Ankita Bhandari Murder Case: परिजनों का दर्द और न्याय की पुकार, 30 मई को आएगा फैसला!
देहरादून (Tehelka Desk): बहुचर्चित अंकिता भंडारी मर्डर केस में अदालत के फैसले पर उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं। इस मामले में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत 30 मई को फैसला सुनाएगी। SIT ने इस जघन्य हत्याकांड की जांच के दौरान 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कुल 97 गवाहों को नामित किया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इनमें से 47 गवाहों को अदालत में पेश किया गया।
Ankita Bhandari Murder Case: क्या है मर्डर केस की असली कहानी
मामला साल 2022 का है, जब 18 सितंबर को अंकिता भंडारी वनंतरा रिजॉर्ट से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गई थीं। इसके बाद 28 मार्च 2023 से मामले की नियमित सुनवाई अदालत में शुरू हुई। चार्जशीट के अनुसार मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, जो वनतंत्र रिजॉर्ट का मालिक है, पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354ए (छेड़छाड़ और लज्जा भंग) तथा अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए हैं।
वहीं, अन्य दो आरोपी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर धारा 302, 201 और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के अंतर्गत विचारण किया गया है। अब सभी की नजरें 30 मई पर टिकी हैं, जब अदालत इस बहु प्रतीक्षित मामले में अपना फैसला सुनाएगी। दिवंगत अंकिता के पिता वीरेन्द्र सिंह भंडारी ने कोर्ट और आम जनता से भावुक अपील की है। उन्होंने कहा कि मेरे जीते जी मेरी बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा मिले। वीरेन्द्र भंडारी ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा अजय कुमार को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है और निष्पक्ष जांच में बाधा डाली गई है।
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Ankita Bhandari Murder Case: सरकारी कार्रवाई और विवाद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की बात कही। हालांकि, रिजॉर्ट को बुलडोजर से ढहाने की कार्रवाई पर विवाद हुआ था। अंकिता के पिता ने आशंका जताई कि इससे महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो गए होंगे।
Ankita Bhandari Murder Case: सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस हत्याकांड ने उत्तराखंड में व्यापक जन आक्रोश पैदा किया। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है, जिसे घटना के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
Ankita Bhandari Murder Case: परिजनों की मांग और आश्वासन
अंकिता के परिजनों ने अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने और दोषियों को फांसी देने की मांग की। मुख्यमंत्री धामी ने परिजनों को न्याय का आश्वासन दिया, जिसके बाद उन्होंने अंकिता का अंतिम संस्कार किया।
Ankita Bhandari Murder Case: क्या अंकिता को मिल पाएगा न्याय?
30 मई को आने वाले अदालत के फैसले ने ना केवल अंकिता के परिजनों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह देखना होगा कि न्याय प्रणाली दोषियों को क्या सजा देती है जबकि उत्तराखंड की जन भावनाएं यह है कि दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए, और कोर्ट का फैसला जन भावनाओं की प्रति आएगा। इसी उम्मीद पर क्षेत्र की जनता टकटकी लगाएं बैठी है।