उत्तराखंड - उत्तर प्रदेश
Azamgarh : अतरौलिया में अंतर्जनपदीय चोर गिरोह का भंडाफोड़, पाँच गिरफ्तार, 11 चोरी की वारदातें उजागर
(Tehelka Desk) Azamgarh :
घटना कहाँ और कैसे शुरू हुई?
- स्थान और संदर्भ
Azamgarh जिले के अतरौलिया थाना क्षेत्र में पुलिस ने अंतर-जनपदीय (cross-district) चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपी कनैला गांव के गेरुवा बाबा मंदिर के पास पकड़े गए, जहां से चोरी के आभूषण, नकद और तमंचा-कारतूस बरामद हुए। यह गिरोह neighbouring जनपदों से सक्रिय था । - पकड़े गए चार्ज
आरोपियों के कब्जे से लगभग 3.5 लाख रुपए कीमत के जेवरात, 1,85,500 नकद, एक तमंचा और कारतूस बरामद हुए।
पुलिस ने कुल 11 चोरी की घटनाओं (अतरौलिया: 4, पवई: 1, अंबेडकर नगर: 6) का खुलासा किया ।
Azamgarh : गिरोह के सदस्य, कौन थे शामिल?
- पुलिस ने जिन पाँच आरोपियों को पकड़ा है, उनमें ये प्रमुख नाम सामने आए:
- गुड्डू, पुत्र परिकहन,
- प्रकाश नट, पुत्र परिकहन (देवाकलपुर, चन्दौली),
- परिकहन नट, पुत्र स्व0 जवाहिर,
- साहब नट, पुत्र उपेन्द्र (पचदेवरा, सैयदराजा, चन्दौली),
- मलाई नट, पुत्र संतलाल (रकिपान, अमझोर, रोहतास, बिहार) ।
- सभी आरोपी मिलकर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते थे, घर-घर चोरी करने, सुनसान जगहों पर डेरा डालने और भीख मांगकर रेकी करने तक की विस्तृत योजना बनाई जाती थी।
Azamgarh : चोरी की कार्यप्रणाली, गिरोह की चालाकी
- एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि गिरोह रात में सुनसान बागों/खेतों में शरण बनाकर अपना डेरा लगाता था।
सुबह-शाम में भीख मांगने का बहाना करके गांव-गांव घूमते और वहां की सांझा-समझदारी अनुसार चोरी की घटनाएं अंजाम देते थे।
घरों पर हमला तब किया जाता जब लोग बाहर नौकरी या खेतों में गए होते—ताले लगे घरों पर ही चोरी होती थी। - चोरी की वारदात दिमागों पर आधारित रेक्की और संयोजन से अंजाम दी गई—जिससे पुलिस उनकी रणनीति के समक्ष हाथ पर हाथ धरे रही ।
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पुलिस की सफल चेकिंग और गिरफ्तारी
- “एक ठोस सुराग” मिलने पर थानाध्यक्ष अमित कुमार मिश्रा की अगुआई में टीम ने शुक्रवार रात कनैला में गेरुवा बाबा मंदिर के पास एक मैनहंट पर ऑपरेशन शुरू किया।
मंदिर के आस-पास मौजूद संदिग्धों की तलाशी ली गई, जहां चोरी की मालसामान तत्काल बरामद हुआ । - इसके बाद आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए और चोरी की वारदातों की विस्तृत जानकारी पुलिस ने बरामद सामान एवं पूछताछ से प्राप्त की ।
Azamgarh : अदालत में पेशी और आगे की कार्यवाही
- पकड़े गए आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें 35 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा जा सकता है ताकि बाकी वारदातों की पहचान व सबूत संकलन किया जा सके।
- पुलिस और अन्य सहयोगी आरोपियों व घटनाओं की जांच जुटी है, जिससे पूरा गिरोह एवं चोरी की नेटवर्क की जानकारी सामने आने की आशा है।
Azamgarh : अंतर्जनपदीय गतिविधियाँ, कहाँ-कहाँ फैला था नेटवर्क?
- आरोपियों ने अतरौलिया (4), पवई (1) और अंबेडकर नगर (6) जिलों में चोरी की अलग‑अलग घटनाओं को अंजाम दिया—जिससे पता चलता है कि गिरोह एक संगठित और चलने वाली इकाई थी।
- चोरी की वारदातों का मापदंड 1 लाख से अधिक मूल्य का जेवरात और नकदी—ऊर्जा व लागत का अंदाज देता है।
समाज और पुलिस का संदेश
- एसपी ग्रामीण चिराग जैन ने जनता से अपील की है कि घरों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत रखें, अंधेरी जगहों पर संदेहास्पद गतिविधियों की सूचना तुरंत थाने को दें।
- इसके साथ ही उन्होंने ’ग्राम चौपाल’, मोबाइल एप्स और पुलिस हेल्पलाइन के माध्यम से पुलिस-जन सहयोग को मजबूत करने का भी आह्वान किया ।
- पुलिस की कार्यवाही यह साबित करती है कि लोगों की सजगता, पुलिस की मुस्तैदी से अपराधियों का नेटवर्क तोड़ा जा सकता है।
Azamgarh : तुलना में पिछली कार्रवाईयाँ
- इससे पहले अतरौलिया व पवई थाना क्षेत्रों में गाड़ी चोरी और वाहन चोरी गिरोह को भी पकड़ा जा चुका है—जिसमें बाइक और वाहन चोरी की वारदातों में आरोपी थे और उनसे लाखों की संपत्ति जब्त की गई थी ।
- एसपी चिराग जैन की पहल पर की गई इन लगातार सफल कार्रवाइयों ने अपराधियों को हतोत्साहित किया है, जिससे क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों में कमी आई है।
Azamgarh : “कड़ी मेहनत से भय का अंत”
आजमगढ़ पुलिस की यह कार्रवाई साबित करती है कि एक संगठित और सतर्क दृष्टिकोण से चोर गिरोहों की योजनाओं को विफल कर अपराध-प्रवृत्ति रोकी जा सकती है। थाना अतरौलिया की पुलिस, एसपी चिराग जैन के नेतृत्व में, सुरक्षा के क्षेत्र में सक्रिय है और जनता को उनके सहयोग की अपील करती है। अब अगले लक्ष्य के रूप में चोरी फंँसाने वाले अन्य गिरोह की पहचान और गिरोह का पूरा नेटवर्क तोड़ना पुलिस की प्राथमिकता में है। यदि आपको संदिग्ध गतिविधियां दिखें या चोरी जैसी घटनाओं के बारे में जानकारी होगी, तो थाने या पुलिस हेल्पलाइन पर तुरंत संपर्क करें, आपका सुझाव व सहयोग आपकी सुरक्षा का अधिकार है।