Bahraich Protest 2025 : स्कूल बंदी के खिलाफ AAP का प्रदर्शन, सरकार को चेतावनी
Headings
- 1 Hardoi Breaking 2025 : पन्नी की झोपड़ी से लाखों के जेवर चोरी, व्यक्ति की शिकायत से पुलिस हैरान
- 1.0.1 Bahraich Protest: क्या कहते हैं आंकड़े?
- 1.0.2 Bahraich Protest: ज्ञापन सौंपकर रखी ये मांगें
- 1.0.3 Bahraich Protest: लोगों में नाराजगी
- 1.0.4 Bahraich Protest: सरकार की दलील
- 1.0.5 Bahraich Protest: क्या बोले ज़िलाध्यक्ष?
- 1.0.6 Bahraich Protest: पढ़ाई की जगह पियक्कड़गीरी?
- 1.0.7 Bahraich Protest: प्रशासन की अपील
- 1.0.8 Bahraich Protest: आगे क्या?
(Tehelka Desk) Bahraich Protest:
बहराइच में स्कूलों की बंदी के खिलाफ गरजा आप कार्यकर्ताओं का हुजूम
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं ने छोटे स्कूलों को बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।
कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय लोग जुटे।
जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और स्कूलों को बंद करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की।
Bahraich Protest: क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में छात्रों की संख्या कम होने के आधार पर कई स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई है।
सरकार का तर्क है कि न्यूनतम बच्चों की संख्या पूरी न होने पर स्कूलों को संचालित करना व्यर्थ है, इससे संसाधनों का दुरुपयोग होता है।
लेकिन आम आदमी पार्टी और स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार शिक्षा को बंद कर, शराब जैसी बुरी आदतों को बढ़ावा देना चाहती है।
Bahraich Protest: सड़क से सदन तक होगा संघर्ष – AAP की चेतावनी
AAP जिलाध्यक्ष ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा –
“एक तरफ सरकार शराब की दुकानें खोलने में लगी है, दूसरी तरफ गांव-गांव की पाठशालाएं बंद की जा रही हैं। यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सरकार को फैसला वापस लेना ही होगा, वरना हम लोग सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेंगे।”
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि छोटे-छोटे गांवों में स्कूल बंद होने से बच्चों को दूर जाकर पढ़ाई करनी पड़ेगी।
गरीब तबके के लिए यह बहुत बड़ी समस्या होगी, जिससे स्कूल ड्रॉपआउट दर और बढ़ेगी।
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Bahraich Protest: क्या कहते हैं आंकड़े?
जानकारी के अनुसार, यूपी में हजारों स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या निर्धारित न्यूनतम सीमा से कम है।
सरकार इन स्कूलों को मर्ज करने या बंद करने की योजना बना रही है।
शिक्षाविदों का मानना है कि अगर ये स्कूल बंद होते हैं तो लाखों बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी।
Bahraich Protest: ज्ञापन सौंपकर रखी ये मांगें
AAP कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मांगा गया कि –
- कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद न किया जाए।
- स्कूलों को मजबूत करने के लिए संसाधन बढ़ाए जाएं।
- शिक्षक, किताबें और आधारभूत सुविधाएं हर स्कूल में उपलब्ध कराई जाएं।
- सरकार शिक्षा को प्राथमिकता दे, शराब जैसे धंधों को नहीं।
Bahraich Protest: लोगों में नाराजगी
प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि पहले ही सरकारी स्कूलों में सुविधाओं की कमी है।
गांवों में स्कूल ही नहीं रहेंगे तो गरीब और मजदूर वर्ग के बच्चों का क्या होगा?
बहुत से बच्चों के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, ऐसे में वे बच्चों को दूर के स्कूल में नहीं भेज पाएंगे।
Bahraich Protest: सरकार की दलील
वहीं शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि स्कूल बंद नहीं किए जा रहे, बल्कि उन्हें पास के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।
लेकिन आप कार्यकर्ताओं का आरोप है कि हकीकत में यह मर्जर नहीं, स्कूलों को खत्म करने की योजना है।
Bahraich Protest: क्या बोले ज़िलाध्यक्ष?
जिलाध्यक्ष ने चेतावनी दी “अगर सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो हम प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे। गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगे कि कैसे सरकार उनके बच्चों का भविष्य छीन रही है।”
Bahraich Protest: पढ़ाई की जगह पियक्कड़गीरी?
प्रदर्शन में शामिल एक महिला कार्यकर्ता ने कहा का “गरीब का बच्चा स्कूल नहीं जाएगा तो क्या करेगा? सरकार पाठशाला बंद करके मधुशाला खोलना चाहती है। यह पूरी तरह जनविरोधी फैसला है।”
Bahraich Protest: प्रशासन की अपील
प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को समझाया कि उनकी बात शासन तक पहुंचाई जाएगी।
जिला प्रशासन ने प्रदर्शन शांतिपूर्ण होने पर आप कार्यकर्ताओं की सराहना भी की।
Bahraich Protest: आगे क्या?
फिलहाल ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को भेज दिया गया है।
AAP नेताओं का कहना है कि वे सरकार को 15 दिन का समय देंगे। अगर सरकार फैसला वापस नहीं लेती तो सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन होगा।
बहराइच में AAP का यह प्रदर्शन यूपी के शिक्षा तंत्र पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है – क्या बच्चों की पढ़ाई पर ताला लगाकर सरकार सही दिशा में बढ़ रही है या फिर वाकई यह फैसला गरीबों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है?
अब देखना होगा कि सरकार स्कूलों के मुद्दे पर नरम पड़ती है या आंदोलन और तेज होगा।