(Tehelka Desk)Bihar elections 2025:
चुनाव के पहले अचानक प्रस्तावित ‘गहन पुनरीक्षण’
बिहार विधानसभा चुनाव (अक्टूबर–नवंबर 2025) से कुछ महीने पहले, चुनाव आयोग ने विशेष रूप से राज्य में मतदाता सूची का गहन विशेष पुनरीक्षण शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अचानक कदम ने राजनीतिक में हलचल मचा दी है, और RJD के Tejashwi Yadav ने इसे लेकर आयोग व सरकार पर सख्त सवाल उठाए हैं।
Bihar elections 2025: क्या है और क्यों हो रहा है?
- हर घर दस्तावेज़ सत्यापन के तहत
चुनाव आयोग का कहना है कि यह गहन पुनरीक्षण घर-घर दस्तावेजी सत्यापन पर आधारित होगा, जिसमें नए नाम जोड़े और फर्जी या गैरकानूनी मतदाताओं को हटाया जाएगा । यह प्रक्रिया पिछले तौर-तरीकों से अलग है जहां केवल ओटीपी या ऑफलाइन सुधारों के ज़रिए अपडेट होता था।
- ज़रूरी क्यों महसूस हुआ?
आयोग का तर्क है कि पिछले कुछ सालों में बिहार की मतदाता सूची में मानवीय या तकनीकी कमियों की वजह से फर्जी या गैरकानूनी नामों की भरमार हो गई है। इस त्रुटियों को सुधारने की कोशिश है । इसके पीछे का उद्देश्य ईमानदार मतदान सुनिश्चित करना और वांछित “integrity” बनाए रखना बताया गया है।
Bihar elections 2025: तेजस्वी यादव और INDIA ब्लॉक की प्रतिक्रिया
1. समय पर उठाया गया सवाल
RJD नेता तेजस्वी यादव ने सवाल किया कि 22 साल बाद 25 दिनों में 8 करोड़ मतदाताओं की सूची कैसे बनाई जाएगी, जबकि पिछली बार (2003–04) इसमें 2 साल का वक्त लगा था । इसके अलावा, मौजूदा बाढ़‑बारिश की स्थितियों में यह प्रक्रिया बेहद अव्यवहारिक है ।
2. गरीबों और वंचित वर्गों की चुनौतियाँ
तेजस्वी का कहना है कि दस्तावेजों की मांग गरीब, अल्पसंख्यक और प्रवासी वर्गों के लिए असंभव हो सकती है, जिससे वे मतदाता सूची से छूट सकते हैं, और साथ ही राशन, पेंशन जैसे कल्याण सुविधाओं से भी वंचित हो सकते हैं ।
3. NDA पर आरोप, राजनीतिक साज़िश?
तेजस्वी ने इसे बीजेपी-नीतीश की डर की राजनीति , लोकतंत्र पर हमला और गरीबों का मताधिकार छीने जाने की सचिनाई साजिश करार दिया । इसके साथ ही, तेजस्वी एवं कांग्रेस के रूप में विपक्ष इस प्रक्रिया को राजनीतिक मकसद से प्रेरित बता रहे हैं ।
Bihar elections 2025: विपक्ष की एकता
आज (27 जून, 2025) पटना में INDIA गठबंधन के नेताओं ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें बड़े पैमाने पर आलोचना की। कांग्रेस, CPI-ML, RJD समेत सभी दलों ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली कहा।
- पवन खेरा (कांग्रेस) ने इसे मताधिकार की डकैती कहा ।
- दीपंकर भट्टाचार्य (CPI-ML) ने कहा कि यह असंवैधानिक है और तमाम मोर्चों पर इसका विरोध किया जाएगा ।
Bihar elections 2025: आयोग एवं NDA की सफाई
- आयोग का पक्ष
चुनाव आयोग का कहना है कि ऐसे गहन सत्यापन अन्य राज्यों में भी हो चुके हैं, इसमें कोई राजनीति नहीं है, बल्कि उद्देश्य भ्रामक प्रविष्टियों को हटाना और सूची को स्वच्छ बनाना है ।
- BJP और राज्य सरकार की राय
BJP बांग्ला इकाई ने इस प्रक्रिया को “आवश्यक और पारदर्शी“ बताया, ताकि गैरकानूनी प्रवासियों को हटाया जा सके और वोटिंग सिस्टम को स्वच्छ रखा जा सके । राज्य में ‘NDA’ सीएम नीतीश कुमार ने भी विधिवत रूप से 2010 NPR को अपनाया और NRC का विरोध किया हुआ है ।
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Bihar elections 2025: लोकतंत्र और निर्वाचन तकनीक के बीच का संघर्ष
- SIR का लक्ष्य भ्रामक प्रविष्टियों को हटाना है, पर विपक्ष के सवाल समय की तंगड़, गरीब, प्रवासी और वंचित वर्ग को नुकसान और राजनीतिक ताक़त के साथ आयोग की निष्पक्षता इसे विवादित बना रहे हैं।
- अब सवाल उठता हैक्या आयोग यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से लागू कर पाएगा की क्या विपक्ष की चिंताओं का समाधान हो पाएगा? और क्या बिहार के मतदाता प्रणालि की यह ‘गहराई’ सूचक है या चुनावी लड़ाई का हिस्सा है?
- भविष्य बताएगा कि इस गहन पुनरीक्षण ने बिहार की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को स्वच्छ और पारदर्शी बनाने में सहायक रहा या फिर राजनीतिक सछ का उपकरण बनकर रह गया।
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