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 Amarnath Yatra 2025: NH‑44 पर CRPF की कड़ी निगरानी, K‑9 डॉग स्क्वाड की तैनाती

(Tehelka Desk) Amarnath Yatra 2025: 

  1. अमरनाथ यात्रा 2025, 3 जुलाई से शुरू
  • इस साल की Amarnath Yatra की अवधि 3 जुलाई से 9 अगस्त निर्धारित की गई है, जो पिछले साल (52 दिन) की तुलना में कम है।
  • यात्रा की तैयारी पूरी तरह से छठे जून से शुरू हो चुकी है, जब सुरक्षा एजेंसियों ने बा​लटाल बेस कैंप में मॉक ड्रिल की शुरुआत की।
  1. सुरक्षा का स्तर सुनियोजित बढ़ा

50,000 सीआरपीएफ जवान तैनात

Hotel Management
  • यह अब तक की सबसे बड़ी तैनाती है, जिसमें 50,000 सीआरपीएफ कर्मी, राज्य पुलिस और सेना शामिल हैं जो यात्रा मार्गों को पूरी तरह सुरक्षित बनाएंगे।

581 कंपनियों के CAPF नियंत्रण में दिए गए कार्य

  • 581 की संख्या में CAPF कंपनियों को इसके अंतर्गत लगाया गया है, जिसमें जामर्स, बोन डिफ्यूजल स्क्वैड एवं के‑9 डॉग यूनिट्स की बड़ी भूमिका रहेगी।
  1. K‑9 डॉग स्क्वाड और जैमर का रोल
  • K‑9 डॉग स्क्वाड को विस्फोटक, चोटकियों और संदिग्ध वस्तुओं के लिए तैनात किया गया है।
  • सैटेलाइट फोन और सिग्नल जैमर का उपयोग काफिलों पर संभावित IED हमलों से बचाने के लिए किया जाएगा।
  1. ड्रोन और निगरानी टेक्नॉलजी
  • ड्रोन द्वारा  निगरानी, बॉम्बर निरोधक स्क्वाड, और फेस रिकग्निशन सिस्टम लगाया गया है।
  • दोनों रास्तों  पहलगाम और बालटाल रूट  पर यह सिस्टम सक्रिय है, ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।

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  1. NH‑44 और काफिला सुरक्षा
  • NH‑44 और उससे जुड़े सभी एप्रोच रोड्स को यज्ञ कॅफ़िले यात्रा के दौरान बंद किया जाएगा, जिससे कोई अजनबी प्रवेश न कर सके।
  • काफिलों के आगे रोड ओपनिंग पार्टी, क्विक एक्शन टीम्स, और PCR वाहन तैनात रहेंगे।
  1. ठिकानों की जियो‑टैगिंग व निगरानी
  • यात्रा मार्ग पर बने सभी ढोक, धर्मशालाएं और परिवहन ठिकानों की जियो‑टैगिंग एवं निरीक्षण किया गया, ताकि संदिग्ध निर्माणों की पहचान की जा सके।
  • वन विभाग की अनुमति के बिना कोई नया ढोक नहीं बनाएगा, और संदिग्ध ओवरग्राउंड वर्कर्स की भी पहचान शामिल है।
  1. ट्रैकिंग और पहचान प्रणाली
  • हर यात्री और पोनियन चालक को RFID टैग या डिजिटल आईडी जारी किया गया है, ताकि हर व्यक्ति एवं जानवर की रीयल‑टाइम ट्रैकिंग हो पाए।
  1. No‑Fly Zone और वायु प्रतिबंध
  • ड्रोन, गुब्बारे, हलके विमान आदि पर पूरी तरह प्रतिबंध (No‑Fly Zone) लगाया गया है, जो 1 जुलाई से 10 अगस्त तक प्रभावी रहेगा।
  1. mock‑drills और समन्वित प्रतिक्रिया
  • यात्रा शुरू होने से पहले विस्तृत मॉक‑ड्रिल्स आयोजित किए गए, जिनमें जम्मू‑कश्मीर पुलिस, CRPF, NDRF, SDRF, सेना, बीएसएनएल आदि एजेंसियों ने भाग लिया ।
  • एंटी टेरर और प्राकृतिक आपदा पर प्रतिक्रिया क्षमता को आज़माया गया है।
  1. राज्य और केंद्र सरकार का इरादा
  • गृह मंत्री अमित शाह ने निर्देश दिए हैं कि यह यात्रा पूरी तरह सुरक्षित हो और श्रद्धालु बिना डर से दर्शन करें ।
  • LG मनोज सिन्हा ने यात्रियों और स्थानीय लोगों से संयुक्त चुनौतियों का सामना करने का आह्वान किया, साथ ही उन्हें नेता‑पथ यात्राओं में ‘काफिला निर्माण’ अपनाने की सलाह दी ।

अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए यह कोई सामान्य तैयारी नहीं, बल्कि सुरक्षा का सशक्त कवच बताया जा सकता है—जिसमें 50,000+ जवान, CRPF + CAPF, K‑9, ड्रोन, जैमर, RFID ट्रैकिंग, No-Fly ज़ोन, और संबंधित फ्लेक्सिबल प्रतिक्रिया उपकरण उपलब्ध हैं।
यह व्यवस्था दिखाती है कि किसी भी संभावना — चाहे वह आतंकी हमला हो या प्राकृतिक आपदा—के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
इस साल की यात्रा तीर्थयात्रियों के लिए स्वागतयोग्य रूप से सुरक्षित हो सकती है, बशर्ते सभी नियमों का पालन हो और योजना के साथ चले।

 

Muskan Kanojia

Asst. News Producer (T)

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