राज्य-शहरउत्तराखंड - उत्तर प्रदेश

AIIMS Rishikesh : मेडिकल का करिश्मा, युवक के पैर से निकाला गया 35 किलो का ट्यूमर

(Tehelka Desk)AIIMS Rishikesh :

प्रकरण का आरंभ, छह सालों का दर्द

उत्तर प्रदेश के संभल जिले से संबंध रखने वाले 27 साल के सलमान के जीवन की कहानी असाधारण है। पिछले 6 सालों से वह एक बड़े ट्यूमर की वजह से बिस्तर पर जीवन व्यतीत  कर रहा था। यह ट्यूमर इतना विशाल हो गया था कि वह उठ-बैठ भी नहीं पा रहा था और ना ही सही तरीके से शौच कर पा रहा था।

Hotel Management

मामला गंभीर तब हुआ जब यह ट्यूमर कद्दू के आकार से भी बड़ा हो गया। अनुमानत लगभग 35 किलोग्राम। यह केवल वजन ही नहीं, बल्कि मरीज की गुणवत्ता-पूर्ण ज़िंदगी और स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरनाक बन चुका था।

AIIMS Rishikesh :  9 जून का दिन, ऑपरेशन थिएटर में इतिहास

9 जून की सुबह, AIIMS Rishikesh का ऑपरेशन थिएटर तैयार था। डॉ. धींगरा की अगुवाई में एक ऑर्थो-सर्जिकल टीम ने जटिल ऑपरेशन के लिए तैयारियां शुरू कर दीं।

प्रक्रिया इतनी संवेदनशील थी कि हर एक डिटेल और हर एक कदम को उच्चतम सतर्कता से पुरा करना था।

  • एनेस्थीसिया प्लानिंग – इतने भारी ट्यूमर के साथ anesthesia देने में अनूठे चुनौतियाँ थीं।
  • ब्लड लॉस कंट्रोल – इतनी बड़ी टीशू डिटैचमेंट से रक्तस्राव गंभीर रूप से संभावित था।
  •  न्यूरोवैस्कुलर स्ट्रक्चर प्रबंधन – पैर की नसों और रक्तनलियों को बचाना हर पल जरूरी था।
  •  त्वचा और मांसपेशी रिकन्स्ट्रक्शन – सर्जरी के बाद पैर की संरचना को संरक्षित रखना अहम था।

AIIMS Rishikesh :  सफलता का नया जीवन, नया सलमान

  • ऑपरेशन सफलता पूर्वक पूरा हुआ। 34 किलो 700 ग्राम वजनी ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला गया। यह पैरों के किसी भी हिस्से में निकाले जाने वाले ट्यूमर का एक रिकॉर्ड-तोड़ उदाहरण था।
  • यदि आप इसे वजन से समझना चाहें तो यह लगभग 45–50 मध्यम आकार के भैंसों के बराबर था। इसके अतिरिक्त, ऑपरेशन टीम ने सुनिश्चित किया कि सलमान का पैर संरक्षित रहे, उसकी कार्यक्षमता बनी रहे।

AIIMS Rishikesh : डॉ. मोहित धींगरा का बयान, चुनौती या संभवता

डॉ. धींगरा ने साझा किया की यह ऑपरेशन तकनीकी और चिकित्सकीय दृष्टि से बेहद चुनौतीपूर्ण था। लेकिन जब स्वास्थ्य पेशेवर किसी मरीज के जीवन को जिंदा करने का जिम्मा उठाते हैं, तो हर चुनौती को पार करना पड़ेगा और उनके अनुसार यह न केवल एक जटिल ऑर्थोपेडिक सर्जरी थी, बल्कि इसने चिकित्सकीय इतिहास में नई मिसाल कायम की।

Haldwani Accident :  अनियंत्रित कार नहर में गिरी, मासूम समेत चार की मौत

AIIMS Rishikesh :  मरीज सलमान की प्रतिक्रिया, एक आम जिंदगी की वापसी

ऑपरेशन के तुरंत बाद सलमान ने आभार जताते हुए कहा की अब मुझे उम्मीद है, मैं फिर से खड़ा हो सकूंगा, चल सकूंगा, और एक आम युवा की तरह ज़िंदगी जी सकूंगा और उनका यह बयान उनके परिवार की आशा और डॉक्टरों की मेहनत का साक्ष्य है।

AIIMS Rishikesh :  मेडिकल इम्प्लीकेशन

यह ऑपरेशन मेडिकल जगत के लिए कई निर्देश दे गया है:

  1. विशाल ट्यूमर सर्जरी के लिए नई प्रोटोकॉल
  2. ऑर्थोपेडिक – न्यूरोवैस्कुलर टीमों का सहयोग
  3. टीम वर्क की आवश्यकता
  4. एम्स ऋषिकेश जैसे सरकारी संस्थान का महत्व

इस सफलता के बाद दिव्यांगों और ट्यूमर से प्रभावित मरीजों के लिए नए उपचार के रास्ते खुल सकते हैं।

AIIMS Rishikesh :  परिवार और समाज पर असर, जश्न या राहत

सलमान का परिवार राहत में है।  छह सालों में पहली बार उनके घर में उमंग लौट आई। अब उनका साथ देने वाला समाज भी राहत की सांस ले रहा है। लोगों को याद रहेगा यह दिन कि कैसे नवयुवक का जीवन फिर से सामान्य हुआ।

 

 

 

 

Muskan Kanojia

Asst. News Producer (T)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Back to top button