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CBSE Board Exams 2026  : 10वीं बोर्ड परीक्षा साल में दो बार, सीबीएसई का बड़ा फैसला

(Tehelka Desk)CBSE Board Exams 2026  :

नई शिक्षा नीति के अनुरूप बड़ा बदलाव

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित करने की नीति को मंजूरी दे दी है। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम करने और उन्हें अधिक अवसर देने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

CBSE Board Exams 2026  :  कैसे होगा नया परीक्षा प्रारूप

  • पहली परीक्षा: फरवरी में आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगी।
  • दूसरी परीक्षा: मई में होगी, जो केवल उन छात्रों के लिए होगी जो पहले प्रदर्शन से असंतुष्ट हैं या और बेहतर करना चाहते हैं।
  • पूरे सिलेबस की परीक्षा: दोनों बार परीक्षा में पूरा पाठ्यक्रम शामिल होगा।
  • सबसे अच्छे स्कोर को मान्यता: छात्र जिन विषयों में दोनों बार परीक्षा देंगे, उनमें से बेहतर प्रदर्शन को अंतिम परिणाम में शामिल किया जाएगा।
  • सिर्फ एक बार होगा प्रैक्टिकल: प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) वर्ष में एक बार ही किया जाएगा।

CBSE Board Exams 2026  :  इस फैसले के पीछे का उद्देश्य 

  • परीक्षा का तनाव कम करना: छात्रों को यह विकल्प मिलेगा कि अगर वह पहली बार में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके तो उन्हें दूसरा मौका मिलेगा।
  • रटने की बजाय समझ पर जोर: NEP 2020 के अनुसार शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए रचनात्मक और योग्यता आधारित मूल्यांकन ज़रूरी है।
  • स्वास्थ्य या मानसिक दबाव की स्थिति में सहूलियत: बीमार या मानसिक रूप से अस्वस्थ छात्र भी साल में एक और मौका पाकर पीछे नहीं रहेंगे।
  • समानता और अवसर: इस बदलाव से शिक्षा प्रणाली और अधिक सर्व-सुलभ और लचीली बनेगी।

CBSE Board Exams 2026  :  क्या कहते हैं छात्र, शिक्षक और स्कूल

समर्थन में विचार:

  • कई छात्रों का कहना है कि इससे उन्हें दबावमुक्त होकर पढ़ाई करने और समय का सही प्रबंधन करने का मौका मिलेगा।
  • कुछ स्कूल प्राचार्यों ने इसे सकारात्मक सुधार कहा और बताया कि इससे छात्रों को रणनीतिक ढंग से परीक्षा देने की आज़ादी मिलेगी।
  • एक ऑनलाइन सर्वे में 50% से अधिक लोगों ने इस नीति का समर्थन किया।

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CBSE Board Exams 2026  :  चुनौतियाँ और शंकाएँ

  • शिक्षकों को साल में दो बार प्रश्नपत्र तैयार करना, मूल्यांकन करना, और प्रशासनिक कार्य संभालना पड़ेगा – इससे काम का बोझ बढ़ेगा।
  • ग्रामीण और छोटे शहरों के स्कूलों को संसाधन और प्रबंधन की दिक्कतें आ सकती हैं।
  • कुछ माता-पिता और शिक्षक मानते हैं कि इस फैसले से छात्र हर विषय के लिए दोनों बार परीक्षा देने को मजबूर हो सकते हैं, जिससे परीक्षा का बोझ घटने के बजाय बढ़ जाएगा।

CBSE Board Exams 2026  :  नए सिस्टम की कार्यप्रणाली कैसे होगी

  • पहली परीक्षा के लिए List of Candidates (LoC) सितंबर 2025 तक भरनी होगी।
  • परीक्षा केंद्र, टाइम टेबल और मूल्यांकन दोनों बार एक जैसे होंगे।
  • छात्रों को दोनों परीक्षाओं के लिए पूर्व में ही शुल्क देना होगा, जिसे बाद में वापस नहीं किया जाएगा।
  • छात्र चाहें तो कुछ विषयों की परीक्षा पहली बार में और बाकी विषयों की दूसरी बार दे सकते हैं।
  • 11वीं में दाखिला पहली परीक्षा के आधार पर लिया जा सकता है, लेकिन अंतिम प्रमाणपत्र दोनों परीक्षाओं के बाद ही मिलेगा।

CBSE Board Exams 2026  :  अन्य देशों से तुलना और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य

  • अमेरिका की SAT परीक्षा की तरह भारत में भी अब छात्रों को एक से अधिक अवसर मिलेंगे।
  • यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परीक्षा प्रणाली में सुधार और छात्रों को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है।
  • CBSE की योजना है कि इसी मॉडल को आगे चलकर 12वीं कक्षा में भी लागू किया जाए।

CBSE Board Exams 2026  :  छात्रों और स्कूलों पर क्या प्रभाव पड़ेगा

 फायदे:

  • छात्रों का मानसिक तनाव कम होगा।
  • कमजोर विषयों में दोबारा मौका मिलने से बेहतर अंक लाने का अवसर मिलेगा।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते समय छात्र खुद को बेस्ट स्कोर देने की रणनीति बना सकते हैं।

CBSE Board Exams 2026  :  आगे की योजना और दिशा

  • CBSE ने 2025 में दिशा-निर्देश लागू करने की योजना बनाई है ताकि 2026 से नए फॉर्मेट में परीक्षा ली जा सके।
  • विद्यार्थियों और स्कूलों के लिए विस्तृत गाइडलाइंस जल्द ही CBSE की वेबसाइट पर जारी की जाएंगी।
  • शिक्षा मंत्रालय इस बदलाव पर निरंतर समीक्षा करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह नीति सभी छात्रों के लिए लाभकारी हो।

CBSE Board Exams 2026  :  संतुलन की ओर शिक्षा व्यवस्था

  • CBSE का यह कदम न केवल एक प्रगतिशील और छात्र-केंद्रित पहल है, बल्कि यह भारतीय शिक्षा व्यवस्था को अधिक लचीला, समान और समावेशी बनाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन है।
  • हालांकि चुनौतियाँ होंगी, लेकिन अगर यह बदलाव सही ढंग से लागू होता है तो यह विद्यार्थियों को एक स्वस्थ और बेहतर शैक्षिक भविष्य देने में सक्षम होगा।

 

 

 

Muskan Kanojia

Asst. News Producer (T)

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