttarakhand 2025 : क्या खतरे की जद में हैं ग्लेशियर? वाहनों की बढ़ती संख्या बढ़ा रही है चिंता

Chardham Yatra Uttarakhand 2025: Tehelka Desk: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा तीर्थ यात्रियों की संख्या के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी यात्राओं में से एक मानी जाती है। साल 2024 में तीर्थयात्रियों की संख्या करीब 47 लाख थी, जबकि यात्रा के लिए कुल 65 लाख रजिस्ट्रेशन हुए थे। इस बात से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चारधाम के दर्शन करने की इच्छा रखने वालों की संख्या देश-दुनिया में कितनी बड़ी है।

माना जा रहा है कि इस साल की चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के आने की संख्या रिकॉर्ड तोड़ सकती है। वैसे तो उत्तराखंड के पर्यटन के लिहाज से यह अच्छी खबर है, लेकिन जब बात पर्यावरण की आती है तो यह विचार बिल्कुल बदल जाते हैं, क्योंकि चारधाम में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के साथ कई समस्याएं भी यहां पहुंच जाती हैं, जो न केवल इस पूरे क्षेत्र बल्कि देश के एक बड़े हिस्से के लिए भी बिल्कुल ठीक नहीं है।

Chardham Yatra Uttarakhand 2025:  वाहनों ने बढ़ाई पर्यावरण की चिंता

Chardham Yatra Uttarakhand 2025

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान लाखों वाहन भी क्षेत्र में पहुंचते हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो:
साल 2023 – 568459 वाहन
साल 2024 – 520626 वाहन

जबकि इस साल अब तक चार धाम यात्रा के लिए 20492 प्राइवेट वाहन रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं।

Chardham Yatra Uttarakhand 2025: हर साल बढ़ रही है श्रद्धालुओं की संख्या

साल दर साल चारधामों के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं, इस साल लाखों की संख्या में चार धाम तक वाहनों के पहुंचने की उम्मीद है। इस तरह इन वाहनों के साथ ही प्रदूषण का खतरा भी बढ़ने वाला है। इतना ही नहीं, करीब 1 लाख श्रद्धालु हेलीकॉप्टर के माध्यम से बाबा केदार के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इस साल अब तक 25278 लोगों ने हेलीकॉप्टर के लिए रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।

Chardham Yatra Uttarakhand 2025: 30 अप्रैल से शुरू हो रही है चारधाम यात्रा

इस बार 30 अप्रैल से चारधाम की यात्रा शुरू होने जा रही है। 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलेंगे, जबकि 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने वाले हैं। इसके लिए अभी से ही श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवाने लगे हैं। अभी तक 1533885 रजिस्ट्रेशन करवाए जा चुके हैं। ये आंकड़ा काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है।

Chardham Yatra Uttarakhand 2025: ग्लेशियर तक पहुंच रहे वाहन

Chardham Yatra Uttarakhand 2025

पर्यावरण को लेकर चिंता इस बात की है कि अब मध्य हिमालय में मौजूद इन तीर्थ स्थलों तक वाहनों की पहुंच हो गई है। जिस कारण इस क्षेत्र में वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण सीधे तौर पर ग्लेशियर के मुहाने तक पहुंच रहा है। गंगोत्री धाम 11204 फीट की ऊंचाई पर है, इसी तरह यमुनोत्री धाम 10804 फीट पर मौजूद है। केदारनाथ धाम की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 11700 फीट की है, इसी तरह बदरीनाथ धाम समुद्र तल से 10279 फीट ऊंचाई पर मौजूद है। यह वह क्षेत्र है जहां पर ग्लेशियर भी है। ऐसी स्थिति में वाहनों से निकलने वाला कार्बन और दूसरी हानिकारक गैस ग्लेशियर को सीधे तौर से नुकसान पहुंचा रही है।

Chardham Yatra Uttarakhand 2025: ग्लेशियरों को सीधे तौर पर पहुंच रहा है नुकसान

Chardham Yatra Uttarakhand 2025

चारधाम क्षेत्र के आसपास मौजूद बड़े और छोटे ग्लेशियर भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। यहां पर सतोपंथ ग्लेशियर, गंगोत्री ग्लेशियर, गौमुख ग्लेशियर, अलकापुरी ग्लेशियर, खातलिंग ग्लेशियर, दूनागिरी ग्लेशियर, भगिनी ग्लेशियर और बंदरपूछ ग्लेशियर भी मौजूद हैं। यात्रा क्षेत्र के आसपास छोटे ग्लेशियर प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, क्योंकि इनकी मोटाई कम होती है और ऐसी स्थिति में कार्बन या वातावरण को गर्म करने वाली गैस से इन्हें तेजी से पिघलने का काम करती है।

Also Read : Online Fraud 2025 : सावधान! व्हाट्सएप की एक फोटो करवा सकती है आपका मोबाइल हैक

Chardham Yatra Uttarakhand 2025: बढ़ती वाहनों की संख्या बढ़ा रही है तापमान

मध्य हिमालय में मौजूद यह तीर्थ स्थल ग्लेशियर के आसपास होने के कारण ठंडे रहते हैं। लेकिन लाखों लोगों का यहां पहुंचना और इस दौरान लाखों वाहनों का ईंधन उपयोग यहां के वातावरण को गर्म कर देता है। इस तरह देखा जाए तो चारधाम यात्रा के दौरान यह पूरा क्षेत्र तापमान को लेकर भी काफी प्रभावित रहता है।

Chardham Yatra Uttarakhand 2025: बेतहाशा हो रहा हेलीकॉप्टर का प्रयोग

Chardham Yatra Uttarakhand 2025

यात्रा में परेशानी केवल वाहनों के ग्लेशियर के आसपास पहुंचने की ही नहीं है, बल्कि चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वालों की भी अच्छी खासी संख्या रहती है। खास तौर पर केदारनाथ धाम तक पहुंचने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में हेलीकॉप्टर का सहारा लेते हैं। हेलीकॉप्टर का उपयोग वातावरण को भी प्रभावित कर रहा है। केदारनाथ में श्रद्धालुओं के लिए करीब 9 कंपनियां अनुबंध की गई हैं, जो हवाई सेवा देती हैं और सुबह से दिन तक लगातार हेलीकॉप्टर केदारनाथ वैली में उड़ते रहते हैं।

Chardham Yatra Uttarakhand 2025:  पर्यावरण को पहुंच रहा है बढ़ा नुकसान

Chardham Yatra Uttarakhand 2025

हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल से हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियर पर नॉइस पॉल्यूशन का प्रभाव पड़ता है, साथ ही प्रदूषण भी बेहद ज्यादा होता है। इतना ही नहीं, इस क्षेत्र में घने जंगलों में रहने वाले वाइल्डलाइफ को भी इससे नुकसान होता है। हालांकि यह सभी स्थितियां सरकार की संज्ञान में भी हैं और लगातार पर्यावरण प्रेमी और वाइल्डलाइफ के जानकार भी इस मुद्दे को पूर्व में उठाते रहे हैं। लेकिन इसको लेकर कोई नियोजित यात्रा पर कभी कोई फैसला नहीं हो पाया।

Akshita Rawat

News Producer

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Back to top button